नई दिल्ली, 22 दिसंबर (अभिनव) गुजरात की भाजपा सरकार द्वारा आदिवासी विकास फंड से 50 करोड़ रुपए पीएम नरेंद्र मोदी की रैली में खर्च करने पर आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता व सांसद संजय सिंह ने कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी गुजरात में गरीबों का फंड अपनी रैली में खर्च कर रहे हैं। डेडियापाड़ा में हुई पीएम मोदी की रैली में आदिवासी विकास फंड से 50 करोड़ रुपए खर्च कर दिए गए। 50 करोड़ रुपए में से 7 करोड़ मंडप पर, 3 करोड डोम पर, 5 करोड़ स्टेज बनाने पर, 2 करोड़ चाय-नाश्ते पर, 7 करोड़ रुपए बसों पर 7 खर्च किए गए, जबकि टॉयलेट, चाय नाश्ते पर भी करोड़ों खर्च किए गए। एक तरफ गुजरात में बच्चों की छात्रवृत्ति बंद है और दूसरी तरफ गरीबों के हक का करोड़ों रुपए बेकार में खर्च कर दिए। जबकि यह फंड गरीब आदिवासियों के विकास के लिए फण्ड आता है।
सोमवार को संजय सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी की रैली के नाम पर हुई लूट पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आदिवासियों के कल्याण के लिए आरक्षित पैसे को पीएम की रैलियों पर खर्च किया जा रहा है। 15 नवंबर को प्रधानमंत्री ने गुजरात से आम आदमी पार्टी के विधायक और आदिवासी समाज के प्रमुख नेता चौतर वसावा के विधानसभा क्षेत्र डेडियापाड़ा में एक रैली की थी। हैरानी की बात यह है कि आदिवासियों के विकास के लिए निर्धारित फंड का इस्तेमाल प्रधानमंत्री की इस रैली के आयोजन में कर दिया गया।
संजय सिंह ने बताया कि उस क्षेत्र में करीब 12 हजार बच्चे कुपोषण के शिकार हैं। जिस आदिवासी फंड का उपयोग इन बच्चों के कुपोषण को दूर करने, स्कूलों और अस्पतालों के निर्माण, सड़कों और पानी की व्यवस्था जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए किया जाना चाहिए था, वह पैसा प्रधानमंत्री की रैली में खर्च कर दिया गया। उन्होंने रैली के खर्च का ब्योरा देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के लिए बेहद आलीशान रैली आयोजित की गई। केवल शौचालय के इंतजाम पर 2 करोड़ रुपए, मंडप की व्यवस्था पर 7 करोड़ रुपए, मंच बनाने के लिए 5 करोड़ रुपए और डोम तैयार करने के लिए 3 करोड़ रुपए खर्च कर दिए गए। इसके अलावा भीड़ जुटाने के लिए बसों के इंतजाम पर करीब सात करोड़ रुपए खर्च किए गए।
संजय सिंह ने सवाल उठाया कि हमारे देश और गुजरात में यह क्या हो रहा है? क्या आदिवासी समाज को सम्मान से जीने का हक नहीं है? उन्होंने बताया कि जब “आप” विधायक ने सरकारी अधिकारियों की बैठक में पूछा कि बच्चों के कुपोषण को दूर करने के लिए पैसा क्यों नहीं खर्च किया जा रहा, तो गुजरात की भाजपा सरकार का कहना था कि पैसा नहीं है। भाजपा सरकार यही दलील देती है, जबकि असलियत में वह सारा पैसा प्रधानमंत्री की रैलियों में जा रहा है। संजय सिंह ने लोगों से अपील की कि इस सच्चाई को समाज के वंचित और शोषित आदिवासी वर्गों तक ज्यादा से ज्यादा पहुंचाया जाए कि उनके बच्चों के भविष्य और विकास का पैसा प्रधानमंत्री के प्रचार कार्यक्रमों में बर्बाद किया जा रहा है।






