राजस्थान, 10 सितंबर (The News Air): राजस्थान के कोटा में हुई ईद मिलादुन्नबी कांफ्रेस में कई बड़े फैसले हुए. सबसे बड़ा फैसला यह कि कहीं भी शादी में डीजे नहीं बजेगा. डीजे बजाकर नाचने पर निकाह नहीं पढ़ाया जाएगा. यदि किसी शादी में ऐसा कोई आयोजन अनजाने में होता भी तो तौबा और माफी के बाद ही निकाह पढ़ाया जाएगा. इस व्यवस्था को सभी काजी या मौलवी लागू करेंगे. यदि कोई काजी या मौलवी सबकुछ जानकर भी निकाह पढ़ाते हैं तो उनका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा.
इसी प्रकार शादी या समारोह में आतिशबाजी का भी बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया है. तंजीम उलेमा व आइम्मा ए मसाजिद व आल इंडिया मीलाद काउंसिल यूनिट कोटा के सौजन्य से ईद मिलादुन्नबी कांफ्रेंस का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम की सरपरस्ती तंजीम के अध्यक्ष सैयद तफजलुर्रेहमान ने की. वहीं अध्यक्षता मीलाद काउंसिल के प्रदेश अध्यक्ष मौलाना फजले हक ने की. इस कार्यक्रम में देश भर से बड़ी संख्या में आए उलेमाओ व मस्जिद के इमामों ने भाग लिया.
कड़ाई से लागू होंगे प्रस्ताव
इस कांफ्रेंस को बरेली के मौलाना जिक्रुल्लाह और मुंबई महाराष्ट्र के मौलाना सैयद कादरी ने संबोधित किया. वहीं हाफिज मुस्तकीम ने नात पेश की. इस कांफ्रेंस के दौरान तंजीम के सचिव मौलाना कमरुद्दीन अशरफी ने सामाजिक सुधार की दिशा में कुछ प्रस्ताव रखे. उन्होंने कहा कि जुलूस में डीजे, आतिशबाजी व महिलाओं के शामिल होने का विरोध होना चाहिए. उन्होंने शहर व मोहल्ला जुलूस कमेटियों से आग्रह किया है कि इन कुरीतियों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए. उनके प्रस्ताव को सभी उलेमाओं और गणमान्य लोगों ने समर्थन किया.कहा कि इस व्यवस्था को कड़ाई से लागू किया जाएगा.
वक्फ की आय बढ़ाने पर जोर
यही नहीं, जो भी काजी निकाह पढ़ाते समय इस व्यवस्था का उल्लंघन करेंगे, उनका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा. इस मौके पर सभी लोगों ने एक सुर में वक्फ संशोधन बिल 2024 का विरोध किया गया. यह मामला फिलहाल JPC में विचाराधीन है. उलेमाओं ने कहा कि वक्फ के लिए ऐसा कानून बनना चाहिए, जिससे इसकी आय बढ़ सके और इस आय का इस्तेमाल समाज को शिक्षित करने और गरीबों की मदद करने के लिए किया जा सकता है. कांफ्रेंस के सह संयोजक मोइनुद्दीन व जावेद जिलानी ने बताया इसी महीने आल इंडिया ईद मिलादुन्नबी कांफ्रेंस का आयोजन होना है. यह आयोजन दशहरा मैदान में होगा और इसमें देश भर के उलेमा तकरीर करेंगे.