Punjab Vidhan Sabha Special Session गुरु तेग बहादुर साहिब के 350वें शहीदी दिवस को श्रद्धांजलि देने के लिए पंजाब विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र आज (24 नवंबर, 2025) श्री आनंदपुर साहिब में शुरू हुआ है। यह ऐतिहासिक सत्र राजधानी चंडीगढ़ से बाहर भाई जैता जी मेमोरियल में आयोजित किया गया है, जिसमें मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान सहित सभी दलों के विधायक हिस्सा ले रहे हैं।
पंजाब के इतिहास में आज एक नया अध्याय जुड़ गया है। यह पहली बार है जब विधानसभा का सत्र चंडीगढ़ से बाहर, श्री आनंदपुर साहिब की पवित्र धरती पर आयोजित किया गया है। यह एक दिन का विशेष सत्र सिखों के नौवें गुरु, श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के 350वें शहीदी दिवस को समर्पित है।
भाई जैता जी मेमोरियल में चल रहा है सत्र
आज का यह विशेष सत्र श्री आनंदपुर साहिब में स्थित भाई जैता जी मेमोरियल की भव्य बिल्डिंग में चल रहा है। इस स्थल को विशेष रूप से पंजाब विधानसभा के सत्र के लिए तैयार किया गया है। मुख्यमंत्री सरदार भगवंत सिंह मान ने सभी से इन विशाल कार्यक्रमों का हिस्सा बनने की हार्दिक अपील की है, जो 23, 24 और 25 नवंबर तक चलेंगे।
सभी दलों के नेताओं की उपस्थिति
इस ऐतिहासिक सत्र में सभी पार्टियों के विधायक अपनी उपस्थिति दर्ज कराने पहुंचे हैं। विधानसभा के विपक्षी नेता, अकाली दल के प्रतिनिधि और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के एक मात्र विधायक भी सत्र में शामिल हुए हैं। सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (AAP) के सभी विधायक भी इस मौके पर मौजूद हैं। विधानसभा सत्र कुछ मिनट पहले ही शुरू हुआ है।
क्यों खास है चंडीगढ़ से बाहर सत्र?
यह सत्र इसलिए भी खास है क्योंकि पहले कभी भी विधानसभा का कोई सत्र चंडीगढ़ से बाहर किसी अन्य शहर में आयोजित नहीं किया गया है। अगर इतिहास देखें तो, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल के अलग होने से पहले, विधानसभा सत्र शिमला में हुआ करते थे। जब पंजाब की अपनी विधानसभा बनी, तो सत्र चंडीगढ़ में लगने शुरू हुए। हालांकि, विधानसभा की बिल्डिंग बनने के बाद भी 1961, 1962 और 1963 में कुछ समय के लिए सत्र चंडीगढ़ के सेक्टर 10 स्थित एक सरकारी स्कूल में भी लगे थे, लेकिन शहर बदलकर सत्र लगाना यह पहला मौका है।
मुख्य बातें (Key Points)
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पंजाब विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र श्री आनंदपुर साहिब में भाई जैता जी मेमोरियल में शुरू हुआ है।
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यह सत्र श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के 350वें शहीदी दिवस को समर्पित है।
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यह पहला मौका है जब विधानसभा का सत्र चंडीगढ़ शहर से बाहर आयोजित किया गया है।
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मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के साथ-साथ सभी प्रमुख दलों के विधायक और नेता इस सत्र में शामिल हुए हैं।






