चंडीगढ़, 22 दिसंबर (राज) आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के महासचिव और मीडिया प्रभारी बलतेज पन्नू ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग और शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल द्वारा हाल ही में हुए जिला परिषद और ब्लॉक समिति चुनावों को लेकर लगाए गए बेबुनियाद आरोपों का खंडन किया है।
सोमवार को पार्टी कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पन्नू ने कहा कि कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल दोनों ही कई हलकों में उम्मीदवार खड़े करने में नाकाम रहे हैं और अब ‘आप’ पर सीटों पर कब्जा करने के झूठे आरोप लगा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस ने चुनावों का बहिष्कार इसलिए किया क्योंकि उसे उम्मीदवार नहीं मिले, तो इसकी जिम्मेदारी सिर्फ कांग्रेस की है। किसी को तो वे सीटें जीतनी ही थीं और ‘आप’ के पास हर जगह उम्मीदवार मौजूद थे।
पन्नू ने कहा कि कांग्रेस ने पहले आरोप लगाया था कि दबाव में नामांकन पत्र छीने गए, फाड़े गए या रद्द किए गए। उन्होंने आगे कहा कि जब ये बहाने फेल हो गए तो राजा वड़िंग ने अचानक दावा करना शुरू कर दिया कि कांग्रेस ने 18 सीटों का बहिष्कार किया है और ‘आप’ को इसका फायदा हुआ है। यह राजनीतिक नाकामी को छुपाने की कोशिश के अलावा कुछ नहीं है।
उन्होंने तरनतारन सीट का हवाला दिया, जहां ‘आप’ ने बड़े अंतर से जीत हासिल की जबकि कांग्रेस चौथे नंबर पर खिसक गई और अपनी जमानत भी जब्त करवा बैठी। पन्नू ने कहा कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि कांग्रेस ने असल में मैदान छोड़ दिया था। उन्होंने यह भी कहा कि राजा वड़िंग को इस बात पर भी आत्मचिंतन करना चाहिए कि क्या एससी और बीसी समुदायों के खिलाफ उनकी विवादित टिप्पणियों ने वहां पार्टी की शर्मनाक हार में योगदान दिया है।
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल पर निशाना साधते हुए पन्नू ने उन दावों को खारिज किया कि विभिन्न हलकों में अकाली दल के सैकड़ों नामांकन पत्र रद्द किए गए। उन्होंने याद दिलाया कि नामांकन और जांच की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाती है।
पन्नू ने सवाल किया कि अगर उनके उम्मीदवार थे और कागज गलत तरीके से रद्द किए गए, तो उन्हें वीडियो सबूत पेश करने चाहिए। क्या ये उम्मीदवार काल्पनिक थे, या डायनासोर की तरह किसी भूले हुए युग के थे?
पन्नू ने कहा कि सच्चाई यह है कि न तो कांग्रेस और न ही अकाली दल को उम्मीदवार मिले, फिर भी उनके नेता पंजाब के अगले मुख्यमंत्री बनने के सपने देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि नतीजों से पहले ही राजा वड़िंग प्रचार के लिए हाईकोर्ट पहुंच गए थे, यह जानते हुए भी कि गिनती के दौरान वीडियोग्राफी अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि विपक्ष सिर्फ सुर्खियों पर टिका हुआ है, जन समर्थन पर नहीं।
उन्होंने कहा कि राजा वड़िंग और सुखबीर बादल दोनों को तरनतारन उपचुनाव समेत अपनी हारों को स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि जनता ने जिला परिषद और ब्लॉक समिति चुनावों में भी उन्हें पूरी तरह नकार दिया है।
पन्नू ने कहा कि ये चुनाव पिछले चार सालों में ‘आप’ के शासन पर जनता की मुहर हैं। उन्होंने कहा कि मतदाताओं ने ‘आप’ के काम, 600 यूनिट मुफ्त बिजली, किसानों के लिए दिन में बिजली सप्लाई, बड़े पैमाने पर सड़कों के विकास और 16 टोल प्लाजा बंद करने का समर्थन किया है।
अनियमितताओं के विपक्ष के दावों को खारिज करते हुए पन्नू ने कहा कि ये पिछले कई दशकों में सबसे साफ-सुथरे चुनावों में से एक थे। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने किसी भी पार्टी का पक्ष नहीं लिया। जनता ने प्रचार के लिए नहीं बल्कि काम के लिए वोट दिया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस और अकाली दल 2027 में अपनी निश्चित हार को महसूस करते हुए निराशा में गलत जानकारी फैला रहे हैं। पन्नू ने कहा कि इन पार्टियों ने गांवों में अपना आधार खो दिया है। पंजाब को अकाली दल के राज में हुई बदनामी, नशे, कानूनहीनता और बेअदबी की घटनाएं याद हैं और जनता ने पहले ही उन्हें राजनीतिक हाशिये की ओर धकेल दिया है।






