PM Modi Security Breach in Punjab: पंजाब में तत्कालीन चन्नी सरकार के दौरान पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक मामले को लेकर मौजूदा मान सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। सीएम भगवंत मान ने इस मामले में पंजाब के पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय, पूर्व डीआईजी फिरोजपुर रेंज इंदरबीर सिंह, पूर्व एसएसपी फिरोजपुर हरमनदीप सिंह हंस के खिलाफ सजा के लिए अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने का निर्देश जारी किया है।
इसी के साथ ही मामले से संबंधित अन्य अफसरों से यह जवाब मांगा गया है कि, उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों ना की जाए? बतादें कि, पीएम मोदी की सुरक्षा मामले में उस दौरान के 9 बड़े अधिकारी आरोपित किए गए हैं। इन सभी अफसरों पर पीएम मोदी के दौरे के दौरान ड्यूटी में लापरवाही बरतने का आरोप है।

केंद्र के जवाब तलबी के बाद एक्शन में आई मान सरकार
दरअसल, हाल ही में केंद्र सरकार ने पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक को लेकर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट मान सरकार से मांगी थी। केंद्र सरकार ने पूछा था कि मामले में अब तक क्या कार्रवाई की गई? मान सरकार से कार्रवाई की रिपोर्ट भेजने को कहा गया था। बतादें कि, इसी के बाद मान सरकार एक्शन में आई। मान सरकार द्वारा केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास मामले को लेकर अब तक उठाए गए क़दमों की पूरी रिपोर्ट भेजी गई। मान सरकार ने गृह मंत्रालय को मामले में एक विशेष कमेटी के गठन की जानकारी दी।
सीएम भगवंत मान ने कहा था- कोई समझौता नहीं
अभी पिछले दिनों ही सीएम भगवंत मान ने पीएम मोदी की सुरक्षा चूक को लेकर अपना बयान भी जारी किया था। सीएम मान ने कहा था कि, देश के पीएम की सुरक्षा में कोई कोताही नहीं बरती जा सकती है। पीएम की सुरक्षा में कोई समझौता बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। पीएम की सुरक्षा को लेकर जो भी प्रोटोकॉल हैं। उन सबका हर हाल में पालन किया जाना चाहिए।
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट की जांच रिपोर्ट को बनाया आधार
आपको बतादें कि, मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जांच रिपोर्ट के आधार पर केंद्र ने पंजाब सरकार से एक्शन रिपोर्ट मांगी थी। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने पीएम मोदी की सुरक्षा चूक मामले में खुद जांच कराई थी। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड जस्टिस इंदु मल्होत्रा की अगुवाई में एक कमेटी गठित की थी। जिसे मामले में विस्तृत जांच कर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया था। सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी को वो सुझाव देने को भी कहे थे जिनसे आगे इस प्रकार के मामलों पर रोक लगाई जा सके।
सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने रिपोर्ट में क्या बताया था?
रिटायर्ड जस्टिस इंदु मल्होत्रा की अगुवाई वाली इस कमेटी ने मामले में जांच करने के बाद पंजाब के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की खामियां पाईं थी। कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल करते हुए कहा था कि पीएम मोदी के दौरे की सूचना होने के बाद भी पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने लापरवाही बरती. जांच कमेटी ने इस मामले के लिए फिरोजपुर के एसएसपी को खासतौर पर जिम्मेदार ठहराया था।
फिरोजपुर दौरे पर निकले थे पीएम मोदी
आपको बतादें कि, तीन कृषि कानूनों को रद्द करने के बाद 5 जनवरी 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार पंजाब दौरे पर निकले हुए थे। पीएम मोदी को पंजाब के फिरोजपुर में रैली को संबोधित करना था, साथ ही इसी बीच पंजाब के लिए कई योजनाओं का शिलान्यास भी पीएम मोदी करने वाले थे लेकिन अफसोस कि वह फिरोजपुर में रैली तक नहीं पहुंच सके। दरअसल, खराब मौसम की वजह से जब हेलिकॉप्टर छोड़ पीएम मोदी अपने काफिले के साथ सड़क के रास्ते फिरोज़पुर आ रहे थे। लेकिन इस दौरान उन्हें रुट क्लियर नहीं मिला।
पीएम मोदी हुसैनीवाला के पास फंस गए। क्योंकि यहां प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम कर रखी थी। प्रदर्शनकारियों की वजह से पीएम मोदी को यहां फ्लाईओवर पर 15-20 मिनट तक फंसे रहना पड़ा और आखिर में वह फिरोज़पुर की अपनी रैली रद्द करते हुए बीच रास्ते ही वापिस दिल्ली को लौट आये। देश के पीएम का कहीं इतनी देर फंसे रहना। यह बड़ी घटना थी। इस घटना को पीएम मोदी की सुरक्षा में भारी चूक माना गया। माना गया कि, पीएम मोदी के लिए ये 15 से 20 मिनट खतरे के मिनट थे।
खुद पीएम मोदी ने कहा- मैं जिंदा लौट आया
दरअसल पीएम मोदी जब दिल्ली लौटते वक्त बठिंडा एयर पोर्ट पर पहुंचे तो वहां एयरपोर्ट के अधिकारियों से उन्होंने एक बड़ी बात कही। पीएम मोदी ने अधिकारियों से कहा- ”अपने सीएम को मेरा धन्यवाद देना कि मैं जिन्दा लौट पाया हूं”।