Supreme Court On Delhi Pollution के मुद्दे पर फिर सख्त, स्कूलों को दी चेतावनी। राजधानी दिल्ली की हवा इस कदर जहरीली हो चुकी है कि अब सुप्रीम कोर्ट को नौनिहालों की सेहत बचाने के लिए दखल देना पड़ा है। कोर्ट ने दिल्ली के स्कूलों को सख्त फटकार लगाते हुए एक बड़ा निर्देश जारी किया है। अदालत ने साफ शब्दों में कहा है कि नवंबर और दिसंबर के महीनों में स्कूलों में किसी भी तरह की खेल गतिविधियां या आउटडोर स्पोर्ट्स नहीं कराए जाने चाहिए, ताकि बच्चों को इस जानलेवा प्रदूषण से बचाया जा सके।
खेल के मैदान नहीं, घर के अंदर रहें बच्चे
सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान जजों ने राजधानी में लगातार गिरते एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) पर गहरी चिंता जताई। कोर्ट ने स्कूलों को निर्देश दिया कि जब तक प्रदूषण का स्तर गंभीर बना हुआ है, तब तक बच्चों के लिए कोई भी खेल प्रतियोगिता या मैदान में होने वाली गतिविधि आयोजित न की जाए। कोर्ट का मानना है कि सुबह के समय कोहरा और स्मॉग मिलकर एक ऐसी जहरीली चादर बना लेते हैं, जो बच्चों के फेफड़ों के लिए बेहद खतरनाक है।
निर्माण कार्यों पर रोक और दीर्घकालिक समाधान
सुनवाई के दौरान निर्माण कार्यों पर रोक का मुद्दा भी उठा। 17 नवंबर को हुई पिछली सुनवाई में कोर्ट ने निर्माण कार्यों को पूरी तरह रोकने के सुझाव को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि इससे बड़ी संख्या में दिहाड़ी मजदूर प्रभावित होंगे। कोर्ट ने जोर देकर कहा कि हमें फौरी उपायों के बजाय दीर्घकालिक (Long-term) समाधानों पर विचार करना होगा। प्रदूषण के स्तर के हिसाब से मुख्यमंत्री उचित कदम उठा रहे हैं, लेकिन स्थायी समाधान जरूरी है।
केंद्र सरकार को दिया अल्टीमेटम
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी एक बड़ा टास्क सौंपा है। कोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिया है कि वह पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान सरकार के साथ तुरंत एक बैठक करे। इस बैठक का उद्देश्य वायु प्रदूषण के संकट से निपटने के लिए ठोस और स्थायी उपाय खोजना है। कोर्ट ने इसके लिए सरकार को एक दिन का समय दिया है ताकि जल्द से जल्द कोई प्रभावी रणनीति सामने आ सके।
AQI 500 के पार, सांसों पर संकट
दिल्ली के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 के पार चला गया है, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। डीटीयू और जहांगीरपुरी जैसे कुछ इलाकों में तो AQI 500 के खतरनाक स्तर को भी छू रहा है। हवा में पीएम 2.5 कणों की मात्रा सामान्य मानकों से कई गुना ज्यादा है, जिससे लोगों को आंखों में जलन, गले में खराश और सीने में भारीपन की शिकायत हो रही है।
जानें पूरा मामला
दिल्ली-एनसीआर में हर साल सर्दियों की शुरुआत के साथ ही प्रदूषण का स्तर खतरनाक हो जाता है। पराली जलाना, वाहनों का धुआं और मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियां मिलकर हवा को जहरीला बना देती हैं। इस बार स्थिति इतनी गंभीर है कि विजिबिलिटी (दृश्यता) लगभग शून्य हो गई है और लोगों का सांस लेना दूभर हो गया है। इसी को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट लगातार सुनवाई कर रहा है और सख्त कदम उठाने के निर्देश दे रहा है।
मुख्य बातें (Key Points)
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सुप्रीम कोर्ट ने स्कूलों को नवंबर-दिसंबर में आउटडोर खेल बंद करने का निर्देश दिया।
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केंद्र सरकार को पड़ोसी राज्यों के साथ बैठक कर स्थायी हल निकालने को कहा गया।
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दिल्ली के कई इलाकों में AQI 500 के करीब पहुंचा, हवा हुई बेहद जहरीली।
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कोर्ट ने निर्माण कार्यों पर पूर्ण प्रतिबंध के बजाय संतुलित और दीर्घकालिक उपायों पर जोर दिया।






