Tag: अब

  • अब पूरे यूपी में कांवड़ मार्गों पर दुकानों में लगानी होगी नेम प्लेट

    अब पूरे यूपी में कांवड़ मार्गों पर दुकानों में लगानी होगी नेम प्लेट

    उत्तर प्रदेश,19 जुलाई (The News Air): मुजफ्फरनगर में कांवड़ रूट पर दुकानदारों को अपना नाम और पहचान बताने वाले प्रशासन के आदेश पर घमासान मचा है। विपक्ष इसे हिटलरशाही बता रहा है और नाजी जर्मनी से इसकी तुलना कर रहा है। हालांकि,  यूपी के सीएम योगी ने साफ कर दिया है कि वो विपक्ष के दबाव में झुकने वाले नहीं है। सीएम योगी ने आदेश वापस लेने के बजाय नया निर्देश जारी कर दिया है। इस नए निर्देश में कहा गया है कि पूरे राज्य में कांवड़ रूट पर दुकानदारों को नेमप्लेट लगाना होगा। आइए जानते हैं पूरा मामला।

    फैसले का कारण भी सामने आया

    यूपी के सभी कांवड़ रूट पर खानपान की दुकानों के सामने दुकानदारों को अपना नाम और अपनी पहचान बतानी होगी। ऐसा कांवड़ यात्रियों की आस्था और शुचिता को बरकरार रखने के लिए किया गया है। इसके साथ ही यूपी सरकार ने चेतावनी दी है कि हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट बेचनेवालों पर कार्रवाई भी होगी।

  • नेपाल के प्रोजेक्ट में ₹290 करोड़ का इक्विटी निवेश करेगी IREDA, बोर्ड से मिली मंजूरी,

    नेपाल के प्रोजेक्ट में ₹290 करोड़ का इक्विटी निवेश करेगी IREDA, बोर्ड से मिली मंजूरी,

    PSU News: इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (IREDA) को 290 करोड़ रुपये के इक्विटी इनवेस्टमेंट की मंजूरी मिल गई है। यह निवेश स्पेशल पर्पज वीईकल्स (SPVs) की 10 फीसदी हिस्सेदारी के लिए होगा जो हाइड्रोपावर जेनेरेट करने वाली सरकारी कंपनी एसजेवीएन (SJVN) से जुड़ी हुई है। यह एसपीवी नेपाल में 900 मेगावॉट का हाइड्रो-इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट सेटअप करने के लिए बना है। कंपनी ने इसकी जानकारी एक्सचेंज फाइलिंग में दी। शेयरों की बात करें तो दोनों के ही शेयर मंगलवार 16 जुलाई को गिरावट के साथ बंद हुए। इरेडा के शेयर बीएसई पर 6.06 फीसदी टूटकर 272.25 रुपये और एसजेवीएन के शेयर 1.59 फीसदी फिसलकर 151.40 रुपये पर बंद हुए।

    ₹290 करोड़ रुपये निवेश करेगी IREDA

    एक्सचेंज फाइलिंग में कंपनी ने जो जानकारी दी है, उसके मुताबिक इरेडा के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने 16 जुलाई 2024 को नेपाल के जीएमआर अपर करनाली हाइड्रो पावर लिमिटेड और करनाली ट्रांसमिशन कंपनी प्राइवेट लिमिटेड में 10-10 फीसदी शेयरहोल्डिंग के लिए निवेश की मंजूरी दे दी। दोनों में मिलाकर इरेडा कुल 290 करोड़ रुपये के करीब निवेश करेगी। एसजेवीएन से जुड़े दोनों एसपीवी को नेपाल में 900 मेगावॉट के अपर करनाली हाइड्रो-इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट के लिए सेट-अप किया गया है। अभी जीएमआर अपर करनाली हाइड्रो पावर में जीएमआर और नेपाल सरकार की नेपाल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी इसके मौजूदा शेयरहोल्डर्स हैं। इस प्रस्ताव को अभी बोर्ड से मंजूरी मिली है लेकिन अभी इस पर केंद्र सरकार के साथ-साथ और नियामकीय मंजूरी लेनी बाकी है।

    कैसी है शेयरों की हालत?

    इरेडा के शेयर पिछले साल 29 नवंबर 2023 को एक साल के निचले स्तर 49.99 रुपये पर थे। इस लेवल से 8 महीने में यह 520 फीसदी उछलकर 15 जुलाई 2024 को 310.00 रुपये के रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया। फिलहाल इस लेवल से यह 12 फीसदी डाउनसाइड है। फिलिपकैपिटल ने इसे फिर से सेल रेटिंग दी है लेकिन टारगेट प्राइस पहले 110 रुपये पर था और अब यह 130 रुपये है। ब्रोकरेज का कहना है कि इसकी तेजी बिना किसी फंडामेंटल आधार पर है तो इसमें गिरावट आ सकती है। एसजेवीएन की बात करें तो पिछले साल 18 जुलाई 2023 को यह एक साल के निचले स्तर 45.32 रुपये पर था। इस लेवल से 7 महीने में यह 272 फीसदी उछलकर 5 फरवरी 2024 को एक साल के हाई 170.45 रुपये पर पहुंच गया। इस लेवल से फिलहाल यह 11 फीसदी डाउनसाइड है।

