‘बदनीयत से ईवीएम को बदनाम करने वालों के सपने चूर-चूर हो गए’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी करते हुए इसे लोकतंत्र का विजय दिवस बताया। बिहार की रैली में पीएम मोदी ने कहा कि INDI गठबंधन के हर नेता ने EVM को लेकर जनता के मन में संदेह पैदा करने का पाप किया है, लेकिन आज देश के लोकतंत्र और बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान की ताकत देखिए, आज सुप्रीम कोर्ट ने मतपेटियों को लूटने का इरादा रखने वालों को ऐसा गहरा झटका दिया है कि उनके सारे सपने चूर-चूर हो गए हैं।
पीएम ने आगे कहा, आज सुप्रीम कोर्ट ने साफ-साफ कह दिया है कि बैलेट पेपर वाला पुराना दौर वापस लौटकर नहीं आएगा। आज जब पूरी दुनिया भारत के लोकतंत्र की, भारत की चुनाव प्रक्रिया की, चुनाव में टेक्नोलॉजी के उपयोग की वाहवाही करती है, तब ये लोग अपने निजी स्वार्थ के लिए EVM को बदनाम करने पर लगे पड़े थे। इन्होंने लोकतंत्र के साथ लगातार विश्वासघात करने की कोशिश की है।
ईवीएम-वीवीपैट मिलान पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
- सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने कोर्ट को बताया कि वीवीपैट का 4 करोड़ डाटा सही पाया गया है। यही तर्क आयोग के पक्ष में फैसला आने में मददगार रहा।
- याचिका में ईवीएम के परिणाम और वीवीपैट के 100 फीसदी मिलान की बात कही गई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 45 दिन तक ईवीएम-वीवीपैट का डाटा सुरक्षित रखा जाए। इस दौरान यदि कोई उम्मीदवार परिणाम पर सवाल उठाता है तो जांच की जाएगी। इसका खर्च उम्मीदवार वहन करेगी।
- एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (एडीआर) संस्था और कुछ अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दाखिल कर वीवीपैट पर्चियों का ईवीएम से 100 प्रतिशत मिलान की मांग की थी।
- चुनाव आयोग ने पीठ के समक्ष कहा था कि ईवीएम और वीवीपैट में किसी तरह की छेड़छाड़ संभव नहीं है। आयोग ने मशीनों की सुरक्षा, उन्हें सील करने और उनकी प्रोग्रामिग के बारे में भी शीर्ष कोर्ट को अवगत कराया था।