‘सलमान रुश्दी अब जिंदा लाश से कम नहीं’, ईरान के फाउंडेशन ने हमलावर की तारीफ की (The News Air)

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Iran On Salman Rushdie
'सलमान रुश्दी अब जिंदा लाश से कम नहीं', ईरान के

Iran On Salman Rushdie: ईरान (Iran) के एक फाउंडेशन ने चर्चित उपन्यासकार सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) पर हमला करने वाले की तारीफ की है. पिछले साल अगस्त में सलमान रुश्दी पर एक 24 साल के अमेरिकन शिया मुस्लिम ने हमला किया था. सलमान रुश्दी पर हमला उस वक्त हुआ था, जब वो एक साहित्यिक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए न्यू यॉर्क गए हुए थे. हमले में 75 साल के सलमान रुश्दी की एक आंख और एक हाथ खराब हो गए.

विदेशी न्यूज मीडिया एजेंसी रॉयटर के मुताबिक, ईरान के स्टेट टीवी ने अपने टेलीग्राम चैनल पर मंगलवार (21 फरवरी) को बताया कि ईरानी फाउंडेशन सलमान रुश्दी पर हमला करने वाले को 1,000 वर्ग मीटर खेती करने वाली जमीन से नवाजेगा.

बहादुरी का शुक्रिया अदा किया

ईरान के फाउंडेशन, जो इमाम खुमैनी के फतवों को लागू करने का काम करती है, उसके सचिव मोहम्मद स्माइल ज़रेई ने कहा कि हम ईमानदारी से उस युवा अमेरिकी की बहादुरी का शुक्रिया अदा करते हैं, जिसने रुश्दी को एक आंख से अंधा कर दिया और उनके एक हाथ को काम करने लायक नहीं छोड़ा. उसने ऐसा करके मुसलमानों को खुश कर दिया है. जरेई ने आगे कहते हुए कहा कि रुश्दी अब जिंदा लाश से कम नहीं हैं.

द सैटेनिक वर्सेज हुई थी पब्लिश

सलमान रुश्दी ने 33 साल पहले ‘द सैटेनिक वर्सेज’ नाम की किताब लिखी थी. इसके बाद ईरान के 33 साल पहले के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला रुहोल्लाह खुमैनी ने मुस्लिमों से रुश्दी की हत्या करने के लिए एक फतवा जारी किया था, क्योंकि सलमान रुश्दी की किताब को कुछ मुसलमानों ने पैगंबर मुहम्मद के बारे में ईशनिंदा के रूप में देखा था. पिछले साल सलमान रुश्दी पर हमला द सैटेनिक वर्सेज के प्रकाशन का ही परिणाम माना जा रहा है. सलमान रुश्दी का जन्म एक कश्मीरी मुस्लिम परिवार में हुआ था. वो नौ साल ब्रिटिश पुलिस की सुरक्षा में छिपे हुए थे.

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