  • जिस मर्डर को किया ही नहीं, उसके लिए 11 साल जेल में रहा

    जिस मर्डर को किया ही नहीं, उसके लिए 11 साल जेल में रहा

    नई दिल्ली,17 जुलाई (The News Air): छत्तीसगढ़ के एक गरीब घर के व्यक्ति को जिस जुर्म के लिए सजा मिली, वह तो उसने कभी किया ही नहीं था। उसे 11 साल जेल में डाल दिया गया था। उस व्यक्ति को देश की ही अदालतों पहले ट्रायल कोर्ट और फिर हाई कोर्ट ने हत्या का दोषी मान सजा दी थी। जब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो जैसे सारी तस्वीर ही शाशे की तरह साफ हो गई। सुप्रीम कोर्ट ने उसे बेगुनाह साबित कर दिया और अत: उसे जमानत मिल गई। आइए समझते हैं कि कैसे बिना किसी गुनाह के छत्तीसगढ़ के इस शख्स को इतनी बड़ी सजा मिल गई थी।यह मामला देश की धीमी गति वाली आपराधिक न्याय प्रणाली का उदाहरण है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की बिलासपुर बेंच ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखने में पांच साल और सुप्रीम कोर्ट ने उसे हत्या के आरोपों से बरी करने में छह साल लगा दिए, क्योंकि उसने पाया कि अभियोजन पक्ष उचित संदेह से परे उसके अपराध को साबित करने में विफल रहा।

    क्या है मामला और कैसे पहुंचा सुप्रीम कोर्ट?
    रायपुर के खरोरा गांव में 2 मार्च, 2013 को अपनी सौतेली मां को जबरन डुबोने के आरोप में रत्नू यादव को गिरफ्तार किया गया था। ट्रायल कोर्ट ने 9 जुलाई, 2013 को फास्ट ट्रैक ट्रायल के जरिए उसे दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई। हाई कोर्ट ने 7 अप्रैल, 2018 को ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा। उसके लिए कोई वकील पेश नहीं हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने अभियोजन पक्ष द्वारा रिकॉर्ड पर रखे गए साक्ष्यों की जांच के आधार पर अधिवक्ता श्रीधर वाई चितले को न्याय मित्र नियुक्त किया। चितले ने कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि मौत डूबने से हुई थी, लेकिन अभियोजन पक्ष ने यह साबित करने का भार नहीं उठाया है कि यह हत्या थी।
    सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में क्या कहा?
    न्याय मित्र ने यह भी बताया कि गवाह मुकदमे के दौरान अपने बयान से पलट गया, जिससे अभियोजन पक्ष की इस कहानी की विश्वसनीयता खत्म हो गई कि उस व्यक्ति ने अपनी सौतेली मां को जबरन डुबो दिया। जस्टिस एस ओका और जस्टिस राजेश बिंदल की पीठ ने कहा कि मानवीय आचरण का सामान्य नियम यह है कि यदि कोई व्यक्ति अपने द्वारा किए गए अपराध को स्वीकार करना चाहता है, तो वह उस व्यक्ति के समक्ष ऐसा करेगा, जिस पर उसे पूर्ण विश्वास है। अभियोजन पक्ष का यह मामला नहीं है कि अपीलकर्ता (यादव) का घटना से पहले एक निश्चित अवधि तक इस गवाह से घनिष्ठ परिचय था। इसके अलावा, मुख्य परीक्षा और जिरह में गवाह का बयान पूरी तरह से अलग है। इसलिए, हमारे विचार से गवाह की गवाही विश्वसनीय नहीं है। अभियोजन पक्ष के मामले में कुछ और इसी तरह की विसंगतियां पाए जाने के बाद, पीठ ने ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट के फैसलों को खारिज कर दिया, आरोपी को बरी कर दिया और कहा कि अपीलकर्ता का अपराध उचित संदेह से परे साबित नहीं हुआ है।
  • SC On Marital Rape: क्या मैरिटल रेप को क्राइम कैटेगिरी में लाया जाएगा? अब सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई

    SC On Marital Rape: क्या मैरिटल रेप को क्राइम कैटेगिरी में लाया जाएगा? अब सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई

    नई दिल्ली, 16 जुलाई (The News Air): भारतीय दंड संहिता (IPC) में मैरिटल रेप को अपराध की कैटेगिरी में न रखने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि वह इस मामले की सुनवाई गुरुवार को करेगा। यह मामला नई आपराधिक कानूनों के तहत मैरिटल रेप को अपवाद मानने के खिलाफ दायर की गई याचिकाओं से जुड़ा है।

    सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने मंगलवार को आयकर से संबंधित एक लंबे मामले की सुनवाई के लिए दिन तय किया था। इसके बाद, ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक वुमेन एसोसिएशन (AIDWA) की ओर से पेश हुईं वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने मैरिटल रेप मामले को जल्द से जल्द सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया।

    जयसिंह ने कहा कि चूंकि आयकर का मामला सुनवाई के लिए पूरा दिन लेगा, इसलिए वैवाहिक बलात्कार मामले को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने पीठ से कहा, ‘हम इसकी सराहना करेंगे अगर आप वैवाहिक बलात्कार से जुड़े मामलों को प्राथमिकता दे सकें।’ CJI चंद्रचूड़ ने जयसिंह को आश्वासन दिया कि अगर मंगलवार को सुनवाई नहीं हो सकी तो बुधवार या गुरुवार को मामला सुना जाएगा। उन्होंने कहा, ‘अगर हम इसे आज सुनवाई के लिए नहीं ले सके, तो हम इसे कल या उसके अगले दिन देखेंगे।’

    क्या है पूरा मामला?

