Smart TV Spying Cyber Attack : अगर आपके घर के कोने में रखा स्मार्ट टीवी आपकी और आपके परिवार की निजी बातचीत चुपचाप रिकॉर्ड कर रहा हो, तो यह सिर्फ डर नहीं, बल्कि एक गंभीर साइबर खतरा है। भारत सरकार के भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) ने चेतावनी जारी की है कि गलत प्राइवेसी सेटिंग्स की वजह से आपका स्मार्ट टीवी आपकी निजी बातचीत सुन सकता है, रिकॉर्ड कर सकता है, और इंटरनेट से कनेक्ट होते ही ये सारी बातचीत सीधे कंपनी के क्लाउड सर्वर तक भेज सकता है। आपका मनोरंजन बॉक्स अब एक तरह का ‘स्पाई बॉक्स’ बन गया है।
टीवी कैसे करता है आपकी जासूसी?
आजकल के स्मार्ट टीवी में वॉयस कमांड के लिए एडवांस वॉयस रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी लगी होती है।
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हमेशा लिसनिंग मोड: वॉयस कमांड के लिए टीवी को हमेशा ‘लिसनिंग मोड’ में रहना पड़ता है, यही वजह है कि टीवी का माइक्रोफोन बैकग्राउंड में भी लगातार एक्टिव रहता है।
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डेटा ट्रांसफर: जब आप घर में सामान्य बातचीत करते हैं या ‘ओके गूगल’ या ‘हे टीवी’ जैसे कमांड देते हैं, तो स्मार्ट टीवी पूरी आवाज कैप्चर करता है। अगर टीवी इंटरनेट से जुड़ा है, तो यह आवाज का डाटा कंपनी के क्लाउड सर्वर तक पहुँच सकता है।
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मकसद: इस डेटा का उपयोग आमतौर पर ऐड टारगेटिंग, कंज्यूमर बिहेवियर स्टडी और वॉयस एनालिसिस के लिए किया जाता है, जिसकी जानकारी आपको खुद भी नहीं होती।
कैमरा और फेशियल डाटा भी खतरे में
सिर्फ माइक ही नहीं, बल्कि कुछ हाई-एंड स्मार्ट टीवी में फेशियल रिकॉग्निशन फीचर भी मौजूद होता है।
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ट्रैकिंग: मतलब, टीवी आपके चेहरे को स्कैन कर सकता है, उम्र और जेंडर के आधार पर पर्सनलाइज्ड विज्ञापन दिखा सकता है।
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गोपनीयता पर हमला: यह टीवी ट्रैक कर सकता है कि आप किसके कमरे में बैठकर क्या देख रहे हैं, कितनी देर तक देख रहे हैं और घर में कितने लोग मौजूद हैं। अगर प्राइवेसी सेटिंग्स गलत हैं, तो यह पूरा डाटा कंपनी के सर्वर तक जा सकता है।
बचाव के लिए तुरंत करें ये काम
चूंकि भारत में स्मार्ट टीवी की बिक्री तेजी से बढ़ चुकी है और आईओटी (IoT) डिवाइस पर साइबर अटैक के मामले भी बढ़ रहे हैं, इसलिए अपनी सुरक्षा के लिए निम्नलिखित उपाय तुरंत करने चाहिए:
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प्राइवेसी सेटिंग्स चेक करें: स्मार्ट टीवी सेटअप करते ही प्राइवेसी सेटिंग्स को तुरंत चेक करें।
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वॉयस फीचर डिसेबल करें: वॉयस रिकॉग्निशन फीचर को डिसेबल करें और माइक्रोफोन/कैमरा एक्सेस को तभी ऑन करें जब इसकी सख्त जरूरत हो।
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डेटा शेयरिंग ऑफ करें: अनचाहे डेटा शेयरिंग ऑप्शंस को ऑफ करें।
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लोकेशन सर्विस बंद रखें: टीवी की लोकेशन सर्विस बंद रखें।
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इंटरनेट कनेक्शन: टीवी को इंटरनेट से सिर्फ जरूरत पड़ने पर ही कनेक्ट करें।
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ऐप्स से बचें: अजनबी या नकली ऐप्स टीवी में इंस्टॉल न करें।
साइबर फ्रॉड होने पर, साइबर हेल्पलाइन 1930 पर तुरंत संपर्क करें या cybercrime.gov.in पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करें। डिजिटल दुनिया में आपकी सुरक्षा आपकी जागरूकता पर निर्भर करती है।
क्या है पृष्ठभूमि
स्मार्ट टीवी, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) डिवाइस होने के नाते, हैकर्स और डेटा चुराने वाली कंपनियों के लिए एक नया प्रवेश द्वार बन गए हैं। मनोरंजन की सुविधा देने वाला यह बॉक्स, अगर सही तरीके से कॉन्फ़िगर न किया जाए, तो आपके घर की निजी बातचीत लीक कर सकता है, आपकी लोकेशन और आदतों को ट्रैक कर सकता है, जिससे पहचान और जानकारी की चोरी हो सकती है। सरकार का यह अलर्ट नागरिकों को अपने घर की डिजिटल प्राइवेसी और सुरक्षा को लेकर सतर्क करने के लिए जारी किया गया है।
मुख्य बातें (Key Points)
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I4C ने अलर्ट जारी किया है कि स्मार्ट टीवी का माइक्रोफोन और कैमरा गलत सेटिंग्स के कारण आपकी निजी बातचीत रिकॉर्ड कर सकता है।
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वॉयस कमांड के लिए टीवी को हमेशा ‘लिसनिंग मोड’ में रहना पड़ता है, जिससे डेटा कंपनी के क्लाउड सर्वर तक पहुंच सकता है।
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कुछ टीवी फेशियल रिकॉग्निशन फीचर से उम्र और जेंडर के आधार पर विज्ञापन दिखाते हैं, जिससे आपकी प्राइवेसी को खतरा है।
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खतरे से बचने के लिए तुरंत वॉयस रिकॉग्निशन फीचर को डिसेबल करें और प्राइवेसी सेटिंग्स को ध्यान से चेक करें।






