International Space Station (ISS): भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) और उनके साथी बुच विल्मोर (Butch Wilmore) आखिरकार 9 महीने बाद धरती पर लौट आए। स्पेसएक्स (SpaceX) कैप्सूल के जरिए बुधवार को फ्लोरिडा (Florida) के तट पर उनकी सुरक्षित लैंडिंग हुई। यह मिशन मूल रूप से केवल एक सप्ताह के लिए था, लेकिन बोइंग स्टारलाइनर (Boeing Starliner) में आई तकनीकी खराबी के चलते सुनीता को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर ही रुकना पड़ा। इस दौरान उनके स्वास्थ्य को लेकर भी कई सवाल उठे, खासतौर पर जब ISS में ताजा भोजन समाप्त हो गया।
अंतरिक्ष में कैसे बचाया खुद को?
ISS पर शुरुआती तीन महीनों तक ताजे फल और सब्जियां उपलब्ध थीं, लेकिन इसके बाद उन्हें पूरी तरह से पैकेज्ड और फ्रीज-ड्राई भोजन पर निर्भर रहना पड़ा। रिपोर्ट्स के अनुसार, सुनीता और बुच विल्मोर ने पाउडर दूध, पिज्जा, रोस्ट चिकन, झींगा कॉकटेल और टूना मछली जैसी चीजों से खुद को जिंदा रखा। नवंबर 2023 में न्यूयॉर्क पोस्ट (New York Post) की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि सुनीता को लंबे समय तक सिर्फ पिज्जा और झींगा कॉकटेल ही खाने को मिला था।
ISS में पानी कहां से आता है?
ISS में पानी की उपलब्धता भी एक बड़ा मुद्दा होता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, अंतरिक्ष यात्री अपने ही मूत्र और पसीने को रिसाइकिल करके पीने लायक पानी बनाते हैं। यह प्रक्रिया खास तकनीक से की जाती है ताकि पानी पूरी तरह शुद्ध हो।
सुनीता विलियम्स का वजन क्यों घटा?
स्पेस में बिताए गए इन 9 महीनों के दौरान सुनीता विलियम्स की कुछ तस्वीरें वायरल हुईं, जिनमें उनका वजन काफी कम दिख रहा था। इससे उनकी सेहत को लेकर चिंताएं बढ़ गई थीं। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि उनका वजन खाने की कमी से नहीं, बल्कि माइक्रोग्रैविटी (Microgravity) के कारण कम हुआ। ISS में हर अंतरिक्ष यात्री को प्रतिदिन लगभग 3.8 पाउंड (1.7 किलोग्राम) भोजन मिलता है, और इमरजेंसी के लिए भी पर्याप्त भोजन स्टोर किया जाता है।
क्या कह रहे हैं जानकार?
स्पेस मिशन से जुड़े एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि “यह स्पष्ट होना चाहिए कि सुनीता विलियम्स के वजन में कमी खाने की कमी की वजह से नहीं हुई। ISS पर हर अंतरिक्ष यात्री को पर्याप्त भोजन दिया जाता है।”
क्या सीख मिली इस मिशन से?
बोइंग स्टारलाइनर (Boeing Starliner) की तकनीकी खराबी के चलते सुनीता और उनके साथी को ISS में लंबा समय बिताना पड़ा। इस घटना ने भविष्य के स्पेस मिशन के लिए नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। NASA और Boeing अब यह सुनिश्चित करने पर काम कर रहे हैं कि भविष्य में इस तरह की दिक्कतें न आएं।