PM YUVA 3.0 Results Declared – केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री युवा लेखक मार्गदर्शन योजना (पीएम-युवा 3.0) के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं। शिक्षा मंत्रालय के तहत आने वाले राष्ट्रीय पुस्तक ट्रस्ट (NBT-India) ने 30 वर्ष से कम आयु के 43 प्रतिभाशाली युवा लेखकों का चयन किया है। ये लेखक देश की 22 आधिकारिक भारतीय भाषाओं और अंग्रेजी में अपनी कलम का जादू बिखेरेंगे। चयनित लेखकों को न केवल अपनी किताब प्रकाशित करने का मौका मिलेगा, बल्कि उन्हें 50 हजार रुपये प्रति माह की छात्रवृत्ति भी दी जाएगी।
क्या है पीएम-युवा योजना का मकसद?
इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश के कोने-कोने से छिपी हुई युवा प्रतिभाओं को खोज निकालना है। यह योजना राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप है, जो युवाओं को उनके विचारों और लेखन के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए प्रेरित करती है। चयनित लेखकों को प्रशिक्षण, संपादकीय सहायता और वित्तीय मदद देकर उन्हें भविष्य के दिग्गज लेखकों के रूप में तैयार किया जाएगा।
किन भाषाओं में हुआ चयन?
इस बार का चयन भाषाई विविधता का एक बेहतरीन उदाहरण है। हिंदी और अंग्रेजी के अलावा, असमिया, बांग्ला, बोडो, डोगरी, गुजराती, कन्नड़, कश्मीरी, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, मैथिली, नेपाली, ओडिया, पंजाबी, संस्कृत, संथाली, सिंधी, तमिल, तेलुगु और उर्दू जैसी भाषाओं में लेखकों के प्रस्तावों को चुना गया है। यह समावेशी साहित्य को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है। चयनित 43 लेखकों में 19 महिलाएं और 24 पुरुष शामिल हैं।
क्या हैं योजना के फायदे?
चयनित लेखकों के लिए यह एक सुनहरा अवसर है। उनके पुस्तक प्रस्तावों को प्रसिद्ध विद्वानों और लेखकों के मार्गदर्शन में अगले छह महीनों के दौरान एक पूर्ण पुस्तक का रूप दिया जाएगा। इस दौरान, प्रत्येक लेखक को 50 हजार रुपये प्रति माह की छात्रवृत्ति मिलेगी। इतना ही नहीं, उनकी प्रकाशित पुस्तक पर उन्हें आजीवन 10 प्रतिशत की रॉयल्टी भी मिलेगी।
विश्लेषण: लेखन को करियर बनाने का मंच (Expert Analysis)
पीएम-युवा योजना सिर्फ एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि एक ‘लॉन्चपैड’ है जो लेखन को एक गंभीर करियर विकल्प के रूप में स्थापित कर रहा है। भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में, जहां हर क्षेत्र की अपनी अनूठी कहानियां हैं, यह योजना उन आवाजों को मुख्यधारा में लाने का काम कर रही है जो अक्सर अनसुनी रह जाती हैं। 22 भाषाओं को शामिल करना यह सुनिश्चित करता है कि भारत का साहित्यिक परिदृश्य केवल हिंदी या अंग्रेजी तक सीमित न रहे। 50 हजार रुपये की छात्रवृत्ति एक युवा लेखक के लिए आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है, ताकि वह बिना किसी चिंता के अपनी रचनात्मकता पर ध्यान केंद्रित कर सके।
आम युवा पर असर (Human Impact)
यह योजना देश के उन लाखों युवाओं के लिए एक उम्मीद की किरण है जो लेखक बनने का सपना देखते हैं लेकिन संसाधनों या मार्गदर्शन की कमी के कारण पीछे रह जाते हैं। यह उन्हें विश्वास दिलाता है कि अगर उनकी कलम में ताकत है, तो सरकार उनके साथ खड़ी है।
जानें पूरा मामला (Background)
पीएम-युवा 3.0 के तहत लेखकों का चयन ‘राष्ट्र निर्माण में भारतीय प्रवासी समुदाय का योगदान’, ‘भारतीय ज्ञान प्रणाली’ और ‘आधुनिक भारत के निर्माता (1950-2025)’ जैसे गंभीर विषयों पर आधारित अकाल्पनिक (Non-fiction) पुस्तक प्रस्तावों के आधार पर किया गया है। ये पुस्तकें भारत के अतीत, वर्तमान और भविष्य को दर्शाती हैं।
मुख्य बातें (Key Points)
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PM YUVA 3.0 के परिणाम घोषित, 43 युवा लेखकों का चयन।
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22 भारतीय भाषाओं और अंग्रेजी में लेखन प्रस्ताव चुने गए।
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चयनित लेखकों को 50,000 रुपये प्रति माह छात्रवृत्ति और रॉयल्टी मिलेगी।
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19 महिलाएं और 24 पुरुष लेखक सूची में शामिल।
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जनवरी 2026 में नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले में राष्ट्रीय शिविर आयोजित होगा।






