‘Sheesh Mahal’ विवाद : अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के सरकारी आवास ‘शीश महल’ पर विवाद गहराता जा रहा है। अब केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC – Central Vigilance Commission) ने इसके निर्माण और रेनोवेशन से जुड़े खर्च की जांच के आदेश दे दिए हैं। CVC ने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD – Central Public Works Department) को निर्देश दिया है कि वह दिल्ली के 6 फ्लैगस्टाफ रोड (Flagstaff Road) स्थित इस आलीशान सरकारी बंगले से जुड़े सभी तथ्यों की विस्तृत रिपोर्ट पेश करे।
यह फैसला भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता (Vijender Gupta) की शिकायत के बाद आया है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि केजरीवाल सरकार ने सरकारी फंड का दुरुपयोग करके 40,000 वर्ग गज (लगभग 8 एकड़) में फैले इस बंगले के निर्माण में नियमों का उल्लंघन किया है।
क्या हैं आरोप?
भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता ने CVC को दी गई अपनी शिकायत में कहा कि:
- इस बंगले के निर्माण में भवन निर्माण नियमों (Building Construction Rules) का उल्लंघन हुआ है।
- इस प्रोजेक्ट के लिए सरकारी संपत्तियों को गिराकर एक विशाल परिसर बनाया गया, जो नियमों के खिलाफ है।
- बंगले में लक्जरी इंटीरियर और महंगे फर्नीचर पर करदाताओं के करोड़ों रुपये खर्च किए गए।
गुप्ता का आरोप है कि यह “फिजूलखर्ची और भ्रष्टाचार” का सीधा उदाहरण है, और इस पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
CVC ने कब लिया एक्शन?
भाजपा नेता ने 14 अक्टूबर 2024 को CVC को शिकायत दी थी। इसके बाद:
- 16 अक्टूबर 2024: CVC ने इस मामले में जांच के आदेश दिए।
- 5 नवंबर 2024: CVC ने शिकायत की गंभीरता को मानते हुए CPWD को फैक्ट-फाइंडिंग रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा।
- 5 दिसंबर 2024: CPWD के मुख्य सतर्कता अधिकारी (CVO) ने CVC को अपनी रिपोर्ट सौंपी।
- 13 फरवरी 2025: CVC ने CPWD को विस्तृत जांच करने और रिपोर्ट पेश करने को कहा।
क्या कहते हैं केजरीवाल और ‘AAP’ नेता?
आम आदमी पार्टी (AAP) ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया है। AAP नेताओं का कहना है कि भाजपा (BJP) विपक्ष में रहते हुए भी दिल्ली सरकार के काम में रुकावट डालने की कोशिश कर रही है। पार्टी का दावा है कि मुख्यमंत्री आवास के रेनोवेशन में कोई अनियमितता नहीं हुई और इसे निर्धारित नियमों के तहत ही तैयार किया गया था।
हालांकि, CVC की जांच के बाद ही यह तय होगा कि क्या वास्तव में इसमें कोई वित्तीय अनियमितता हुई है या नहीं।
क्या हो सकते हैं परिणाम?
अगर CVC की जांच में अनियमितताओं की पुष्टि होती है, तो:
- CPWD और दिल्ली सरकार पर सख्त कार्रवाई हो सकती है।
- केजरीवाल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
- AAP की छवि को बड़ा नुकसान हो सकता है, खासकर आगामी चुनावों में।
केजरीवाल का ‘शीश महल’ विवाद अब और गहरा गया है। CVC की रिपोर्ट के बाद ही साफ होगा कि यह मामला भ्रष्टाचार से जुड़ा है या फिर यह सिर्फ राजनीतिक लड़ाई का हिस्सा है। आने वाले दिनों में इस मामले पर दिल्ली और केंद्र सरकार के बीच तनातनी और बढ़ सकती है।