पुणे (महाराष्ट्र), 1 मार्च (The News Air) : महाराष्ट्र में मचे राजनीतिक घमाासन के बीच एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार क्या कर रहे हैं? इस पर सभी का ध्यान है। इस बीच शरद पवार ने जाहिर तौर पर राजनीतिक गुगली फेंकते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) को पुणे के बारामती स्थित अपने घर पर शनिवार को रात्रिभोज के लिए आमंत्रित किया है। उनके साथ ही सूबे के दोनों उप मुख्यमंत्रियों देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) और अजित पवार (Ajit Pawar) को भी बुलावा भेजा है। दरअसल तीनों नमो रोजगार मेले के लिए शरद पवार के गढ़ बारामती का दौरा करेंगे। इसमें लोकसभा चुनाव से पहले हजारों बेरोजगार लोगों को नौकरियां दी जाएंगी।हैरानी की बात यह है कि शरद पवार को उनके पिछवाड़े में स्थापित और उनकी ओर से संचालित प्रतिष्ठित संस्थान, विद्या प्रतिष्ठान में होने वाले कार्यक्रम के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है। हालांकि उनकी बेटी और एनसीपी-एसपी की कार्यकारी अध्यक्ष और सांसद सुप्रिया सुले और दो अन्य सांसद, वंदना चव्हाण और डॉ. अमोल कोल्हे और अलग-अलग दलों के अन्य प्रमुख नेताओं का नाम निमंत्रण सूची में है।
शरद पवार का न्योता करेंगे स्वीकार : जुलाई 2023 में एनसीपी के बंटवारे के बाद यह अपनी तरह का पहला मेगा-इवेंट है, जिसमें सीएम और दोनों डिप्टी सीएम शामिल होंगे। यह साफ नहीं है कि शिंदे-फडणवीस-अजित शरद पवार के रात्रिभोज के निमंत्रण को स्वीकार करेंगे या नहीं, जिसने पहले ही सत्तारूढ़ महायुति शासन के लिए शर्मनाक स्थिति पैदा कर दी है।
‘शरद पवार का नाम हटा दिया गया’ :गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए सुप्रिया सुले ने अफसोसजनक लहजे में कहा कि उन्हें और उनके सहयोगी चव्हाण को आमंत्रित किया गया था, लेकिन उनके पिता शरद पवार का नाम हटा दिया गया था, हालांकि वह उस संस्थान के प्रमुख हैं, जहां मेगा-इवेंट आयोजित किया जा रहा है।
सरकार की आलोचना की : पवार कबीले के एक अन्य सदस्य विधायक रोहित आर पवार और सुले के भतीजे ने प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने और आधिकारिक कार्यक्रम के लिए शरद पवार को आमंत्रित करने के लिए सरकार की आलोचना की। रोहित आर पवार ने कहा कि सरकार नौकरियों के नाम पर युवाओं पर पैसा खर्च करेगी और बड़े-बड़े वादे करेगी जो शायद उन्हें नहीं मिलेंगे।
आव्हाड ने भी घटनाक्रम पर नाराजगी जताई :एनसीपी-एसपी के राष्ट्रीय महासचिव डॉ जितेंद्र आव्हाड ने भी घटनाक्रम पर नाराजगी जताते हुए इसे अवांछनीय बताया, खासकर तब जब समारोह शरद पवार जैसे राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित नेता के गृहनगर में आयोजित किया जा रहा हो। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने कहा कि इससे सरकार की छोटी मानसिकता और शरद पवार जैसे राष्ट्रीय दिग्गज और चतुर राजनीतिक नेता की मौजूदगी में “उनकी असुरक्षा” का पता चलता है।
विद्या प्रतिष्ठान की शरद पवार ने की है स्थाापना :दरअसल शरद पवार ने 1972 में विद्या प्रतिष्ठान की स्थापना की थी। वहीं इसके मौजूदा अध्यक्ष हैं। इसके अलावा समिति के सदस्यों में उनके पोते युगेंद्र एस.पवार, सुप्रिया सुले, अजीत पवार और उनकी पत्नी सुनेत्रा ए.पवार सहित अन्य शामिल हैं।