कृषि के सहायक पेशे के तौर पर घोड़ा पालन को प्राथमिकता देगी पंजाब सरकार

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Punjab to prioritise horse rearing as agro-auxiliary occupation
Punjab to prioritise horse rearing as agro-auxiliary occupation
  • कहा, घोड़ा पालन को आम किसान वर्ग के दायरे में लाने के लिए करेंगे विचार
  • पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी लुधियाना में डेयरी विकास विभाग द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का किया मुआयना

चंडीगढ़, 13 फरवरी (The News Air) पंजाब के पशु पालन और डेयरी विकास मंत्री स. लालजीत सिंह भुल्लर ने कहा है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार कृषि के सहायक पेशे के तौर पर घोड़ा पालन को प्राथमिकता देगी।

गाँव जंडियाली ज़िला लुधियाना में दूसरे अम्पायर होर्स कप-2023 के इनाम वितरण समारोह के दौरान कृषि मंत्री स. कुलदीप सिंह धालीवाल और जल आपूर्ति एवं स्वच्छता मंत्री ब्रम शंकर जिम्पा समेत बतौर मुख्य मेहमान पहुँचे स. लालजीत सिंह भुल्लर ने कहा कि इस क्षेत्र में रोजगार के अथाह अवसर हैं और सरकार घोड़ा पालन को आम किसान वर्ग के दायरे में लाने के लिए विचार करेगी। उन्होंने कहा कि पंजाब की नसल ‘‘नुक्करे घोड़े’’ को अन्य राज्यों में प्रचारित करने के भी प्रयास किए जाएंगे। उनके साथ स. हरदीप सिंह मुंडियां विधायक साहनेवाल, स. दिलजीत सिंह ग्रेवाल विधायक लुधियाना पूर्वी और श्री अशोक पाराशर पप्पी मौजूद थे।

तीन दिन चले इस होर्स कप में हरियाणा, राजस्थान, उतर प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड, गुजरात, महाराष्ट्र से लगभग 500 घोड़ों ने हिस्सा लिया, जिनमें से लगभग 120 घोड़ों को इनाम दिए गए।

कैबिनेट मंत्रियों ने पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान स्टालिअन कैटागरी में पहले स्थान पर रहे पंजाब के घोड़े ‘‘दुल्ले’’ और घोडिय़ों में पहले नंबर पर रही राजस्थान की घोड़ी ‘‘मीरा’’ के लिए इनाम दिए। पहला इनाम 71,000 रुपए और ट्रॉफी और दूसरा इनाम 51,000 रुपए दिया गया। इसके अलावा बाकी 10 घोड़ों को 21 हज़ार से लेकर 5-5 हज़ार रुपए के इनाम दिए गए।

इससे पहले पशु पालन एवं डेयरी विकास मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर और खेल मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी लुधियाना के मेला ग्राउंड में डेयरी विकास विभाग द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का मुआयना किया। कैबिनेट मंत्रियों ने विभाग द्वारा उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिए चलाई जा रहीं मोबाइल वैनों को भी देखा। उन्होंने अधिकारियों को दूर-दराज के गाँवों में दूध उत्पादक जागरूकता शिविरों के जरिए डेयरी किसानों को अधिक से अधिक जागरूक करने की हिदायत भी की।

इस दौरान डेयरी को सहायक पेशे के तौर पर प्रफुल्लित करने के उद्देश्य से लगाई गई नुमाइश और सलाह-परामर्श स्टॉल किसानों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी रही, जहां किसानों ने अपनी समस्याएँ साझा कीं और सुझाव सम्बन्धी फॉर्म भरे। उनके साथ डायरैक्टर डेयरी श्री कुलदीप सिंह और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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