Delhi Student Suicide Case : दिल्ली में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है जहां 10वीं कक्षा के एक छात्र, शौर्य, ने मेट्रो स्टेशन से कूदकर अपनी जान दे दी। इस घटना ने न केवल परिवार बल्कि पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। शौर्य के पास से डेढ़ पेज का एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें उसने अपने स्कूल के प्रिंसिपल और तीन टीचर्स पर मानसिक प्रताड़ना (Mental Harassment) का गंभीर आरोप लगाया है।
स्कूल के बाहर परिवार का आक्रोश
घटना के बाद शौर्य के परिजनों और स्थानीय लोगों ने स्कूल के बाहर जमकर प्रदर्शन किया। शौर्य के चाचा प्रवीण पाटिल ने बताया कि वे पिछले कई घंटों से स्कूल के बाहर खड़े हैं, लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई भी बात करने को तैयार नहीं है। उल्टा, स्कूल प्रबंधन ने पुलिस बुलाकर प्रदर्शनकारियों को वहां से हटाने का दबाव बनाया। परिवार का आरोप है कि शौर्य के क्लासमेट्स जो उनके समर्थन में आना चाहते थे, उन्हें भी गेट के अंदर ही रोक दिया गया।
प्ले की रिहर्सल में हुआ था अपमान
परिजनों के मुताबिक, घटना की शुरुआत स्कूल में एक प्ले की प्रैक्टिस के दौरान हुई। शौर्य का पैर फिसल गया था, जिस पर उसे सबके सामने अपमानित (Embarrass) किया गया और डांटा गया। बात यहीं नहीं रुकी, उसे प्रिंसिपल के पास ले जाया गया जहां उसे और फटकार लगाई गई। आरोप है कि प्रिंसिपल ने उसे “ड्रामा न करने” और “निकल जाने” की बात कही। इस अपमान से आहत होकर शौर्य स्कूल से सीधे मेट्रो स्टेशन चला गया और वहां से कूद गया।
सुसाइड नोट में लिखी आपबीती
शौर्य ने अपने सुसाइड नोट में विस्तार से लिखा है कि उसे पिछले 6 महीने से टारगेट किया जा रहा था। उसने लिखा कि चार दिन पहले एक टीचर ने उसे धक्का भी दिया था। सुसाइड नोट के एक हिस्से में उसने यह भी इच्छा जताई कि उसके मरने के बाद उसके अंग (Organs) किसी जरूरतमंद के काम आ जाएं। परिवार का कहना है कि इतना सुलझा हुआ बच्चा अगर ऐसा कदम उठाने पर मजबूर हुआ, तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि उसे किस हद तक प्रताड़ित किया गया होगा।
टीचर्स पर गिरफ्तारी की मांग
परिवार ने प्रिंसिपल ‘पाल’, टीचर ‘योगिता’, ‘जूली मैम’ और ‘मयंक कार्ला’ का नाम लेते हुए उनकी गिरफ्तारी की मांग की है। उन्होंने पुलिस पर भी एफआईआर दर्ज करने में आनाकानी करने और टीचर्स के नाम हटाने के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया। परिवार का साफ कहना है कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि एक तरह की ‘हत्या’ है जिसे टीचर्स के व्यवहार ने अंजाम दिया है।
डरा-सहमा रहता था शौर्य
शौर्य के चाचा, जो उसे रोज स्कूल छोड़ने जाते थे, ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से वह बहुत डरा हुआ और खामोश रहने लगा था। वह न ठीक से खाना खा रहा था और न ही किसी से बात कर रहा था। परिवार ने स्कूल बदलने का भी सोचा था क्योंकि 10वीं खत्म होने में बस कुछ ही दिन बचे थे, लेकिन उससे पहले ही यह अनहोनी हो गई।
जानें पूरा मामला (Background)
शौर्य 10वीं कक्षा का छात्र था। स्कूल में एक घटना के बाद उसे कथित तौर पर टीचर्स और प्रिंसिपल द्वारा लगातार मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा था। इसी प्रताड़ना से तंग आकर उसने मेट्रो स्टेशन से कूदकर आत्महत्या कर ली। उसके पास से मिले सुसाइड नोट के आधार पर अब परिवार इन्साफ की मांग कर रहा है और स्कूल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई चाहता है।
मुख्य बातें (Key Points)
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10वीं के छात्र शौर्य ने मेट्रो स्टेशन से कूदकर दी जान।
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डेढ़ पेज के सुसाइड नोट में प्रिंसिपल और 3 टीचर्स पर प्रताड़ना का आरोप।
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प्ले की प्रैक्टिस के दौरान अपमानित किए जाने के बाद उठाया कदम।
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परिवार ने स्कूल के बाहर प्रदर्शन कर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की।
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शौर्य ने अपने नोट में ऑर्गन डोनेशन की इच्छा जताई थी।






