Karnataka Honor Killing : कर्नाटक के धारवाड़ जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने मानवता को शर्मसार कर दिया है। यहाँ झूठी शान की खातिर एक पिता ने अपनी ही 20 वर्षीय गर्भवती बेटी को लोहे की राड से पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया। यह घटना तब घटी जब बेटी अपनी डिलीवरी के लिए जरूरी दस्तावेज लेने गांव लौटी थी।
कर्नाटक के हुबली में घटित यह घटना समाज की उस कड़वी सच्चाई को बयां करती है जहां जाति की दीवारें इंसानियत से ऊंची हो जाती हैं। 20 साल की मान्या धोडामनी और विवेकानंद की प्रेम कहानी कॉलेज के दिनों में शुरू हुई थी। पुलिस के मुताबिक, मान्या लिंगायत समुदाय से थीं, जबकि विवेकानंद दलित समाज से आते थे। अलग-अलग जातियों का होने के कारण दोनों का मिलना आसान नहीं था, इसलिए उनका प्यार इंस्टाग्राम चैट के जरिए परवान चढ़ा।
शादी, विरोध और पुलिस की चेतावनी
जब दोनों के परिवारों को इस रिश्ते की भनक लगी, तो विरोध शुरू हो गया। मान्या जानती थी कि उसके पिता इस इंटर-कास्ट मैरिज के लिए कभी राजी नहीं होंगे। अंततः, इस प्रेमी जोड़े ने घर से भागने का फैसला किया और मई महीने में सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में जाकर शादी कर ली।
शादी के बाद भी मान्या के पिता का गुस्सा शांत नहीं हुआ। उन्होंने विवेकानंद के घर को आग लगाने की धमकी दी। मामला पुलिस थाने तक पहुंचा, जहां दोनों परिवारों की मीटिंग बुलाई गई। पुलिस ने मान्या के पिता को सख्त चेतावनी दी कि वे अपनी बेटी को परेशान न करें। इसके बाद, डर के मारे यह जोड़ा हावेरी जिले में जाकर रहने लगा।
मौत बनकर आया 8 दिसंबर का दिन
शादी के कुछ महीनों बाद, मान्या गर्भवती हो गई। 8 दिसंबर को वह और विवेकानंद हुबली के इनाम वीरापुर गांव वापस आए। उनका मकसद सिर्फ आधार कार्ड और अन्य जरूरी पहचान पत्र लेना था, ताकि डिलीवरी के समय अस्पताल में भर्ती होने में कोई दिक्कत न आए। उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि यह उनकी जिंदगी का आखिरी सफर होगा।
मान्या खेत में काम कर रही थी, तभी उसके पिता ने उसे देख लिया। गुस्से में अंधे पिता ने लोहे की पाइप (रड) और खेती के औजारों से अपनी ही गर्भवती बेटी पर हमला कर दिया। जब मान्या के ससुराल वालों ने उसे बचाने की कोशिश की, तो उन पर भी जानलेवा हमला किया गया। गंभीर रूप से घायल मान्या को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। हमले में घायल अन्य लोगों का इलाज अभी चल रहा है।
वरिष्ठ संपादक का विश्लेषण: कानून के डर पर भारी ‘झूठी शान’
एक अनुभवी पत्रकार के तौर पर इस घटना का विश्लेषण करें तो यह साफ होता है कि पुलिस के हस्तक्षेप और चेतावनी के बावजूद एक पिता के सिर पर ‘ऑनर किलिंग’ का भूत सवार था। यह घटना हमारे सामाजिक ढांचे पर एक गंभीर सवाल है। जब एक पिता अपनी गर्भवती बेटी की चीखें अनसुनी कर देता है, तो यह केवल एक हत्या नहीं, बल्कि रिश्तों की भी मौत है। पुलिस की ‘काउंसलिंग’ और ‘चेतावनी’ ऐसे मामलों में अक्सर नाकाफी साबित होती है, जिसके लिए और सख्त सामाजिक निगरानी की जरूरत है।
पुलिस कार्रवाई और गिरफ्तारी
धारवाड़ की एसपी गुंजन आर्य ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि मान्या पर तीन लोगों ने हमला किया था। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर लिया है और मान्या के पिता समेत दो अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं, विवेकानंद ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई और पुलिस स्टेशन पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई।
जानें पूरा मामला: नांदेड़ में भी हुई थी ऐसी दरिंदगी
वीडियो में एक और दिल दहला देने वाले मामले का जिक्र है जो नवंबर में महाराष्ट्र के नांदेड़ में हुआ था। वहां 22 साल के सक्षम और 20 साल की आंचल की प्रेम कहानी का भी दुखद अंत हुआ। आंचल के परिवार ने धोखे से सक्षम को बुलाया और उसे गोली मार दी, फिर पत्थर से उसका सिर कुचल दिया। उस घटना में आंचल ने सक्षम के शव के साथ शादी रचाकर अपने प्यार को अमर किया था। ये दोनों घटनाएं बताती हैं कि हम 21वीं सदी में होकर भी सोच के स्तर पर कितने पीछे हैं।
मुख्य बातें (Key Points)
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कर्नाटक के हुबली में पिता ने गर्भवती बेटी मान्या की रड से पीटकर हत्या की।
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मान्या (लिंगायत) और विवेकानंद (दलित) ने परिवार के खिलाफ जाकर लव मैरिज की थी।
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दंपती बच्चे की डिलीवरी के लिए दस्तावेज लेने गांव वापस आया था।
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पुलिस ने पिता समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।






