Punjab Police Drug Bust : पंजाब को नशा मुक्त बनाने के संकल्प के साथ शुरू की गई मुहिम “युद्ध नशों विरुद्ध” (War Against Drugs) ने 299 दिन पूरे कर लिए हैं। 25 दिसंबर को, जब दुनिया जश्न मना रही थी, पंजाब पुलिस की 100 से अधिक टीमें पूरे राज्य में नशा तस्करों पर काल बनकर टूटीं। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के सख्त निर्देशों के तहत चलाई जा रही इस मुहिम में पुलिस ने एक ही दिन में 285 स्थानों पर छापेमारी कर 115 तस्करों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है।
ताबड़तोड़ छापेमारी और बरामदगी
चंडीगढ़ में पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, आज की कार्रवाई किसी सामान्य गश्त का हिस्सा नहीं थी, बल्कि यह एक सुनियोजित ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ जैसी थी। 61 राजपत्रित अधिकारियों (Gazetted Officers) की निगरानी में 800 से अधिक पुलिस कर्मियों ने राज्य के चप्पे-चप्पे पर छापेमारी की।
इस दौरान पुलिस ने:
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87 एफआईआर (FIR) दर्ज कीं।
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276 संदिग्ध व्यक्तियों की गहनता से जांच की।
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268 ग्राम हेरोइन और 1,860 नशीली गोलियां/कैप्सूल बरामद किए।
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साथ ही 6,700 रुपये की ड्रग मनी भी जब्त की।
41 हजार से ज्यादा गिरफ्तारियां
यह मुहिम सिर्फ आज की कार्रवाई तक सीमित नहीं है। पिछले 299 दिनों के आंकड़ों पर नजर डालें तो पंजाब पुलिस का प्रदर्शन ऐतिहासिक रहा है। अब तक राज्य भर में कुल 41,775 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया जा चुका है। यह आंकड़ा बताता है कि सरकार और पुलिस प्रशासन नशे के नेटवर्क को जड़ से उखाड़ने के लिए किस हद तक प्रतिबद्ध है।
इलाज की भी पहल: ‘हथकड़ी से हमदर्दी तक’
पंजाब सरकार की रणनीति सिर्फ डंडे के जोर पर नशा खत्म करने की नहीं है, बल्कि भटके हुए युवाओं को मुख्य धारा में लाने की भी है। पुलिस ने आज प्रवर्तन (Enforcement) के साथ-साथ ‘डी-एडिक्शन’ (De-addiction) पर भी जोर दिया। छापेमारी के दौरान पुलिस ने 30 ऐसे व्यक्तियों की पहचान की जो नशे की गिरफ्त में थे और उन्हें नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्रों में इलाज के लिए प्रेरित किया। यह सरकार की EDP (Enforcement, De-addiction, Prevention) रणनीति का हिस्सा है।
वरिष्ठ पत्रकार का विश्लेषण
अक्सर देखा जाता है कि पुलिसिया अभियान कुछ दिनों के जोश के बाद ठंडे पड़ जाते हैं, लेकिन “युद्ध नशों विरुद्ध” का 299वें दिन भी उसी तीव्रता से जारी रहना राजनीतिक इच्छाशक्ति (Political Will) को दर्शाता है। 115 गिरफ्तारियां एक दिन में करना आसान नहीं है; इसके लिए सटीक इंटेलिजेंस और कोऑर्डिनेशन की जरूरत होती है। हालांकि, असली चुनौती सिर्फ छोटे तस्करों (Peddlers) को पकड़ना नहीं, बल्कि उस ‘सप्लाई चेन’ को तोड़ना है जो सीमा पार से या अंतर-राज्यीय नेटवर्क से संचालित हो रही है। 30 लोगों को नशा मुक्ति के लिए भेजना एक सकारात्मक संकेत है कि पुलिस अब ‘सुधारात्मक रवैया’ भी अपना रही है।
जानें पूरा मामला
पंजाब में नशे की समस्या एक सामाजिक नासूर बन चुकी है। इसे खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने पुलिस कमिश्नरों और एसएसपी को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि राज्य को हर हाल में नशा मुक्त बनाना है। इस मुहिम की निगरानी के लिए बाकायदा वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा की अध्यक्षता में एक पांच सदस्यीय कैबिनेट सब-कमेटी भी बनाई गई है जो हर हफ्ते की प्रगति पर नजर रखती है।
मुख्य बातें (Key Points)
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Total Arrests: 299 दिनों में अब तक 41,775 तस्कर गिरफ्तार।
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Today’s Impact: 25 दिसंबर को 115 तस्कर पकड़े गए, 87 एफआईआर दर्ज।
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Force: 800 पुलिस कर्मी और 61 राजपत्रित अधिकारी मैदान में उतरे।
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Strategy: सरकार ‘Enforcement, De-addiction और Prevention’ की नीति पर काम कर रही है।






