स्मृति इरानी ने एक पॉडकास्ट में कहा, ‘मैं अमेठी से अपनी हार से परेशान नहीं हूं। बीजेपी के दिग्गज नेता अटल बिहारी वाजपेयी भी चुनाव हार गए थे। अब तक केवल नरेंद्र मोदी ही नहीं हारे हैं। मैं पहले भी चुनाव हार चुकी हूं, जब मैंने 2004 में चांदनी चौक से और 2014 में अमेठी से चुनाव लड़ा था।’
इरानी ने कहा, ‘चुनाव आते-जाते रहेंगे। मेरी असली जीत यह है कि 1 लाख परिवार आज अपने घरों में रह रहे हैं। 80,000 घरों में अब बिजली आ रही है और दो लाख परिवारों को पहली बार गैस सिलेंडर मिले हैं।’
बिना नाम लिए राहुल गांधी पर तंज कसते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पहले आरोप लगते थे कि सांसद अमेठी में कभी नहीं दिखते, लेकिन उन्होंने सुनिश्चित किया कि निर्वाचन क्षेत्र की कभी उपेक्षा न हो और वहां एक घर भी खरीदा।
इरानी ने कहा, ’22 मार्च 2014 को रात 11 बजे मुझे राजनाथ सिंह का फोन आया कि मुझे अमेठी जाना है और वहां से चुनाव लड़ना है। मैंने इसके बारे में कोई शिकायत नहीं की और चुनौती को स्वीकार किया।’ उन्होंने कहा, ‘जब मैं वहां गई तो मैंने देखा कि वहां 40 गांव ऐसे थे जहां आजादी के बाद सड़कें नहीं बनी थीं। पिछले पांच वर्षों में, मैंने एक लाख परिवारों के लिए घर बनाए हैं, 3.5 लाख शौचालय बनवाए हैं, और 4 लाख लोगों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से जोड़ा है। लगभग दो लाख परिवारों को पहली बार गैस सिलेंडर मिले हैं।’
2014 में अमेठी की बदहाली का जिक्र कर उन्होंने एक तरह से राहुल गांधी और गांधी परिवार पर हमला बोला। 2019 में इरानी के हाथों हार से पहले राहुल गांधी यहां से तीन बार सांसद रहे थे। अब वह अमेठी के बगल में अपनी मां सोनिया गांधी की सीट रायबरेली से सांसद हैं। अमेठी और रायबरेली को गांधी परिवार का दुर्ग कहा जाता है।
इस बार लोकसभा चुनाव में इरानी को अमेठी में केएल शर्मा ने 1.6 लाख से अधिक मतों से हराया था। यह अंतर 2019 में राहुल गांधी को हराने के उनके अंतर से तीन गुना था।
पॉडकास्ट के दौरान इरानी से जब ये पूछा गया कि क्या उन्हें दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया जाएगा तब उन्होंने इसका सीधा जवाब नहीं दिया। इरानी ने कहा, ‘लोगों की सेवा करना सौभाग्य की बात है। मैं तीन बार सांसद रही हूं और पांच-छह विभागों की प्रमुख रही हूं। मैं बीजेपी महिला मोर्चा की अध्यक्ष और पार्टी की राष्ट्रीय सचिव भी रही हूं।’