नई दिल्ली, 29 सितंबर (The News Air) दिल्ली देहात के घोंघा गांव में लगे झूठे उद्घाटन बोर्ड को उखाड़ने वाले ग्रामीण रवीश की गिरफ्तारी के खिलाफ सोमवार को हुई पंचायत में आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज और विधायक संजीव झा शामिल हुए और भाजपा सरकार की कार्रवाई की कड़ी निंदा की। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पहले विकास कार्य का शिलान्यास होता है, फिर उदघाटन, यहां तो भाजपा सरकार ने बिना शिलान्यास के ही उदघाटन कर दिया। लगता है डेढ़ से दो करोड़ रुपए का टेंडर कागजों में खर्च हो गया। जब रवीश ने चोरी की पोल खोली तो भाजपा बौखला गई और उनको गिरफ्तार करा दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि भाजपा सरकार दिल्ली में जहां भी फर्जी विकास के बोर्ड लगाएगी, आम आदमी पार्टी उसे ढूंढकर उखाड़ फेंकेगी।
आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने सोमवार को दिल्ली देहात के घोघा गांव में एक पंचायत को संबोधित करते हुए भाजपा शासित दिल्ली सरकार पर गांववासियों के खिलाफ बदले की कार्रवाई का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एक स्थानीय निवासी रवीश ने सरकार के झूठे उद्घाटन का पर्दाफाश किया था, जिसके बाद बदले की भावना से सरकार ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। सौरभ भारद्वाज ने गांववालों को समर्थन देते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाएगी। पंचायत में कई गांव वासी, “आप” पार्षद और विधायक भी शामिल हुए।
सौरभ भारद्वाज ने पंचायत के दौरान रवीश के मामले का जिक्र करते हुए कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं ने मुझे फोन कर बताया था कि रवीश भाजपा के समर्थक हैं, लेकिन इससे मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। रवीश ने जो मुद्दा उठाया, वह हर गांववासी को उठाना चाहिए था। उन्होंने स्पष्ट किया कि गांव के लिए आया पैसा सरकार का नहीं, बल्कि ग्राम सभा का है, जो सालों से जमा हो रहा था। 2023-24 में डीडीए ने सभी गांवों के ग्राम सभा के पैसे ले लिए गए, जो गलत था। डीडीए ने गांवों को अपने अधीन कर लिया, जिससे चौपालों, सड़कों और खाली जमीनों पर विवाद शुरू हो गया। इस तरह ग्राम सभा के सैकड़ों करोड़ रुपये डीडीए के पास आए ।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि डीडीए ने वादा किया था कि इस पैसे से चौपाल, श्मशान घाट और सड़कें बनवाएंगे, लेकिन बोर्डों पर “उद्घाटन” लिखा गया, जबकि कोई विकास कार्य नहीं हुआ। उद्घाटन तो काम पूरा होने पर होता है। लगता है डेढ़-दो करोड़ का टेंडर कागजों में खर्च हो गया, जो खुली चोरी है। सरकार ने सोचा था कि गांववासी भोले हैं, किराएदारी से गुजारे करते हैं, इसलिए वे ज्यादा नहीं सोचेंगे। लेकिन रवीश ने वीडियो बनाकर भाजपा की चोरी उजागर की, बोर्ड को संबल से उखाड़ कर फेंका, जो सही कदम था। सरकार ने उसकी गिरफ्तारी करा दी।
केंद्र की भाजपा सरकार की दिल्ली पुलिस की गुंडागर्दी का जिक्र करते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा कि रवीश की माता जी ने बताया कि पुलिस गांव में घुसी और कच्छे-बनियान में बैठे रवीश को उठा ले गई। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर दिल्ली के किसी गांव में पुलिस नाइंसाफी करे, तो सारे गांववासी पुलिस के रास्ते पर बैठ जाएं। गांव में पुलिस का राज न बनने दें। सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली पुलिस के एसएचओ और डीसीपी से कहा कि सरकारें हमेशा नहीं रहतीं, लेकिन रवीश और मैं उनका नाम याद रखेंगे। उन्होंने गांव वालों से कहा कि आगे से ऐसा हो तो रास्ते पर बैठकर वीडियो बनाएं, पुलिस से झगड़ा न करें। रवीश की माता जी ने बताया कि पुलिस ने सीसीटीवी बंद कराया, डीवीआर चुरा लिया, जो चोरों का काम है। वारंट दिखाना चाहिए था, थाने बुलाकर जमानत हो सकती थी, लेकिन यह स्वाभिमान कुचलने की साजिश है।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा की पुलिस एक आदमी को कच्छे-बनियान में ले गई, लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं। जहां भी झूठा बोर्ड लगेगा, मैं खुद ढूंढूंगा और उखाड़कर फेंकूंगा। रवीश का काम व्यर्थ नहीं जाएगा। उनके वीडियो को देखकर हर गांव में रवीश जैसे लोग बोर्ड उखाड़ेंगे।
अंत में सौरभ भारद्वाज ने गांववालों से बातचीत का जिक्र करते हुए कहा कि रवीश का घर गांव की बाउंड्री पर होने से पुलिस चुपके से ले गई, लेकिन अगर बीच में होता तो गांववासी नहीं जाने देते। पूरे गांव को नमन है, क्योंकि मुकदमे के डर से कई बार लोग पीछे हट जाते हैं। आज हरि ओम जी को भी धमकी मिली थी कि उन्हें भी उठा लेंगे। लेकिन हम डरेंगे नहीं, पंचायत होकर रहेगी। घोघा गांव के निवासियों, बुजुर्गों, माताओं और खासकर रवीश की माता जी को नमन, जिन्होंने शेरनी की तरह मजबूती दिखाई। कई बार घरवाले समझौता करने को कहते हैं, लेकिन ऐसी शेरनी जैसी मां का दूध पीकर बेटा डरता नहीं है।






