Sambhal Shahi Jama Masjid: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के संभल (Sambhal) जिले की शाही जामा मस्जिद (Shahi Jama Masjid) को लेकर जारी विवाद पर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने अहम फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने फिलहाल मस्जिद की रंगाई-पुताई पर रोक लगा दी है। हालांकि, कोर्ट ने मस्जिद के अंदर साफ-सफाई की अनुमति दे दी है। यह फैसला भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI – Archaeological Survey of India) की रिपोर्ट के आधार पर आया है, जिसमें कहा गया कि मस्जिद में पेंटिंग या मरम्मत की आवश्यकता नहीं है।
मस्जिद कमेटी ने दायर की थी याचिका
संभल की मस्जिद कमेटी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रंगाई-पुताई की अनुमति मांगी थी। उनका कहना था कि हर साल मस्जिद में सफाई और मरम्मत होती है, लेकिन इस बार स्थानीय प्रशासन और ASI से अनुमति मांगी गई थी, जिसका कोई जवाब नहीं मिला। जवाब न मिलने पर मस्जिद कमेटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। इस मामले की शुक्रवार को सुनवाई हुई, जिसके बाद हाईकोर्ट ने रंगाई-पुताई पर रोक लगाने का आदेश दिया, लेकिन साफ-सफाई की इजाजत दे दी।
हिंदू पक्ष ने भी दर्ज कराई आपत्ति
इस मामले में हिंदू पक्ष ने भी इलाहाबाद हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल करने की अनुमति मांगी। हिंदू पक्ष का तर्क था कि रंगाई-पुताई या मरम्मत से मस्जिद की ऐतिहासिक संरचना को नुकसान हो सकता है। हाईकोर्ट ने हिंदू पक्ष को भी 4 मार्च तक अपना हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। साथ ही, मस्जिद कमेटी को भी इस मुद्दे पर लिखित आपत्ति दर्ज कराने को कहा गया है।
ASI रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला
हाईकोर्ट ने पहले ही ASI को मस्जिद का सर्वे करने और रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया था। सर्वे के लिए ASI के संयुक्त महानिदेशक मदन सिंह चौहान (Madan Singh Chauhan), निदेशक (स्मारक) जुल्फेगर अली (Zulfeqar Ali) और मेरठ सर्कल के सुपरिटेंडिंग आर्कियोलॉजिस्ट विनोद सिंह रावत (Vinod Singh Rawat) की टीम को नियुक्त किया गया था।
ASI रिपोर्ट में कहा गया कि मस्जिद में पेंटिंग या मरम्मत की जरूरत नहीं है, जिसके आधार पर हाईकोर्ट ने रंगाई-पुताई पर रोक लगा दी, लेकिन सफाई करने की इजाजत दे दी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संभल की शाही जामा मस्जिद की रंगाई-पुताई पर फिलहाल रोक लगा दी है, लेकिन साफ-सफाई की अनुमति दी है। यह फैसला ASI की रिपोर्ट के आधार पर आया है। हिंदू पक्ष ने भी हलफनामा दाखिल करने की अनुमति मांगी है, जिसे कोर्ट ने 4 मार्च तक जमा करने को कहा है।