    दिल्ली हाई कोर्ट की दो जजों की पीठ ने 12 मई, 2022 को मैरिटल रेप को अपराध घोषित करने से संबंधित मुद्दे पर अलग-अलग फैसले सुनाए थे। जस्टिस राजीव शकधर ने इसे अपराध घोषित करने का पक्ष लिया, जबकि न्यायमूर्ति सी हरिशंकर ने इस राय से असहमति जताई और कहा कि धारा 375 का अपवाद 2 संविधान का उल्लंघन नहीं करता है क्योंकि यह समझदार मतभेदों पर आधारित है।

    इसके बाद, सुप्रीम कोर्ट के समक्ष कई याचिकाएं दायर की गईं, जिनमें उचित दिशा-निर्देश देने की मांग की गई थी। AIDWA की याचिका भी इन्हीं याचिकाओं में शामिल है, जिसमें नए आपराधिक कानूनों के तहत वैवाहिक बलात्कार को अपवाद मानने को चुनौती दी गई है। अब देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में क्या फैसला सुनाता है।

  • वक्त आ गया है, अब बीजेपी को पार्टी विद डिफरेंस बनना होगा,

    वक्त आ गया है, अब बीजेपी को पार्टी विद डिफरेंस बनना होगा,

    नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद भारत की राजनीति करवट लेने लगी है। एनडीए के 293 सांसदों के साथ तीसरी बार सरकार बनाने के बाद भी बीजेपी कॉन्फिडेंट नजर नहीं आ रही है, जबकि 234 सीटें जीतने वाले विपक्ष के हौसले बुलंद हैं। विधानसभा उपचुनाव के परिणाम ने भी बीजेपी की टेंशन बढ़ा दी है।

    13 विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनाव में बीजेपी को सिर्फ दो सीटें मिलीं। कहीं न कहीं देश में माहौल मनमोहन सिंह के यूपीए-2 जैसा होने लगा है। नीट एग्जाम (NEET) और यूजीसी जैसे एग्जाम में धांधली के आरोप इसकी शुरुआत हो चुकी है। मोदी सरकार के कार्यकाल में कराए गए काम में नुस्ख निकाले जा रहे हैं और यह लोगों को पसंद भी आ रहा है। 10 साल सत्ता में रहने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की छवि करप्शन के मामले बेदाग रही।

    अब पेपर लीक, ढहते पुल, दरकती सड़कें और बारिश में टपकते एयरपोर्ट पर सवाल खड़े हो रहे हैं। सरकार और पार्टी की ओर से किए जा रहे दावों को पब्लिक दरकिनार कर रही है। अगर बीजेपी छवि बदलने में सफल नहीं हुई तो इसका परिणाम बीजेपी को राज्यों के चुनावों में भुगतना पड़ेगा। अब बीजेपी को बूस्टर डोज तभी मिलेगा, जब वह नवंबर में होने वाले चुनाव में झारखंड, हरियाणा और महाराष्ट्र में बड़ी जीत हासिल करे।

    2014 में करप्शन से बने माहौल से बीजेपी को मिला था फायदा

    फ्लैश बैक में जाकर 2014 के दौर को याद कीजिए। जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बने थे, तब देश की जनता करप्शन और घोटालों की खबरों से परेशान थी। मनमोहन सिंह ऐसे प्रधानमंत्री के तौर प्रचारित हुए, जो कांग्रेस अध्यक्ष के मातहत के तौर पर काम करते हैं। विपक्ष ने बड़े घोटालों पर उनकी चुप्पी पर भी सवाल उठाए। कांग्रेस भी आरोपों का सटीक जवाब देने में सक्षम नहीं दिख रही थी। गुजरात में ब्रांड बन चुके नरेंद्र मोदी ने इस माहौल को भुनाया। बदलाव की इंतजार कर रही जनता ने समर्थन दिया और बीजेपी ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। फिर 10 साल तक राष्ट्रवाद की बयार बही और नरेंद्र मोदी इसके सबसे बड़े आइकॉन के तौर पर उभरे। बीजेपी हिंदी पट्टी में पंचायत से संसद तक काबिज होती गई। नगर निगम में मिलने वाली जीत का सेहरा भी पीएम मोदी के सिर मढ़ा गया। झारखंड, बिहार, कर्नाटक में हार का ठीकरा स्थानीय नेताओं ने ले लिया। 2019 में बालाकोट एयर स्ट्राइक और सर्जिकल स्ट्राइक ने पीएम मोदी की साख बढ़ाई। जनता ने उन्हें दूसरी बार सरकार बनाने का मौका दिया। मोदी 2.0 में धारा-370 हटाने और सीएए लागू करने जैसे बुलंद फैसले भी लिए। कोरोना के दौर में भी जनता नरेंद्र मोदी के साथ खड़ी रही। उन्होंने जैसा कहा, लोगों ने वैसा ही किया। यह उनकी लोकप्रियता का चरम था, जिसे देखकर विपक्ष समेत पूरी दुनिया दंग रह गई। किसान आंदोलन और कोरोना से हुई मौतों के बाद भी यूपी में बीजेपी की वापसी हुई। पिछले साल राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी भारतीय जनता पार्टी की बनी, तो नरेंद्र मोदी को अजेय मान लिया गया।

