नई दिल्ली, 12 मार्च (The News Air) प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बापू का ये साबरमती आश्रम देश की ही नहीं बल्कि मानवजाति की ऐतिहासिक धरोहर है. पहले की सरकारों ने इसकी अनदेखी की. पिछली सरकारों में बापू के आश्रम के साथ न्याय नहीं हुआ. बापू का साबरमती आश्रम विकसित भारत के संकल्प का तीर्थ है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के अहमदाबाद में साबरमती में महात्मा गांधी आश्रम में पुनर्विकसित कोचरब आश्रम का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने गांधी आश्रम स्मारक के मास्टर प्लान का शुभारंभ किया. साबरमती आश्रम में पीएम मोदी ने कहा कि बापू का ये साबरमती आश्रम, देश की ही नहीं, बल्कि मानवजाति की ऐतिहासिक धरोहर है. पहले की सरकारों ने इसकी अनदेखी की.
पीएम मोदी ने कहा कि अपनी विरासत को सहेजना हमारी जिम्मेदारी है. जो देश अपनी विरासत नहीं संजो पाता, वो देश अपना भविष्य भी खो देता है. पहले की सरकारों ने इसके प्रति उदासीनता दिखाई. पिछली सरकारों में बापू के आश्रम के साथ न्याय नहीं हुआ. हमारी विरासत की अनदेखी की गई. प्रधानमंत्री ने कहा कि बापू का आश्रम अप्रतीम उर्जा का केंद्र है.
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi inaugurates the re-developed Kochrab Ashram and launches the Master plan of Gandhi Ashram Memorial, at Mahatma Gandhi Ashram at Sabarmati, in Ahmedabad, Gujarat.
He says, "This Sabarmati Ashram of Bapu has always been the centre of an… pic.twitter.com/tVQPLNnCmK
— ANI (@ANI) March 12, 2024
साबरमती आश्रम विकसित भारत के संकल्प का तीर्थ
पीएम मोदी ने कहा कि बापू का साबरमती आश्रम विकसित भारत के संकल्प का तीर्थ केंद्र है. इसी साबरमती आश्रम से देश ने आजादी के अमृत महोत्सव का शुभारंभ किया था. पीएम मोदी ने कहा कि 12 मार्च की तारीख ऐतिहासिक तारीख है. आज के ही दिन बापू ने स्वतंत्रता आंदोलन की धारा को बदला और दांडी यात्रा स्वतंत्रता के आंदोलन के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित हो गई.
1200 करोड़ की लागत से होगा आश्रम का कायाकल्प
बता दें कि 1200 करोड़ की लागत से साबरमती आश्रम का कायाकल्प किया जाएगा. मास्टर प्लान के तहत आश्रम के मौजूदा पांच एकड़ क्षेत्र को 55 एकड़ तक बढ़ाया जाएगा. इसके अलावा आश्रम में जो मौजूदा 36 इमारतों का रेनोवेट किया जाएगा. दरअसल, साबरमती आश्रम 1915 में दक्षिण अफ्रीका से भारत आने के बाद महात्मा गांधी द्वारा स्थापित पहला आश्रम था. इस मास्टर प्लान में 20 पुराने भवनों का संरक्षण, 13 भवनों का जीर्णोद्धार और तीन इमारतों का रेनोवेट करना शामिल हैं.
क्या है इस परियोजना लक्ष्य?
इस परियोजना का लक्ष्य भविष्य की पीढ़ियों के लिए महात्मा गांधी की शिक्षा को फिर से जीवित करना है और गांधीवादी विचारों को बढ़ावा देना है. गुजरात सरकार ने आश्रम परियोजना को लागू करने के लिए महात्मा गांधी साबरमती आश्रम मेमोरियल ट्रस्ट का गठन किया है. आश्रम विकास परियोजना के कारण साबरमती आश्रम परिसर में रहने वाले करीब 250 परिवारों का पुनर्वास किया गया है.
गांधीजी ने आज ही के दिन की थी दांडी यात्रा की शुरुआत
बता दें कि आज ही के दिन (12 मार्च 1930) राष्ट्रपिता महात्मा गांधीजी ने ब्रिटिश राज के एकाधिकार के खिलाफ नमक सत्याग्रह के नाम से ऐतिहासिक दांडी यात्रा की शुरुआत की थी. 24 दिनों तक चली यह पद-यात्रा अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से शुरू होकर नवसारी स्थित छोटे से गांव दांडी के समुंदर तट पर नमक बनाकर सम्पन्न हुई थी.