चंडीगढ़ (Chandigarh) 16 जनवरी (The News Air) : कंगना रनौत (Kangana Ranaut) की बहुप्रतीक्षित फिल्म “इमरजेंसी” (Emergency) विवादों में घिर गई है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने इस फिल्म पर पंजाब में बैन लगाने की मांग की है। एसजीपीसी ने फिल्म पर आरोप लगाया है कि इसमें सिखों की छवि खराब करने और ऐतिहासिक तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया गया है।
फिल्म की रिलीज पर विवाद क्यों? : फिल्म 17 जनवरी 2025 को रिलीज होनी है, लेकिन इससे पहले ही SGPC ने मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) को पत्र लिखकर इसकी रिलीज रोकने की अपील की है।
एसजीपीसी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी (Advocate Harjinder Singh Dhami) ने कहा कि, “फिल्म में सिखों को गलत तरीके से पेश किया गया है, जिससे समुदाय में गुस्सा और आक्रोश बढ़ सकता है।”
धामी ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने इसे बैन नहीं किया, तो सिख समुदाय और शिरोमणि कमेटी इसका सख्त विरोध करेंगे।
विवाद का कारण:
- सिखों की छवि पर हमला:
फिल्म में 1984 के सिख विरोधी दंगों और सचखंड श्री हरमंदिर साहिब (Golden Temple) पर हुए हमलों का जिक्र किया गया है। - सिख शहीदों का गलत चित्रण:
सिख शहीद संत जरनैल सिंह खालसा भिंडरावाले (Sant Jarnail Singh Khalsa Bhindranwale) को गलत तरीके से दिखाने का आरोप है। - समाज में अशांति की आशंका:
SGPC का कहना है कि फिल्म पंजाब के माहौल को खराब कर सकती है।
क्या लिखा गया पत्र में? : SGPC ने अपने पत्र में लिखा: “फिल्म इमरजेंसी को राजनीतिक उद्देश्य से बनाया गया है, जिसमें सिखों के खिलाफ नफरत फैलाने का प्रयास किया गया है। राज्य सरकार को इसे रोकना चाहिए।”
एसजीपीसी ने यह भी कहा कि इससे पहले CBFC (Central Board of Film Certification) ने फिल्म के 3 दृश्यों को हटाने और 10 बदलावों के निर्देश दिए थे।
CBFC ने दिए थे बदलाव के निर्देश: 5 महीने पहले फिल्म को सेंसर बोर्ड से मंजूरी नहीं मिली थी।
- फिल्म में 3 विवादास्पद दृश्य हटाए गए।
- 10 अन्य बदलाव किए गए।
- इन निर्देशों के बाद ही सेंसर बोर्ड ने फिल्म को सर्टिफिकेट दिया।
सिख समुदाय की आपत्ति: फरीदकोट (Faridkot) से निर्दलीय सांसद सरबजीत सिंह खालसा (Sarbjeet Singh Khalsa) ने भी फिल्म के खिलाफ आवाज उठाई है। उन्होंने कहा, “यह फिल्म सिखों को अलगाववादी और आतंकवादी के रूप में पेश करती है, जो एक गहरी साजिश है।”
उन्होंने यह भी कहा कि फिल्म समाज में तनाव बढ़ा सकती है और कानून-व्यवस्था पर असर डाल सकती है।
कंगना रनौत की फिल्म “इमरजेंसी” अपनी रिलीज से पहले ही विवादों का केंद्र बन चुकी है। सिख समुदाय ने इसे बैन करने की मांग की है, और SGPC ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर इसे बैन नहीं किया गया, तो सख्त विरोध किया जाएगा।
क्या सरकार इस विवाद को शांत कर पाएगी, या “इमरजेंसी” एक नए राजनीतिक विवाद को जन्म देगी? यह देखना दिलचस्प होगा।