    2024 में बीजेपी अपनी ही ‘मुफ्त’ और ‘कैश’ वाली चाल में फंसी

    2024 के लोकसभा चुनाव में हालात बदल गए। बेहतर चुनाव प्रबंधन और अग्रेसिव कैंपेन के बाद भी बीजेपी पूर्ण बहुमत के 273 के आंकड़े तक नहीं पहुंच सकी। राष्ट्रवाद, मुफ्त राशन और मोदी मैजिक के सहारे चुनाव में उतरी बीजेपी के 240 पर अटकने से विपक्ष का मनोबल बढ़ा। बीजेपी के नेताओं का कहना है कि वह आरक्षण खत्म करने, 10 किलो मुफ्त राशन और खटाखट 8500 रुपये देने को लेकर फैलाए गए विपक्ष के भ्रम का काट नहीं ढूंढ सके। एक्सपर्ट मानते हैं कि नरेंद्र मोदी खुद अपनी ही स्कीम की जाल में फंस गए। बीजेपी ने राम मंदिर, पांच किलो मुफ्त राशन और कैश डिलिवरी सिस्टम को जीत का रामबाण मान लिया। कोरोना के बाद वोटरों का एक ऐसा वर्ग तैयार कर दिया, जो मुफ्त की स्कीमों पर बंपर वोट करती है। लोकसभा चुनाव में विपक्ष ने मुफ्त वाली स्कीम और कैश की रकम बढ़ा दी। संगठन के स्तर पर मोदी-शाह की जोड़ी ने करीब उम्र और परफॉर्मेंस के नाम पर 100 सांसदों के टिकट काटे और दूसरे दलों के आए चेहरों को टिकट दिया। मगर इस स्क्रीनिंग में बीजेपी से बड़ी चूक हुई। वह ऐसे सांसदों को टिकट दिया, जो क्षेत्र में नजर नहीं आए। उन नेताओं को भी मैदान में उतारा, जिन्हें जनता पहचानती भी नहीं थी। बीजेपी के अधिकतर उम्मीदवार पीएम नरेंद्र मोदी को चेहरे पर जीतने को लेकर आश्वस्त रहे और नतीजा अब सामने है।

    समय बाकी है…इन सवालों का जवाब तलाश ले बीजेपी

    बड़ा सवाल, मोदी के बाद कौन? : केंद्र सरकार के बेहतर काम का श्रेय पीएम नरेंद्र मोदी के सिर गया। राज्यों में हो रहे डेवलेपमेंट के लिए क्रेडिट पीएम मोदी के खाते में जाता रहा। मोदी-शाह के युग में बीजेपी एक ऐसा चेहरा नहीं पेश नहीं कर सकी, जो पीएम नरेंद्र मोदी का विकल्प बन सके। कुछ ऐसा ही हाल 2004 में था, जब अटल बिहारी वाजपेयी की छवि के सामने बड़े नेताओं का कद छोटा पड़ने लगा। लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में एक चुनाव हारने के बाद दूसरा नेता बनाने में संगठन को 10 साल लग गए। पॉलिटिकल एक्सपर्ट के साथ अधिकतर लोग मान चुके हैं 2024 पीएम नरेंद्र मोदी का आखिरी चुनाव है, क्योंकि वह 2029 में 78 साल के हो जाएंगे। यह नैरेटिव बड़े ही तेज गति से जनमानस के बीच अपनी जगह बना रहा है। अगले दो साल में इसका असर भी नजर आने लगेगा। बीजेपी इसे विपक्ष की चाल कह सकती है, मगर अभी तक पार्टी की ओर से इस नैरेटिव के खिलाफ कोई तैयारी नजर नहीं आ रही है। पार्टी न ही किसी नेता को विकल्प के तौर पेश कर रही है और न ही इसका खंडन कर रही है।

    मिडिल क्लास के हाथ खाली : शहरी मध्यम वर्ग बीजेपी का कोर वोटर रहा है, मगर पिछले 10 साल में राष्ट्रवाद की घुट्टी के अलावा मिडिल क्लास के हाथ कुछ नहीं लगा। हर खरीदारी पर टैक्स भरने वालों को इनकम टैक्स में छूट नहीं मिली। सरकारी नौकरियों में कमी की गई। ऐसा ही हाल अटल बिहारी वाजपेयी के दौर में था, जब एनडीए सरकार ने सरकार के आकार छोटा किया और सरकार के खजाने को भर दिया। 2004 में सेंसेक्स उफान मार रहा था और भारत का विदेशी मुद्रा भंडार पहली बार 100 बिलियन डॉलर के पार गया था। जब सरकार बदली तो कांग्रेस ने इस खजाने से नौकरियां बांटी। आज सरकार के स्तर पर बीजेपी इसी गलती को रिपीट कर रही है। विपक्ष के हाथ बेरोजगारी और महंगाई का बड़ा मुद्दा लग चुका है। अब यह मुद्दा आम लोगों को रास भी आ रहा है।

    सिर्फ पीएम मोदी की ब्रांडिंग: पिछले 10 साल में बीजेपी कांग्रेस के तर्ज पर आगे बढ़ी। जैसे कांग्रेस में जीत गांधी परिवार की होती है और हार का ठीकरा स्थानीय नेताओं पर फोड़ा जाता है, वैसे ही प्रथा बीजेपी में विकसित हुई। ब्रैंड मोदी के साथ बीजेपी आगे बढ़ रही है। चुनावों में जीत का एकतरफा श्रेय पीएम मोदी को दिया जाता रहा, जबकि मध्य प्रदेश जैसे राज्य में शिवराज सिंह चौहान जैसे स्थानीय नेताओं ने बड़ी भूमिका निभाई। यूपी में योगी आदित्यनाथ भी जनता के बीच काफी लोकप्रिय हैं। जहां-जहां बीजेपी जीती, वहां मोदी के चेहरे के साथ चुनावी प्रबंधन संभालने वाले संगठन के नेताओं को क्रेडिट नहीं मिला। सरकार और संगठन चलाना टीम वर्क है, मगर इसे ब्रांड मोदी से जोड़ दिया गया।

    बीजेपी के कांग्रेसीकरण का आरोप : कांग्रेस और दूसरे दलों से आयातित नेताओं को पार्टी, सरकार और संगठन में जगह दी गई, जबकि संगठन के लिए वर्षों तक मेहनत करते वाले कार्यकर्ता ही बने रहे। दूसरी पार्टियों से आने वाले अधिकतर ऐसे नेता हैं, जिन्हें बीजेपी के नेताओं ने चुनाव में पटखनी दी थी और वह अपना राजनीतिक भविष्य तलाश रहे थे। इन नेताओं को केंद्र और राज्यों में मंत्री पद भी नवाजा गया। पार्टी का यह रुख सीनियर कार्यकर्ताओं के मनोबल तोड़ने के लिए काफी था। अब दबी जुबान में नेता बीजेपी के कांग्रेसीकरण की बात कर रहे हैं।

