The News Air – जीवन में सफलता पाना है तो हमेशा बड़ो का सम्मान करेंं क्योंकि जितना हम अपने से बड़ों का आदर सत्कार करेंगे उतना हमारा विकास होगा। हमारे जीवन की समस्याओं का अंत होगा। बड़ों का सम्मान करने से सफलता के द्वार खुलते हैं अच्छे संस्कारों की बदौलत ही हम अपने गुणों से पहचाने जाते है और यही संस्कार हमारी संस्कृति को बचाए रखते है। आज हमारे देश की संस्कृति यहां के अच्छे संस्कारों के कारण ही विश्व भर में प्रसिद्ध है। बचपन में माता-पिता और स्कूल में हमें टीचर अच्छे संस्कार देते है। वहीं बड़ों की भूमिका भी अच्छे संस्कार देने में अहम होती है। अच्छे व्यक्ति की पहचान उसके अच्छे संस्कारों से होती है, अगर व्यक्ति में संस्कार ही नहीं होंगे तो हमारा समाज भी उसे महत्व नहीं देगा और लोग उससे दूरी ही बनाए रखेंगे। वैसे तो हर बच्चे में संस्कार बचपन से ही होते है, लेकिन कुछ बातें और व्यवहार समाज के लोगों व बड़ों से मिलते है। अच्छा बोलना, दूसरों की मदद करना और माता-पिता तथा बड़ों का आदर सम्मान करना ही संस्कार है। हमें हर उस व्यक्ति से संस्कार मिलते है जो हमसे बड़ा हो, चाहे वह दादा-दादी, माता-पिता, भाई बहन या अन्य सभी हमें सही रास्ता दिखाते है और हमें भी उनकी आज्ञा का पालन करना चाहिए और दी गई सीख को ही अपना चाहिए।

बच्चों की पहली पाठशाला उसका अपना घर होता है और माता-पिता उनके गुरु। बच्चे बचपन से ही अपने माता-पिता की हर गतिविधि को देखते हैं और सीखते हैं यदि हम अपने बच्चों में अच्छे संस्कार देखना चाहते हैं और बड़ों का आदर सम्मान कराना चाहते हैं तो सबसे पहले उन्हें स्वयं में बदलाव लाना होगा। घर के वातावरण को अच्छा और शांत रखना होगा। माता-पिता को अपने कुशल व्यवहार से बच्चों में अच्छे संस्कारों को पोषित करना होगा,अनुशासन,प्रेम और समर्पण से हम अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दे सकते हैं।
संस्कार, बड़ों का सम्मान, अच्छी आदतें। ये कुछ ऐसी चीजें हैं जो हर बच्चा अपने घर से सीखता है। सिखाने वाले होते हैं पहले गुरु माता-पिता। बच्चों को सिखाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आपकी कथनी और करनी में कोई अंतर न हो। यानी आप बच्चे को सच बोलना सिखा रहे हैं तो पहले खुद भी सच बोलें। उसे अपना काम खुद करने की नसीहत दे रहे हैं तो पहले स्वयं करें। ऐसी बहुत सी छोटी-छोटी बातों का ध्यान माता-पिता को देना होगा, तभी वे सही मायने में बच्चों को अच्छी परवरिश दे पाएंगे। आइए, जानते हैं बच्चों को क्या और कैसे संस्कार देने हैं।

