चंडीगढ़, 12 जून:
Shiromani Akali Dal + Bahujan Samaj Party : आगामी पंजाब विधानसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल और मायावती की नेतृत्व वाली बीएसपी ने एक साथ सियासी मैदान में उतरने का फैसला किया है। कुल 117 सीटों में से 20 सीटों पर बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) और बाकी बची 97 सीटों पर शिरोमणि अकाली दल चुनाव लड़ेगी। यह जानकारी अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी।
सुखबीर सिंह बादल प्रेस कॉन्फ्रेंस दौरान कहा है कि दोनों पार्टियों की सोच दूरदर्शी है, दोनों ही पार्टियां गरीब किसान मजदूरों के अधिकारों की लड़ाई लड़ती रही हैं। यह पंजाब की सियासत के लिए ऐतिहासिक दिन है।
कांग्रेस, आम आदमी पार्टी या अकाली दल हो सभी पार्टियों ने 2022 के चुनावों के लिए जोर लगाना शुरू कर दिया है। राज्य की राजनीति में अब तक का सबसे बड़ा ट्विस्ट आज आया है। आज चंडीगढ़ में अकाली दल ने बसपा के साथ गठबंधन करने का ऐलान कर दिया है। हालांकि गठबंधन की खबरें पिछले 2 दिनों से चल रहीं थीं, परन्तु आज आधिकारिक तौर पर दोनों पार्टियों की ओर से इसकी पुष्टि कर दी गई है। अकाली और बीएसपी के गठबंधन से बाकी पार्टियों को तगड़ा झटका लगा है, क्योंकि पंजाब विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा चुनाव, अनुसूचित जातियों का वोट काफी अहम माना जाता है। पंजाब की आबादी में करीब 33% जनसंख्या दलितों की है और यही दलित वोट बैंक बीएसपी और अकाली दल के गठबंधन का आधार बना है। बीएसपी के साथ गठबंधन कर अकाली दल ने बीजेपी से रिश्ता टूटने के बाद खाली हुई कई सीटों की भरपाई करने की कोशिश की है।
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने कहा कि आज का दिन पंजाब की राजनीति के लिए बहुत बड़ा दिन है। शिरोमणि अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव 2022 और उसके बाद के चुनाव एक साथ मिलकर लड़ेंगे। वहीं गठबंधन पर खुशी जाहिर करते हुए शिरोमणि अकाली दल के विधायक एन.के शर्मा ने चंडीगढ़ में कहा कि SAD और BSP मिलकर अगले चुनाव में बड़ी जीत हासिल करेंगे।
गौरतलब है कि अकाली दल ने पिछले वर्ष केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों को लेकर भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन तोड़ लिया था। अगले वर्ष होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव को लेकर शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने बहुजन समाज पार्टी (BSP) के साथ आज गठबंधन करने का ऐलान कर दिया है। अकाली दल और बीएसपी 1996 लोकसभा चुनाव के 27 सालों बाद फिर से एक साथ आ रहे हैं। 1996 आम चुनाव में इस गठबंधन ने पंजाब की 13 में से 11 सीटों पर जीत हासिल की थी। बीएसपी चुनाव में सभी तीन सीटों और अकाली दल 10 में से 8 सीटों पर जीता था।
2011 की जनगणना के अनुसार पंजाब में देश की किसी भी राज्य के मुकाबले अनुसूचित जाति की संख्या सबसे ज्यादा है। राज्य में अनुसूचित जाति की आबादी 88.60 लाख है। इन में से अधिकतर जनसंख्या ग्रामीण इलाकों में बसती है। 2011 की जनगणना के हिसाब से, 73.33 फीसदी एससी आबादी ग्रामीण इलाकों में और 26.67 फीसदी लोग शहरी इलाकों में रहते हैं।