Share Market Crash : बजट से पहले शेयर बाजार (Share Market) में भयंकर गिरावट दर्ज की गई। विदेशी निवेशकों की बिकवाली और डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की व्यापार नीतियों के चलते निवेशकों को बड़ा झटका लगा है। सोमवार को बाजार खुलते ही सेंसेक्स (Sensex) में 800 अंकों की गिरावट आई, जबकि निफ्टी (Nifty) 250 अंकों तक लुढ़क गया।
सेंसेक्स की यह गिरावट इसे 75,434 अंक तक ले गई, और निफ्टी 22,854 अंक पर आ गया। इस गिरावट के चलते निवेशकों के ₹9 लाख करोड़ से ज्यादा की संपत्ति मिट्टी में मिल गई।
निवेशकों की संपत्ति में 9 लाख करोड़ का नुकसान
BSE (Bombay Stock Exchange) पर लिस्टेड सभी कंपनियों का कुल मार्केट कैप 410.03 लाख करोड़ रुपये पर गिर गया। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) ने जनवरी में अब तक 64,156 करोड़ रुपये के शेयर बेच डाले हैं।
- जनवरी के तिमाही नतीजों में कमजोर कॉर्पोरेट आय।
- विदेशी निवेशकों की बिकवाली का बढ़ता दबाव।
- अमेरिकी व्यापार नीतियों का डर।
इन सभी कारणों ने भारतीय शेयर बाजार को कमजोर बना दिया है।
डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीतियां बनीं कारण
डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के नए व्यापारिक फैसले शेयर बाजार में भय का मुख्य कारण बने हैं। ट्रंप ने भारत समेत ब्रिक्स (BRICS) देशों पर 100% टैरिफ बढ़ाने की धमकी दी है। इसके अलावा, कनाडा और मैक्सिको पर 25% टैरिफ लगा दिया गया है।
- ट्रंप ने कोलंबिया से आयातित वस्तुओं पर भी 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की।
- इससे निवेशकों के बीच डर का माहौल बन गया है।
सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट के आंकड़े
- सेंसेक्स: शुरुआती कारोबार में 490 अंकों की गिरावट के साथ 75,700.43 पर खुला। सुबह 11 बजे तक यह 842 अंकों की गिरावट के साथ 75,434 अंक पर पहुंच गया।
- निफ्टी: 150 अंकों की गिरावट के साथ खुलने के बाद अधिकतम 265 अंकों की गिरावट के साथ 22,854 अंक पर आ गया।
किन सेक्टर्स और कंपनियों को हुआ सबसे ज्यादा नुकसान?
सबसे ज्यादा नुकसान:
- Zomato
- HCL Technologies
- PowerGrid
- Tata Motors
- Reliance Industries
- Infosys
- Adani Ports
कुछ शेयरों में बढ़त:
- ICICI Bank
- Hindustan Unilever
- State Bank of India (SBI)
- Larsen & Toubro
- Asian Paints
बाजार पर विदेशी निवेशकों का असर
विदेशी निवेशकों की बिकवाली भारतीय शेयर बाजार के लिए सबसे बड़ी चिंता बनी हुई है। FPIs लगातार बाजार से अपना पैसा निकाल रहे हैं, जिससे बाजार कमजोर हो रहा है।
- जनवरी 2025 तक विदेशी निवेशकों ने 64,156 करोड़ रुपये के शेयर बेच दिए हैं।
- इसका सीधा असर बाजार की तरलता और निवेशकों की संपत्ति पर पड़ रहा है।
विश्लेषकों की राय: बाजार में क्या करना चाहिए?
- संभावित गिरावट: विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार में यह गिरावट अगले कुछ हफ्तों तक जारी रह सकती है।
- लॉन्ग-टर्म निवेश: निवेशकों को पैनिक सेलिंग से बचते हुए लॉन्ग-टर्म पर ध्यान देना चाहिए।
- मौका खरीदने का: जिन सेक्टर्स में गिरावट हुई है, वहां निवेश के मौके तलाशे जा सकते हैं।
बाजार में स्थिरता की जरूरत
शेयर बाजार में लगातार जारी गिरावट ने निवेशकों को बड़ा नुकसान पहुंचाया है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार में स्थिरता आने में वक्त लगेगा। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वह पैनिक सेलिंग से बचें और लॉन्ग-टर्म निवेश पर ध्यान दें।
क्या आपने इस गिरावट का सामना किया? अपनी राय और अनुभव नीचे कमेंट सेक्शन में साझा करें!