नई दिल्ली, 27 दिसंबर (The News Air): सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन के पूर्व चेयरमैन और ऑटोमोबाइल उद्योग के महानायक ओसामू सुजुकी का 94 साल की उम्र में निधन हो गया। ओसामू सुजुकी ने न केवल अपनी कंपनी को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई, बल्कि भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग को भी नए आयाम दिए। उनके निधन से ऑटोमोबाइल क्षेत्र में शोक की लहर है।
भारत और मारुति 800 की कहानी: ओसामू सुजुकी की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक थी भारत में किफायती कार मारुति 800 की लॉन्चिंग। 1983 में लॉन्च की गई यह कार भारत के मध्यम वर्ग के लिए एक वरदान साबित हुई। उस समय इसकी कीमत मात्र ₹47,500 थी, जो भारतीय परिवारों के लिए पहली बार कार खरीदने का सपना सच करने जैसा था।
मारुति 800 न केवल एक वाहन थी, बल्कि यह भारत में ऑटोमोबाइल क्रांति की शुरुआत थी। सुजुकी ने भारतीय बाजार में निवेश करने का जोखिम उठाया और यह निर्णय उनकी दूरदर्शिता को दर्शाता है। ओसामू सुजुकी व्यक्तिगत रूप से इस प्रोजेक्ट में शामिल थे और इसकी सफलता के पीछे उनका महत्वपूर्ण योगदान था।
सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन का नेतृत्व: ओसामू सुजुकी का करियर 1958 में सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन से शुरू हुआ। कंपनी में उनकी मेहनत, दूरदृष्टि, और प्रबंधन कौशल ने उन्हें 1978 में कंपनी का अध्यक्ष बनाया। इसके बाद 2000 में उन्होंने चेयरमैन का पद संभाला। उनके नेतृत्व में, सुजुकी मोटर ने न केवल जापान, बल्कि भारत, अमेरिका, यूरोप और अन्य देशों में भी अपनी स्थिति को मजबूत किया।
जन्म और शिक्षा: ओसामू सुजुकी का जन्म 30 जनवरी 1930 को जापान के गिफु शहर में हुआ था। उन्होंने साधारण शिक्षा प्राप्त करने के बाद जापान की सोफिया यूनिवर्सिटी से स्नातक की डिग्री प्राप्त की। उनके व्यक्तित्व में बचपन से ही अनुशासन और नेतृत्व क्षमता झलकती थी।
सुजुकी का वैश्विक विस्तार: उनके नेतृत्व में सुजुकी मोटर ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए:
- भारत में मारुति सुजुकी का गठन।
- जापान और अमेरिका में उन्नत तकनीकों का विकास।
- किफायती और टिकाऊ वाहनों के निर्माण पर जोर।
- यूरोप और एशिया में नए उत्पादन संयंत्रों की स्थापना।
उनकी विरासत: ओसामू सुजुकी ने 2021 में 91 साल की उम्र में रिटायरमेंट लिया, लेकिन उनका प्रभाव और प्रेरणा आज भी सुजुकी मोटर और भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग में महसूस की जाती है। उनके द्वारा विकसित किफायती वाहनों की रणनीति ने कई देशों में मध्यम वर्ग के परिवारों के जीवन को बदला।
दृष्टिकोण और नेतृत्व: ओसामू सुजुकी का दृष्टिकोण सरल था—किफायती और भरोसेमंद वाहनों का निर्माण। उन्होंने वैश्विक प्रतिस्पर्धा को समझते हुए नई तकनीकों और डिजाइनों को अपनाया। उनकी सादगी और मेहनत ने उन्हें कंपनी में कर्मचारियों और सहयोगियों के बीच अत्यधिक सम्मानित बनाया।
ओसामू सुजुकी का निधन ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनकी दूरदृष्टि और नेतृत्व ने सुजुकी मोटर को एक छोटे जापानी मोटरसाइकिल निर्माता से लेकर वैश्विक ऑटोमोबाइल दिग्गज में बदल दिया। उनका योगदान न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व में सदैव याद किया जाएगा।