    एक साल से घिस रहे पुराना रेकॉर्ड: बीजेपी के कोर समर्थक पार्टी विद डिफरेंस वाले टैगलाइन को आदर्श मानते रहे हैं। नरेंद्र मोदी सरकार को दूसरी और तीसरी इसलिए मौका मिला कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा के अलावा बीजेपी के कोर मुद्दों पर लीक से हटकर फैसले लिए। पिछले एक साल से पार्टी शौचालय, मुफ्त राशन, पांचवें नंबर की आर्थिक शक्ति जैसे चंद मुद्दों को अलाप रही है, जिसे नरेंद्र मोदी लालकिला, संसद, चुनाव प्रचार अभियान और विदेशों में भी कई दफा दोहरा चुके हैं। पार्टी के प्रवक्ता भी टीवी डिबेट में उन्हीं मुद्दों को बार-बार दोहराते हैं। इनमें में अधिकतर मुद्दे आर्थिक और मुफ्त वाले मुद्दे हैं, जो निम्न और मिडिल क्लास के पल्ले नहीं पड़ते हैं। यह सर्वविदित है कि सरकार चाहे किसी की भी हो, आर्थिक उदारीकरण का दौर जारी रहेगा। इस सरकार को नए तेवर के साथ कलेवर भी बदलना होगा।

  • तेलंगाना मॉडल स्कूल में परोसे गए खाने में मिली थी छिपकली,

    तेलंगाना मॉडल स्कूल में परोसे गए खाने में मिली थी छिपकली,

    तेलंगाना ,12 जुलाई (The News Air): केंद्र सरकार ने मेडक के रामायमपेट स्थित तेलंगाना मॉडल स्कूल के विद्यार्थियों को परोसे गए नाश्ते में छिपकली मिलने संबंधी मीडिया रिपोर्टों को गंभीरता से लिया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “तेलंगाना मॉडल स्कूल में उपमा में छिपकली मिलने की हालिया मीडिया रिपोर्टों को देखते हुए, भारत सरकार के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने स्थिति को गंभीरता से लिया है।
    “”तेलंगाना सरकार ने बताया है कि यह घटना तेलंगाना सरकार के मॉडल स्कूल के छात्रावास में हुई है। राज्य सरकार अपनी योजना के तहत मॉडल स्कूलों को नाश्ता उपलब्ध कराती है और यह पीएम पोषण योजना के अंतर्गत नहीं आता है। राज्य सरकार ने यह भी बताया है कि उन्होंने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ गंभीर कार्रवाई की है,” बयान में कहा गया। बयान में दोहराया गया कि पीएम पोषण योजना स्कूलों में गर्म पका हुआ मध्याह्न भोजन प्रदान करती है और सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सुरक्षा मानदंडों को सुनिश्चित करने और छात्रों के लिए ठीक से पका हुआ भोजन उपलब्ध कराने के लिए उचित कदम उठाने की सलाह दी गई है। इस सप्ताह की शुरुआत में तेलंगाना मॉडल स्कूल के तीन छात्र उपमा खाने के बाद बीमार पड़ गए थे। उनमें से कम से कम तीस से चालीस छात्रों ने यह खाना खाया था।
    अधिकारियों के अनुसार, सुबह के नाश्ते के लिए बनाए गए उपमा में छिपकली गिर गई थी। पुलिस ने बताया, “स्कूल प्रशासन ने 30-40 छात्रों को उपमा परोसने के बाद इस पर ध्यान दिया। जब उन्होंने इस पर ध्यान दिया, तो उन्होंने इसे किसी और को परोसना बंद कर दिया।” पुलिस ने बताया, “खाना खाने से उल्टी होने के बाद तीन छात्रों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया।” इस महीने की शुरुआत में, मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में भारतीय सेना में नौकरी की तैयारी कर रहे और एक कोचिंग अकादमी के छात्रावासों में रह रहे कम से कम 100 छात्र भोजन विषाक्तता से पीड़ित हो गए, जिनमें से 30 को अस्पताल में भर्ती कराया गया। सभी छात्र एक ही कोचिंग अकादमी के थे और शहर में उसके पांच अलग-अलग छात्रावासों में रह रहे थे। इसके अलावा, इंदौर के श्री युगपुरुष धाम बौद्धिक विकास केंद्र में संदिग्ध खाद्य विषाक्तता के एक अन्य मामले में पांच बच्चों की मौत हो गई।
  • Price Hike Alert: महंगी हो गई Kia की सेल्टोस, अब इतनी ढीली करनी होगी जेब

    Price Hike Alert: महंगी हो गई Kia की सेल्टोस, अब इतनी ढीली करनी होगी जेब

    Kia Price Hike Alert: किया की एसयूवी अब महंगी हो गई हैं। किया इंडिया (Kia India) ने अपनी पॉपुलर एसयूवी सेल्टोस (Seltos) की कीमतें भारत में बढ़ा दी हैं। इसकी कीमतों में 19 हजार रुपये तक का इजाफा किया गया है। प्राइस हाइक के बाद अब किया की सेल्टोस भारत में 10.90 लाख रुपये (एक्स-शोरूम प्राइस) से शुरू है। किया की सिर्फ सेल्टोस ही नहीं बल्कि किया ने अपनी सोनेट एसयूवी (Sonet SUV) की भी कीमतें इस महीने से बढ़ा दी हैं। इसके भाव में अधिक इजाफा हुआ है और ये 27 हजार रुपये तक महंगी हुई हैं।

