National Agriculture Policy को लेकर पंजाब विधानसभा में एक बड़ा राजनीतिक मोड़ सामने आया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने केंद्र सरकार की ओर से प्रस्तावित नीति पर सीधा हमला बोला। इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस (Congress) के विधायक एकजुट नजर आए और मिलकर ड्राफ्ट पॉलिसी की कड़ी आलोचना की। विधानसभा में इस प्रस्ताव के विरोध में ध्वनिमत से निंदा प्रस्ताव भी पारित किया गया।
BJP के विधायक रहे नदारद
दिलचस्प बात यह रही कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के दो विधायक अश्वनी शर्मा (Ashwani Sharma) और जंगीलाल महाजन (Jangilal Mahajan) पूरे सत्र के दौरान विधानसभा में मौजूद नहीं रहे। लगभग दो घंटे चली इस बहस में दोनों की गैरमौजूदगी ने राजनीतिक हलकों में सवाल खड़े कर दिए हैं।
केंद्र सरकार की नीति को बताया किसान विरोधी
आम आदमी पार्टी सरकार ने केंद्र सरकार की नेशनल पॉलिसी ऑन एग्रीकल्चर मार्केटिंग (National Policy on Agriculture Marketing) के ड्राफ्ट को किसान विरोधी करार दिया। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने यह स्पष्ट किया कि कृषि विपणन (Agriculture Marketing) राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में आता है। उन्होंने कहा,
“ऐसा ड्राफ्ट तैयार करना संविधान के खिलाफ है क्योंकि कृषि विपणन राज्य सूची का विषय है। केंद्र सरकार को इसमें हस्तक्षेप का अधिकार नहीं है।”
कांग्रेस ने भी दिया समर्थन
नेता विपक्ष प्रताप सिंह बाजवा (Pratap Singh Bajwa) ने भी इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी का समर्थन किया। उन्होंने केंद्र सरकार के इस प्रस्ताव की आलोचना करते हुए कहा कि यह किसानों के हितों के खिलाफ है और राज्य सरकार के अधिकारों को कमजोर करने का प्रयास है।
निजी कंपनियों को फायदा पहुँचाने का आरोप
विधायकों का कहना है कि इस नीति से निजी कंपनियों को फायदा मिलेगा और एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी (APMC) अप्रासंगिक हो जाएंगी। वर्तमान में सभी राज्यों में APMC किसानों की फसल की बिक्री के लिए एक पारदर्शी व्यवस्था प्रदान करती हैं। यदि यह ड्राफ्ट पास हो गया तो राज्यों की इस व्यवस्था को कमजोर कर दिया जाएगा।
पंजाब में कृषि कानूनों का इतिहास
गौरतलब है कि पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों ने केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) का भी जबरदस्त विरोध किया था। किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर एक साल से ज्यादा समय तक आंदोलन किया और अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने इन कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था।
पंजाब विधानसभा में सभी विधायकों का एकजुट होना इस बात का संकेत देता है कि राज्य सरकार केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ मजबूती से खड़ी है। अगर यह ड्राफ्ट पारित हुआ, तो यह पंजाब की कृषि अर्थव्यवस्था और किसानों के हितों पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है।