Waqf Amendment Bill Controversy – वक्फ संशोधन विधेयक (Waqf Amendment Bill) को लेकर देश की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। लोकसभा (Lok Sabha) में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने केंद्र सरकार और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि वक्फ के बाद अब संघ की नजर ईसाई (Christian) समुदाय की जमीनों पर है। शनिवार को एक्स (X – formerly Twitter) पर पोस्ट शेयर करते हुए राहुल गांधी ने एक स्क्रीनशॉट के जरिए दावा किया कि ऑर्गनाइज़र (Organizer) पत्रिका में प्रकाशित लेख यह संकेत देता है कि अब चर्च की संपत्तियों को निशाना बनाया जा रहा है।
राहुल गांधी ने लिखा, “मैंने पहले ही कहा था कि वक्फ विधेयक केवल मुस्लिमों पर हमला नहीं, बल्कि अन्य समुदायों को भी निशाना बनाने का रास्ता तैयार कर रहा है। अब संघ ने ईसाई समुदाय की ओर रुख कर लिया है।” उन्होंने यह भी कहा कि केवल संविधान (Constitution) ही है जो ऐसे हमलों से नागरिकों को बचा सकता है, और इसकी रक्षा करना सबका सामूहिक कर्तव्य (Collective Duty) है।
कांग्रेस नेता द्वारा साझा किया गया ऑर्गनाइज़र का लेख अब ऑनलाइन नहीं है, लेकिन उसमें यह कहा गया था कि कैथोलिक चर्च (Catholic Church) और उसके संस्थानों के पास करीब 7 करोड़ हेक्टेयर जमीन (70 Million Hectares of Land) है। इसे वक्फ से तुलना करते हुए निशाना बनाया गया।
वक्फ विधेयक (Waqf Bill) को लेकर केंद्र सरकार का कहना है कि यह पारदर्शिता और कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए है। इसके अंतर्गत वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम और महिला सदस्य जोड़े जाएंगे, संपत्तियों का डिजिटलीकरण (Digitization) किया जाएगा, और कलेक्टर (Collector) की भूमिका बढ़ेगी ताकि अवैध कब्जों को रोका जा सके। लेकिन कांग्रेस का आरोप है कि यह अल्पसंख्यकों के धार्मिक अधिकारों (Religious Rights) पर हमला है और यह संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 (Articles 25 & 26) का उल्लंघन करता है।
कांग्रेस का यह भी कहना है कि सरकार का असली उद्देश्य धार्मिक सुधार नहीं, बल्कि राजनीतिक ध्रुवीकरण (Political Polarization) है। संयुक्त संसदीय समिति (Joint Parliamentary Committee – JPC) में भी कांग्रेस ने विरोध दर्ज कराया और कहा कि उनके सुझावों को नजरअंदाज किया गया।
राहुल गांधी ने स्पष्ट किया कि यह केवल मुस्लिमों का नहीं, बल्कि सभी धार्मिक अल्पसंख्यकों का मुद्दा है, और इससे धर्मनिरपेक्ष ढांचे (Secular Structure) को खतरा है। उन्होंने एक बार फिर संविधान की अहमियत पर जोर देते हुए कहा कि यही एकमात्र सुरक्षा कवच है जो सभी नागरिकों को समान अधिकार देता है।