    10 वैरिएंट में उपलब्ध है Kia Seltos

    किया की सेल्टोस एसयूवी के मार्केट में 10 वैरिएंट्स उपलब्ध हैं जिसमें से एक तो अभी हाल ही में लॉन्च किया गया था। ये वैरिएंट हैं- एचटीई, एचटीके, एचटीके+, एचटीएक्स, एचटीएक्स+, जीटीएक्स, जीटीएक्स+ (एस), जीटीएक्स+, एक्स0लाइन (एस)। इनमें से कुछ वैरिएंट्स की कीमतें 2 हजार रुपये से 19 हजार रुपये तक बढ़ गई हैं। इस प्राइस हाइक के बाद टॉप-स्पेसिफिकेशन वाली डीजल ऑटोमैटिक में एक्स-लाइन वैरिएंट अब 20.37 लाख रुपये (एक्स-शोरूम प्राइस) में उपलब्ध है।

    नए जीटीएक्स वैरिएंट में क्या है खासियत

    किया की सेल्टोस की अभी हाल ही में जीटीएक्स वैरिएंट आई थी। यह वैरिएंट एचटीएक्स+ (एस) और जीटीएक्स+ (एस) के बीच है। फीचर्स की बात करें तो इसमें 18 इंच की अलॉय व्हील्स है। इसके अलावा फ्रंट सीट्स वेंटिलेटेड है, एडीएस सुईट और डुएल-जोन क्लाइमेट कंट्रोल लिस्टम है।

  • बंगाल में सरेआम पीटी गई महिला ने लिया यू-टर्न, अब कर दिया ये नया दावा

    बंगाल में सरेआम पीटी गई महिला ने लिया यू-टर्न, अब कर दिया ये नया दावा

    एक सरकारी अस्पताल में इलाज करा रही पीड़िता ने कहा कि उसने पुलिस में एक लिखित शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है, जिन्होंने चोपड़ा इलाके में एक तृणमूल कांग्रेस विधायक के कथित सहयोगी द्वारा उसे बार-बार पीटने और पीटने का वीडियो बनाया था।

    पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले में एक व्यक्ति के साथ सार्वजनिक रूप से पिटाई करते हुए वायरल वीडियो में कैद हुई महिला ने अब यू-टर्न ले लिया है और दावा किया है कि फुटेज उसकी अनुमति के बिना रिकॉर्ड किया गया था। एक सरकारी अस्पताल में इलाज करा रही पीड़िता ने कहा कि उसने पुलिस में एक लिखित शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है, जिन्होंने चोपड़ा इलाके में एक तृणमूल कांग्रेस विधायक के कथित सहयोगी द्वारा उसे बार-बार पीटने और पीटने का वीडियो बनाया था।

    उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि मेरा वीडियो किसने वायरल किया। जिसने भी इसे वायरल किया उसके खिलाफ मैंने पुलिस स्टेशन में एक लिखित शिकायत दर्ज कराई है। किसी ने मेरी अनुमति के बिना उस वीडियो को वायरल कर दिया है। मैंने पुलिस से अपील की है कि ऐसा करने वालों के खिलाफ सजा सुनिश्चित की जाए। वायरल वीडियो में जोड़े को बांस की छड़ी से पीटते हुए दिख रहे व्यक्ति की पहचान तजमुल उर्फ ​​’जेसीबी’ के रूप में हुई, जो कथित तौर पर चोपड़ा इलाके का तृणमूल कांग्रेस नेता है। उन्हें 30 जून को गिरफ्तार किया गया और स्थानीय अदालत में पेश करने के बाद पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।

    विपक्षी भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस पर पश्चिम बंगाल में “तालिबान शासन” और “शरिया कानून” लागू करने का आरोप लगाया और आरोप लगाया कि तजमुल के चोपड़ा विधायक हमीदुल रहमान से संबंध थे, जिन्होंने कथित तौर पर घटना की ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी की निंदा के बावजूद उनका बचाव किया था।

  • अब दंड की जगह न्याय होगा, क्रिमिनल लॉ में क्या-क्या बदला देश के गृह मंत्री से खुद जानें,

    अब दंड की जगह न्याय होगा, क्रिमिनल लॉ में क्या-क्या बदला देश के गृह मंत्री से खुद जानें,

    नई दिल्ली 01 जुलाई (The News Air) केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में संसद पुस्तकालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। देश में तीनों नए आज यानी एक जुलाई से कानून लागू हो गए हैं और इसको लेकर गृह मंत्री ने कहा कि देश की जनता को मैं बहुत-बहुत बधाई देना चाहता हूं कि आजादी के 77 साल बाद आपराधिक न्याय प्रणाली (Criminal Justice System) पूर्णतया स्वदेशी हो रही है और भारतीय Ethos के आधार पर चलेगी। 75 साल बाद इन कानूनों पर विचार हुआ। ये कानून जब आज से हर थाने में अपना काम करना चालू करेंगे तब अंग्रेजों के बनाएं हुए कानून निरस्त होंगे और भारत की ससंद में बनाए गए कानून आएंगे।

    दंड की जगह न्याय लेगा

    अमित शाह ने कहा कि दंड की जगह न्याय लेगा, देरी की जगह स्पीडी ट्रायल और स्पीडी जस्टिस मिलेगा और पहले सिर्फ पुलिस के अधिकारों की रक्षा की गई थी अब पीड़ितों व शिकायतकर्ता के अधिकारों की रक्षा होगी। इस नए नजरिए के साथ ये तीनों कानून देश में लागू हुए हैं। कानून के अंदर हमने व्याख्या के तौर पर समाहित किया है, जिससे आने वाले समय में भी जो अनुसंधान होंगे वो व्याख्यायित किए गए हैं। ये विश्व की सबसे आधुनिक न्याय प्रणाली बनेगी। इसका मुझे विश्वास है। कंप्यूटराइजेशन की प्रक्रिया पूरी हो गई है। 99.9 प्रतिशत थाने कंप्यूटराइजड हो चुके हैं।

