CBI Director Appointment: प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में सोमवार को एक बेहद अहम और गोपनीय बैठक का दौर देखने को मिला, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi), लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना (Chief Justice Sanjiv Khanna) एक साथ बैठक के लिए पहुंचे। यह बैठक इसलिए खास मानी जा रही है क्योंकि इसमें केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के अगले निदेशक के नाम पर चर्चा किए जाने की पूरी संभावना जताई जा रही है।
भारतीय संविधान के अनुसार, CBI निदेशक (CBI Director) की नियुक्ति के लिए गठित समिति में प्रधानमंत्री, भारत के मुख्य न्यायाधीश और लोकसभा का नेता प्रतिपक्ष शामिल होते हैं। ऐसे में यह तीनों दिग्गज एक साथ पीएमओ में पहुंचे और बैठक में शामिल हुए। यह मीटिंग मौजूदा निदेशक प्रवीण सूद (Praveen Sood) के कार्यकाल समाप्त होने से पहले हुई है, जिनका कार्यकाल 25 मई को पूरा हो रहा है। वे कर्नाटक (Karnataka) कैडर के 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और मई 2023 में उन्होंने सुबोध कुमार जायसवाल (Subodh Kumar Jaiswal) की जगह पदभार संभाला था।
यह बैठक सिर्फ सीबीआई निदेशक की नियुक्ति तक सीमित नहीं है। वर्तमान में भारत-पाकिस्तान (India-Pakistan) सीमा पर बढ़े तनाव और पहलगाम (Pahalgam) में हुए आतंकी हमले के बाद से प्रधानमंत्री मोदी लगातार सुरक्षा से जुड़े विषयों पर वरिष्ठ अधिकारियों और मंत्रियों से बैठकें कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि मौजूदा बैठक में इस संदर्भ में भी विचार-विमर्श हुआ है।
कुछ दिन पहले पहलगाम में आतंकी हमले के बाद हुई सर्वदलीय बैठक (All Party Meeting) में विपक्ष की ओर से राहुल गांधी ने सरकार को समर्थन दिया था। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा था कि यह हमला बेहद जघन्य था और जो भी इसके पीछे हैं, उन्हें सख्त सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस मामले में सरकार जो भी कार्रवाई करेगी, विपक्ष उसका समर्थन करेगा।
प्रधानमंत्री कार्यालय में ऐसी बैठकें कम ही देखने को मिलती हैं, जहां देश की शीर्ष संवैधानिक संस्थाओं के प्रतिनिधि एक मंच पर किसी निर्णय के लिए साथ बैठते हों। इसलिए यह मीटिंग न सिर्फ सीबीआई नियुक्ति बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और राजनीतिक सहमति के लिहाज से भी अहम मानी जा रही है।






