Sikh Prisoners Release Demand : अमृतसर (Amritsar) में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (Shiromani Gurdwara Parbandhak Committee – SGPC) ने बंदी सिखों की रिहाई को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए प्रधानमंत्री और सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को दोबारा पत्र लिखने का निर्णय लिया है। एसजीपीसी अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी (SGPC President Advocate Harjinder Singh Dhami) ने यह घोषणा तेजा सिंह समुंदरी हॉल (Teja Singh Samundri Hall) में हुई अंतरिम कमेटी की बैठक के बाद की।
धामी ने कहा कि भाई बलवंत सिंह राजोआणा (Bhai Balwant Singh Rajoana) और भाई जगतार सिंह हवारा (Bhai Jagtar Singh Hawara) की रिहाई के लिए पहले भी अपील की गई थी। 12 अक्टूबर 2010 को राजोआणा को मौत की सजा दी गई थी, जिसकी पुष्टि के बाद 31 मार्च 2012 को फांसी की तारीख तय की गई। हालांकि, बाद में अपील के चलते मौत की सजा पर स्थायी रोक लग गई थी। अब SGPC फिर से केंद्र सरकार और न्यायपालिका से उनकी रिहाई की मांग करेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) द्वारा गुरु नानक देव जी (Guru Nanak Dev Ji) की 550वीं जयंती पर बंदी सिखों को राहत देने का वादा किए जाने का भी ज़िक्र धामी ने किया और कहा कि अब तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है। उन्होंने बताया कि वह स्वयं भाई बलवंत सिंह राजोआणा से मिल चुके हैं।
धामी ने केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू (Union Minister Ravneet Singh Bittu) पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने चुनावों के दौरान बंदी सिंहों की रिहाई की बात कही थी, लेकिन अब तक कुछ नहीं किया। यह केवल चुनावी वादे बन कर रह गया है।
खालसा साधना दिवस (Khalsa Sadhna Diwas) के मौके पर उन्होंने बताया कि अमृतसर साहिब (Amritsar Sahib), केसगढ़ साहिब (Keshgarh Sahib) और दमदमा साहिब (Damdama Sahib) में कुल 13,258 बुजुर्ग महिलाओं ने अमृत संचार (Amrit Sanchar) लिया है। इसके साथ ही एसजीपीसी ने अपने कर्मचारियों को महंगाई को ध्यान में रखते हुए 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) देने की भी घोषणा की है।
धार्मिक मुद्दों पर आम आदमी पार्टी (AAP) की बयानबाजी को खारिज करते हुए धामी ने कहा कि कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह बैंस (Cabinet Minister Harjot Singh Bains) और ज्ञानी कुलदीप सिंह गर्गज (Giani Kuldeep Singh Gargaj) के बीच हुई बहस का वीडियो वायरल हुआ, लेकिन सिख मामलों पर केवल गुरुद्वारा एक्ट 1925 के तहत SGPC ही चर्चा कर सकती है।
धामी ने कहा कि गुरु तेग बहादुर साहिब जी (Guru Tegh Bahadur Sahib Ji) का 350वां प्रकाश पर्व SGPC द्वारा बड़ी श्रद्धा और भव्यता से मनाया जाएगा। वहीं भाई बलवंत सिंह राजोआणा ने भी कहा कि अब उनके लिए जीवन और मृत्यु में कोई अंतर नहीं बचा और वह भी इस संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय (Prime Minister’s Office) को पत्र लिखेंगे।
20 अप्रैल तक की समयसीमा में धार्मिक संस्थाओं से राय मांगी गई थी, लेकिन कई संगठनों की ओर से अभी तक कोई जवाब नहीं आया है, इसलिए यह तिथि आगे बढ़ाई जा सकती है।