    90 दिन में जांच की रिपोर्ट 

    अमित शाह ने कहा कि किसी को पुलिस ले जाती थी, परिवार वालों को कोर्ट में आना पड़ता था। अब हमने जरूरी किया है कि हर थाने में रजिस्टर होगा। ई रजिस्टर भी होगा कि कौन सा अपराधी पुलिस की कस्टडी में है। 90 दिन में जांच का रिपोर्ट देने से बहुत बड़ा फायदा होगा।

  • JDU राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में Nitish Kumar ने किया बड़ा ऐलान,

    JDU राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में Nitish Kumar ने किया बड़ा ऐलान,

    हम आपको बता दें कि दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी के सभी सांसद, केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह तथा रामनाथ ठाकुर एवं बिहार और अन्य राज्यों के वरिष्ठ नेता शामिल हुए।

    बिहार में सत्तारुढ़ गठबंधन का नेतृत्व कर रहे जनता दल युनाइटेड ने आज अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कई अहम फैसले किये। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में सबसे बड़ा निर्णय यह लिया गया कि सांसद संजय झा पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष होंगे। इसके अलावा पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के समक्ष नीतीश कुमार ने घोषणा की कि वह अब हमेशा एनडीए गठबंधन का हिस्सा रहेंगे। माना जा रहा है कि नीतीश की इस घोषणा से उन अटकलों पर विराम लग गया है जिसके तहत अक्सर यह दावा कर दिया जाता है कि वह दोबारा इंडिया गठबंधन में लौटने की राह तलाश रहे हैं।

    JDU की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक के बाद पार्टी प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा, “..उन्होंने (CM नीतीश कुमार) राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सामने घोषणा की है कि अब वे हमेशा NDA गठबंधन का हिस्सा रहेंगे।” उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि बिहार हाईकोर्ट द्वारा रोके गए आरक्षण को लेकर हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि राज्यसभा सांसद संजय झा को राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है। त्यागी ने साथ ही कहा कि पार्टी ने बिहार को विशेष दर्जा या विशेष वित्तीय पैकेज देने की केंद्र सरकार से मांग की है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि जद (यू) ने प्रश्नपत्र लीक मामले के आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने और परीक्षा में गड़बड़ी रोकने के लिए संसद में कठोर कानून पारित करने की मांग भी की है।

    हम आपको बता दें कि दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी के सभी सांसद, केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह तथा रामनाथ ठाकुर एवं बिहार और अन्य राज्यों के वरिष्ठ नेता शामिल हुए। बताया जा रहा है कि इस बैठक में हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों के विश्लेषण के साथ ही 2025 में होने वाले विधानसभा चुनावों की रणनीति समेत कई अहम मुद्दों पर चर्चा की जा रही है।

  • आबकारी नीति मामले में अब सुनीता केजरीवाल की बढ़ी मुश्किलें, कोर्ट ने जारी किया नोटिस

    आबकारी नीति मामले में अब सुनीता केजरीवाल की बढ़ी मुश्किलें, कोर्ट ने जारी किया नोटिस

    नई दिल्ली, 15 जून (The News Air) दिल्ली उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल को आबकारी नीति मामले से संबंधित अदालती कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया मंच से हटाने के लिए शनिवार को निर्देश जारी किया। वीडियो में आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल एक अधीनस्थ अदालत में अपनी बात रखते नजर आते हैं।

    न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा और न्यायमूर्ति अमित शर्मा की पीठ ने दिल्ली उच्च न्यायालय के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाने वाली याचिका पर सुनीता केजरीवाल समेत छह लोगों और सोशल मीडिया मंच एक्स, मेटा और यूट्यूब को नोटिस जारी किए हैं। उच्च न्यायालय ने सोशल मीडिया मंचों को यह भी निर्देश दिया कि यदि उनके संज्ञान में आता है कि ऐसी ही सामग्री दोबारा पोस्ट की गई है तो वे उसे भी हटा दें।

    अदालत ने मामले में अगली सुनवाई के लिए नौ जुलाई की तारीख निर्धारित की। उच्च न्यायालय अधिवक्ता वैभव सिंह द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था। सिंह ने अपनी याचिका में दावा किया कि दिल्ली आबकारी नीति मामले में गिरफ्तारी के बाद जब अरविंद केजरीवाल को 28 मार्च को एक अधीनस्थ अदालत में पेश किया गया तो उन्होंने अदालत के समक्ष व्यक्तिगत रूप से अपनी बात रखने का विकल्प चुना था।

    उन्होंने आगे बताया कि कोर्ट में हुई इस कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया मंच पर पोस्ट की गई, जो कि अदालतों से संबंधित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय नियम, 2021 के तहत प्रतिबंधित है। कथित तौर पर यह वीडियो आप संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल और अन्य लोगों द्वारा दोबारा पोस्ट किया गया था।

  • Portfolio Allocation In Modi Cabinet: सरकार नई, जोश वही, तीसरे कार्यकाल की पहली बैठक

    Portfolio Allocation In Modi Cabinet: सरकार नई, जोश वही, तीसरे कार्यकाल की पहली बैठक

    नई दिल्ली, 10 जून (The News Air) नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में लगातार तीसरी बार भारत के प्रधान मंत्री के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रधानमंत्री और उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगियों को शपथ दिलाई। नई दिल्ली में भव्य शपथ ग्रहण समारोह में विश्व नेताओं, व्यापार, मनोरंजन उद्योग के कई गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।