हमने जो अपने बुजुर्गों से सीखा, वही तो आगे बढ़ाना है, टिप्स :-
खुद झूठ न बोलें : पहला पाठ यही है। इसलिए आप खुद भी बच्चों के सामने झूठ न बाेलें।
मेड हो या बुजुर्ग, सम्मान दें : बच्चों के सामने अपने माता-पिता से रिस्पेक्ट देकर बातें करें। घर में और बाहर बड़ों का सम्मान करना जरूरी है ये बताएं। अपने घर की मेड और काम करने वालों से भी इज्जत देकर बात करें, ताकि बच्चा भी वैसा ही करे।
अपना काम खुद करें : ये बहुत जरूरी सीख है। जाे उसे भविष्य में भी काम आएगी। घर के छोटे-मोटे काम बच्चों से ही करवाएं। उनमें कॉन्फिडेंस आएगा।
रूल्स न तोड़ें, ड्यूटी भी बताएं : घर, समाज, देश के प्रति हमारे ये अधिकार हैं, ये तो सब बताते हैं। एक अच्छा नागरिक बनने के लिए हमारी क्या ड्यूटीज़ हैं ये भी सिखाएं। सिखाते वक्त आप भी अपने कर्तव्यों का पालन करें। ड्राइव करते वक्त रूल्स न तोड़ें।
शेयरिंग करें और सिखाएं : ये जरूरी गुण है। इससे बच्चा दूसरों की भावनाओं और जरूरतों का ध्यान रखना सीखेगा। आप भी अपने बच्चे के साथ खाना या अन्य चीजें शेयर करें।
टाइमटेबल से समय की कद्र सिखाएं : टाइम से सोना, टाइम से जागना। समय पर खाना, होमवर्क करना, खेलना। सब जरूरी है। समय कितना कीमती है ये खेल और कहानियों के जरिए बताएं।
खेल में चीटिंग न करें : खेलते वक्त भी न खुद चीटिंग करें, न बच्चाें को सिखाएं। ईमानदार होने के कितने फायदे होते हैं ये बताएं। उन्हें सिखाएं कि बेइमानी खेल में हो या रिश्तों में नुकसानदायक ही है।
कहानियां सुनाएं : मददगार होना एक अच्छा गुण है। बच्चों को छोटी-छोटी प्रेरणादायी कहानियां सुनाकर दूसरों की मदद करने के लिए प्रेरित करें।
स्वयं उदाहरण सेट करें: आपके बच्चों को बड़ों का आदर सम्मान करना सिखाने के लिए, आपको खुद भी उनके साथ बड़ों का आदर करना चाहिए। वे आपके द्वारा दिखाए गए आदरभाव को देखकर सीखते हैं।
सुनवाई करें: अपने बच्चों को सुनना महत्वपूर्ण है। उनकी बातें और ख्वाहिशें महत्वपूर्ण हैं, और आपका सुनना उन्हें महसूस कराता है कि वे महत्वपूर्ण हैं।
संवाद में रहें: बच्चों के साथ उनके बारे में बातचीत करें और उनकी ख्वाहिशों और चुनौतियों को समझने का प्रयास करें।
सहमति दें: बच्चों के विचारों और विचारों का सम्मान करें, भले ही वे आपके विचार से सहमत न हों। इससे उन्हें स्वयं का मूल्य महसूस होता है।
शाबाशी और प्रोत्साहन: जब आपके बच्चे अच्छा काम करते हैं, तो उन्हें प्रोत्साहित करें और उन्हें शाबाशी दें।
समय बिताएं: अपने बच्चों के साथ समय बिताने का प्रयास करें। यह आपके संबंधों को मजबूत और महसूस कराता है।
साहित्यिक उदाहरण: किताबों और कहानियों के माध्यम से उन्हें अच्छे आदरभाव के साथ आपसी संबंधों के महत्व के बारे में सिखाएं।
समाजिक आदर्श प्रदर्शन: बच्चों को समाज में अच्छे संस्कार और समर्पण की महत्वपूर्णता के बारे में समझाएं, और उन्हें दिखाएं कि वे दूसरों के साथ अच्छे व्यवहार करते हैं।
समझाना: यदि कोई गलती होती है, तो बच्चों को समझाएं और उन्हें सही मार्ग पर ले जाने में मदद करें।
प्रशंसा करें: अपने बच्चों की प्रशंसा करना और उन्हें उनकी मेहनत और सफलता के लिए प्रेरित करना महत्वपूर्ण है।

बुजुर्ग हमारे धन हैं। बड़ों की छत्रछाया ही हमें अभय, यश और मान-सम्मान दिलाती है। इनके पास अनुभव का खजाना होता है। इन्हीं से हमें संस्कार, सभ्यता और संस्कृति का ज्ञान मिलता है, जो सफल जीवन का आधार होता है। हमारे बड़े ही हमें एकता के सूत्र में बांधे रहते हैं।
बचपन से ही हमें हमेशा अच्छे संस्कार सिखाए गए । हमारे माता-पिता हमेशा हमें अच्छे संस्कार अपनाने पर जोर देते थे। इसके अलावा, उन्होंने हमेशा हमें एक अच्छा इंसान बनने के लिए सबकुछ सिखाने की पूरी कोशिश की । किसी भी व्यक्ति को समाज में रहने के लिए अच्छे संस्कार जरूरी हैं। इसके अलावा, अगर कोई व्यक्ति चाहता है कि उसे हर कोई पसंद करे तो उसे पता होना चाहिए कि कैसे व्यवहार करना है। एक शिक्षित व्यक्ति और एक अनपढ़ व्यक्ति के बीच ज्ञान का अंतर नहीं है। लेकिन जिस तरह से वह बोलते हैं और काम करते हैं. अतः अच्छे संस्कारों का होना ही व्यक्ति को सज्जन बना सकता है। फिर भी यदि किसी व्यक्ति में इसका अभाव है तो सबसे अधिक पढ़ा-लिखा व्यक्ति भी अच्छा इंसान नहीं बन पाएगा।
अच्छे संस्कार व्यक्ति के जीवन में बहुत महत्व रखते हैं। जीवन में सफल होने के लिए व्यक्ति को हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह किस तरह से बातचीत करता है। विभिन्न बिजनेसमैन और सफल लोग बुलंदियां छू रहे हैं। यह उनके अच्छे आचरण और कौशल के कारण है। यदि कोई बॉस अपने कर्मचारियों से ठीक से बात नहीं करता है तो वे नौकरी छोड़ देंगे। इसलिए जीवन के किसी भी क्षेत्र में अच्छे संस्कार आवश्यक हैं।
हमारे माता-पिता ने हमें हमेशा अपने बड़ों का सम्मान करना सिखाया है । क्योंकि अगर हम अपने बड़ों का सम्मान नहीं करेंगे तो हमारे छोटे भी हमारा सम्मान नहीं करेंगे। अच्छे संस्कार से सम्मान भी मिलता है. सम्मान व्यक्ति की सबसे जरूरी जरूरतों में से एक है। इसके अलावा, कई लोग सम्मान पाने के लिए वास्तव में कड़ी मेहनत करते हैं। सम्मान ही वह सर्वोच्च चीज़ है जिसका लक्ष्य आपको होना चाहिए। इसलिए जीवन में हर कोई सम्मान का पात्र है।






