Pakistan Internal Crisis : पाकिस्तान (Pakistan) में इस समय जबरदस्त हड़कंप मचा हुआ है। भारत (India) की ओर से पहलगाम (Pahalgam) हमले के बाद लिए गए ताबड़तोड़ फैसलों और सख्त संदेशों ने पड़ोसी देश को झकझोर कर रख दिया है। इसी बीच मंगलवार को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shahbaz Sharif) को दफ्तर बुलाकर देश की तैयारियों का जायजा लिया। रिपोर्ट्स के अनुसार, शहबाज शरीफ ISI मुख्यालय (ISI Headquarters) पहुंचे जहां उन्हें आगामी ‘खतरों’ के मद्देनज़र तैयारियों की जानकारी दी गई।
यह बैठक ऐसे वक्त में हुई है जब भारत ने न केवल सीमा पार आतंकवाद (Cross-Border Terrorism) पर कड़ा रुख अपनाया है, बल्कि सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) को सस्पेंड कर दिया है और LOC पर सैन्य गतिविधियों को तेज़ किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) भी पहले ही पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने की बात कह चुके हैं। इससे पाकिस्तान के सत्ता के गलियारों में घबराहट का माहौल है।
ISI की बैठक में कौन-कौन हुआ शामिल
सूत्रों के मुताबिक, शहबाज शरीफ के अलावा उप प्रधानमंत्री इशाक डार (Ishaq Dar), रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ (Khawaja Asif), सेना प्रमुख आसिम मुनीर (Asim Munir), और पाकिस्तानी नेवी व एयरफोर्स के प्रमुख भी इस अहम बैठक का हिस्सा थे। मीटिंग के दौरान शहबाज शरीफ ने पाक सेना की जमकर तारीफ की, लेकिन अंदरखाने यह साफ दिख रहा था कि उन्हें सेना और ISI के तीखे सवालों का सामना करना पड़ा।
पाकिस्तान की पुरानी रणनीति फिर से
बैठक के बाद पाक पीएमओ (PMO Pakistan) ने एक बयान जारी कर भारत के रुख को ‘आक्रामक’ बताया और पारंपरिक सैन्य विकल्पों के साथ-साथ हाइब्रिड वॉर रणनीति (Hybrid War Strategy) पर चर्चा की बात भी कही। लेकिन इस आनन-फानन में बुलाई गई मीटिंग से ये भी साबित होता है कि पाकिस्तान में हालात कितने तनावपूर्ण हैं और सत्ता पर सेना और ISI का दबाव बढ़ता जा रहा है।
UNSC से भी मिला झटका
सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council – UNSC) की बैठक में भी पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा। पाकिस्तान इस मंच का इस्तेमाल कर दुनिया से सहानुभूति जुटाना चाहता था, लेकिन उल्टा UNSC ने ही पाकिस्तान से पूछ लिया कि पहलगाम हमले (Pahalgam Attack) के पीछे उसके समर्थित आतंकी संगठनों का हाथ क्यों है। इस तीखे सवाल के बाद पाकिस्तान की स्थिति और अधिक कमजोर होती नजर आई।
भारत के जवाबी कदमों ने पाकिस्तान में राजनीतिक और सैन्य हलचलों को तेज़ कर दिया है। ISI द्वारा प्रधानमंत्री को तलब किया जाना और सेना की खुली कमान इस बात का संकेत है कि पाकिस्तान आंतरिक दबाव में है और उसकी स्थिति बेहद अस्थिर है। जहां एक ओर भारत पूरी तरह मुस्तैद है, वहीं पाकिस्तान अपनी ही साजिशों में उलझता नजर आ रहा है।