    नवगठित एनडीए सरकार की पहली कैबिनेट बैठक दिल्ली के 7, लोक कल्याण मार्ग पर चल रही है। नए शामिल किए गए मंत्रियों को विभागों का वितरण भी किया जाना है। कैबिनेट की मीटिंग में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत 2 करोड़ लोगों को घर देने की बात है उस पर संस्तुति होगी। इसके साथ ही संसद का एक सत्र बुलाया जाएगा।

    जिसमें 18वीं लोकसभा के नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाई जाएगी। नए स्पीकर का चुनाव होगा। इसके साथ ही राष्ट्रपति द्वारा लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों को संयुक्त संबोधन होगा। 

    कैबिनेट की मीटिंग के सबसे बड़े एजेंडे में रहेगा कि प्रधानमंत्री मोदी अपने कैबिनेट के सहयोगियों को 100 दिन का एजेंडा बनाने और पेंडिंग परियोजनाओं की सूची पर लगकर पूरा करना है। पांच साल का रोड मैप तैयार करना। मोदी सरकार का लक्ष्य विकसित भारत पर काम करना है। किस कैबिनेट मंत्री को कौन से मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। ये जानकारी भी जल्द सामने आ जाएगी। पीएम की कैबिनेट मीटिंग में राजनाथ सिंह, अमित शाह, जेपी नड्डा, जेपी नड्डा, मनोहर लाल खट्टर और ललन सिंह, शिवराज सिंह चौहान, नितिन गडकरी और पीयूष गोयल भी शामिल हैं।

  • Delhi School Bomb Threat: बम की खबर के बाद अब तक Delhi Police के हाथ लगी ये जानकारी

    Delhi School Bomb Threat: बम की खबर के बाद अब तक Delhi Police के हाथ लगी ये जानकारी

    नई दिल्ली, 1 मई (The News Airबुधवार की सुबह से ही राष्ट्रीय राजधानी में हड़कंप मचा हुआ है। दिल्ली नोएडा और गुरुग्राम के लगभग 80 स्कूलों में बम होने की धमकी भरा ईमेल भेजा गया है। बम रखी हुई की जानकारी मिलते ही स्कूलों और आसपास के इलाकों में हड़कंप मच गया है।

    अफरा तफरी के  माहौल के बीच दिल्ली पुलिस की टीम स्कूलों में पहुंची और स्कूलों की तलाशी ली है। दिल्ली पुलिस ने अन्य विभागों के साथ मिलकर स्कूलों में सर्च ऑपरेशन चलाया है। सर्च ऑपरेशन में डॉग स्क्वाड और बॉम्ब स्क्वाड को भी लगाया गया है ताकि संदिग्ध सामान मिलने पर उसकी विस्तृत जांच की जा सके।

    दिल्ली पुलिस ने बम स्क्वॉड के साथ मिलकर एक-एक क्लासरूम की गहनता के साथ जांच की है। बता दे कि दिल्ली पुलिस को जैसे ही इस मिल की जानकारी मिली हथियार के तौर पर स्कूल के सभी बच्चों को घर भेज दिया गया उनकी छुट्टी करदी गई। बता दे कि अब दिल्ली पुलिस के पता लगाने में जुटी है कि यह ईमेल किसने भेजा है। चुराती जहाज में दिल्ली पुलिस की संभावना है कि यह ईमेल विदेश से आया था।

     दिल्ली पुलिस ने दिया ये बयान

    दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में कम से कम 80 स्कूलों को ईमेल के जरिए बम से उड़ाने की धमकी मिलने के बाद बुधवार को सुबह विद्यार्थियों और अभिभावकों में दहशत फैल गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। गृह मंत्रालय ने कहा है कि यह धमकी एक अफवाह प्रतीत होती है और घबराने की कोई जरूरत नहीं है। दिल्ली पुलिस ने कहा कि उसने उन सभी स्कूलों की गहन जांच की है जहां बम रखे होने की धमकी मिली थी। दिल्ली पुलिस के अनुसार, जांच में कुछ नहीं मिला। दिल्ली पुलिस ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा “दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के अनुसार ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की है। पोस्ट में आगे कहा गया है, “कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह अफवाह है। हम लोगों से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें।

     गृह मंत्रालय ने दी ये जानकारी

    केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को स्कूलों में बम रखे होने की धमकी को अफवाह बताया और लोगों से कहा कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है। मंत्रालय ने कहा कि पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के अनुसार जरूरी कदम उठा रही हैं। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘घबराने की कोई जरूरत नहीं है। ईमेल से दी गई बम की धमकी अफवाह लगती है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के अनुसार आवश्यक कदम उठा रही हैं।’’ राष्ट्रीय राजधानी और पड़ोस के नोएडा शहर में 80 से अधिक स्कूलों को बुधवार को सुबह उनके परिसर में बम रखे होने की धमकी वाला ईमेल मिलने के बाद अफरा-तफरी की स्थिति बन गई। ईमेल के बारे में स्थानीय पुलिस को सूचित कर दिया गया और सभी स्कूलों को खाली करा लिया गया।

    जानें दिल्ली पुलिस का बयान

    इस मामले पर दिल्ली पुलिस पीआरओ सुमन नलवा का कहना है, “कई स्कूलों ने हमसे संपर्क किया है कि उन्हें अपने परिसर में बम के बारे में एक ईमेल मिला है। दिल्ली पुलिस ने तलाशी अभियान चलाया है लेकिन कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है।” अब तक पता चला है…ऐसा लगता है कि किसी ने दहशत पैदा करने के लिए ऐसा किया है…मैं बस माता-पिता से अनुरोध करना चाहता हूं कि वे घबराएं नहीं। हम इस संबंध में जांच कर रहे हैं।”