RCB Victory Celebration Tragedy : बेंगलुरु (Bengaluru) में RCB की जीत का जश्न, जो कि खुशी का मौका था, भीषण भगदड़ के बाद मातम में तब्दील हो गया जिसमें 11 लोगों की जान चली गई। इस पूरे मामले में अब बेंगलुरु पुलिस की ओर से किए गए संभावित एहतियातों पर बहस शुरू हो गई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिस इस कार्यक्रम के विधानसभआ (Vidhana Soudha) के पास आयोजन के पक्ष में नहीं थी, लेकिन इसके बावजूद कार्यक्रम को मंजूरी दी गई।
सीएनएन न्यूज18 की रिपोर्ट में बताया गया है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Siddaramaiah) की अगुवाई वाली सरकार और कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA – Karnataka State Cricket Association) के बीच पहले से यह तय हो चुका था कि अगर RCB फाइनल से पहले ही जीतती है तो 3 जून को विधानसभआ के पास विजय समारोह आयोजित किया जाएगा। KSCA ने 3 जून को ही DPAR (Department of Personnel and Administrative Reforms) को पत्र लिखकर इजाजत मांगी थी।
इसके बाद DPAR ने इस प्रस्ताव को पुलिस की राय के लिए भेजा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सूत्रों का कहना है कि बेंगलुरु पुलिस इस आयोजन को विधानसभआ के पास कराने के पक्ष में नहीं थी, लेकिन बावजूद इसके यह आयोजन हुआ।
KSCA पर सवाल उठने लगे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने खुद क्रिकेट संघ पर सवाल उठाते हुए कहा कि कार्यक्रम सरकार ने नहीं बल्कि संघ ने आयोजित किया था। उन्होंने कहा, “हमारी जिम्मेदारी सिर्फ सुरक्षा देने की थी। जितने पास बांटे गए थे, उतने लोगों की उम्मीद थी। अगर इससे ज्यादा लोग आ गए, तो यह जांच का विषय है कि गलती किसकी है – पुलिस की या संघ की।”
कर्नाटक के गृहमंत्री जी परमेश्वरा (G. Parameshwara) ने भी कहा कि आयोजन की मांग क्रिकेट संघ की तरफ से आई थी और सरकार ने केवल सुविधा दी। उन्होंने यह भी पुष्टि की कि मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया जा चुका है।
इस गंभीर हादसे में बुधवार को चिन्नास्वामी स्टेडियम (Chinnaswamy Stadium) के पास हजारों की भीड़ जमा हो गई थी। भीड़ बेकाबू हो गई और भगदड़ मच गई, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई और करीब 30 लोग घायल हो गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि भीड़ दो से तीन लाख के बीच थी और इतनी भीड़ की किसी को उम्मीद नहीं थी। उन्होंने यह भी घोषणा की कि मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा। अधिकांश मृतक युवा बताए जा रहे हैं।
इस घटना के बाद कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) ने स्वत: संज्ञान लिया है और आने वाले समय में इस आयोजन की जवाबदेही तय हो सकती है। इस हादसे ने न केवल RCB के फैंस को झकझोर दिया है, बल्कि सरकार और संघ की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।