The News Air- भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में जीडीपी ग्रोथ 7.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को यह अनुमान जताया। उन्होंने मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक के बाद यह जानकारी दी। आरबीआई की MPC ने पॉलिसी रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है।
पहले RBI ने ग्रोथ रेट 7.8% रहने का अनुमान जताया था
केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष में इकोनॉमी की ग्रोथ के अनुमान को घटाया है। पहले RBI ने फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में ग्रोथ रेट 7.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया था। आरबीआई शक्तिकांत दास ने कहा कि फाइनेंशियल ईयर 2022-23 की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 16.2 फीसदी रहने का अनुमान है। दूसरी तिमाही में इसके 6.2 फीसदी रहने का अनुमान है। तीसरी तिमाही में 4.1 फीसदी और चौथी तिमाही में 4 फीसदी रहने का अनुमान है।
तीन दिन चली एमपीसी की बैठक
आरबीआई की एमपीसी की बैठक 6 अप्रैल यानी बुधवार को शुरू हुई थी। यह ऐसे समय हुई, जब वैश्विक स्थितियां चिंताजनक हैं। यूक्रेन पर रूस के हमले से वैश्विक तनाव बढ़ा है। क्रूड की कीमतों में उछाल आया है। दूसरी कमोडिटी की कीमतें भी आसमान में हैं। इससे इनफ्लेशन बढ़ा है।
शक्तिकांत दास ने कहा कि यूक्रेन में रूस के बीच चल रही लड़ाई ने ग्लोबल रिकवरी के लिए बड़ा चैलेंज पेश किया है। रूस और यूक्रेन में लड़ाई का असर दुनियाभर में सप्लाई चेन पर पड़ा है। कमोडिटी और इनपुट की ऊंची कीमतों, क्रूड ऑयल में उछाल, बढ़ते इनफ्लेशन और चिप की कमी के चलते कुल ग्रोथ रेट में सुस्ती आई है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि अमेरिकी में भी ग्रोथ घटी है। इनपुट प्राइसेज बढ़ने से खर्च में कमी आई है और कंज्यूमर कॉन्फिडेंस पर असर पड़ा है।
हर दो महीने में एक बार होती है एमपीसी की बैठक
RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक हर दो महीने पर होती है। एमपीसी में कुल छह सदस्य हैं। शुक्रवार को खत्म बैठक इस वित्त वर्ष में एमपीसी की पहली बैठक थी। एमपीसी की बैठक की अध्यक्षता आरबीआई गवर्नर करते हैं। बैठक के नतीजों के बारे में मीडिया को बताते हुए शक्तिकांत दास ने कहा कि इस बार एमपीसी के सभी सदस्यों ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में किसी तरह का बदलवा नहीं करने का फैसला किया। केंद्रीय बैंक ने अपना स्टैंस भी अकोमोडेटिव बनाए रखा है।