चंडीगढ़, 12 दिसंबर (The News Air) शिरोमणी अकाली दल के वरिष्ठ नेता डाॅ. दलजीत सिंह चीमा ने आज हरियाणा में गुरुद्वारा चुनाव लड़ने से अकाली दल को रोकने की साजिश की निंदा की तथा घोषणा की कि पार्टी इस अन्याय के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का सहारा लेगी।
यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए अकाली नेता ने कहा कि हरियाणा सरकार ने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 29-ए के तहत चनुाव आयोग में पंजीकृत सभी पार्टियों को गुरुद्वारा चुनाव लड़ने से रोकने के लिए एक नई अधिसूचना जारी की है। उन्होने कहा कि अधिसूचना में कहा गया है कि ऐसी कोई भी पार्टी चुनाव लड़ने के लिए ग्रुप नही बना सकती न ही इसके लिए चुनाव चिन्ह के लिए आवेदन कर सकती है।
अधिसूचना को अवैध और अंसवैधानिक करार देते हुए डाॅ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा,‘‘ इससे पहले भी दिल्ली सरकार ने इसी तरह की अधिसूचना जारी करके अकाली दल को दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) चनुावों से बाहर रखने की कोशिश की थी, लेकिन पार्टी ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। अदालत ने फैसला सुनाया था कि यह एक धर्मनिरपेक्ष अधिकार है और इसका उल्लंघन नही किया जा सकता है।’’
डाॅ. चीमा ने हरियाणा गुरुद्वारा आयोग से अधिसूचना वापिस लेने की अपील करते हुए कहा,‘‘अगर ऐसा नही किया गया तो हम अदालत का दरवाजा खटखटाएंगें, क्योंकि यह हमारे लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला है।’’ उन्होने यह भी बताया कि कैसे हरियाणा सरकार पहले शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) को तोड़ने और हरियणा में गुरुद्वारों का नियंत्रण उसके द्वारा गठित कमेटी को सौंपने के लिए एक अधिनियम बनाया गया था। उन्होने कहा कि 1925 का गुरुद्वारा अधिनियम अभी भी लागू होने के बावजूद ऐसा किया गया। उन्होने कहा,‘‘ ऐसे कठोर और अवैध कदम उठाने के बावजूद , हरियाणा सरकार अभी भी अकाली दल से डरी हुई है और गुरुद्वारा चुनावों में इसे बाहर रखने पर तुली हुई है।’’