Chirag Paswan LJP performance Bihar Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में NDA की ‘सुनामी’ जीत के असली हीरो चिराग पासवान बनकर उभरे हैं। खुद को “प्रधानमंत्री मोदी का हनुमान” बताने वाले चिराग ने अपनी पार्टी LJP (रामविलास) को 97% के अविश्वसनीय स्ट्राइक रेट से 29 सीटें दिलाई हैं। इस प्रदर्शन ने न केवल JDU-RJD को हैरान कर दिया है, बल्कि चिराग को बिहार की सत्ता का ‘किंग’ बना दिया है।
बिहार की राजनीति में इसे ‘चमत्कार’ से कम नहीं माना जा रहा है। लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) ने NDA गठबंधन के तहत सिर्फ 30 सीटों पर चुनाव लड़ा और उनमें से 29 सीटों पर जीत हासिल की। यह 97% का स्ट्राइक रेट बिहार के चुनावी इतिहास में अभूतपूर्व है।
इस ऐतिहासिक प्रदर्शन ने चिराग पासवान को बिहार की राजनीति के केंद्र में ला खड़ा किया है। 2020 में JDU को नुकसान पहुंचाने वाले चिराग, 2025 में NDA के लिए सबसे बड़े ‘गेम चेंजर’ साबित हुए।
PM मोदी के ‘हनुमान’ ने निभाया ‘धर्म’
चिराग पासवान ने पूरे चुनाव में खुद को “प्रधानमंत्री मोदी का हनुमान” बताकर प्रचार किया। उन्होंने अपनी हर रैली में PM मोदी के विजन और गारंटी पर वोट मांगे।
उनका यह दांव सफल रहा। चिराग न केवल अपनी 29 सीटें जीतने में कामयाब रहे, बल्कि उन्होंने अपने 6% से 8% के कोर ‘पासवान’ वोट बैंक को मजबूती से NDA के सहयोगी JDU और BJP के पक्ष में भी ट्रांसफर कराया।
यही वह ‘X-फैक्टर’ था, जिसने NDA की जीत को 200+ सीटों की ‘सुनामी’ में बदल दिया।
‘किंग’ बनकर उभरे, 2020 का ‘बदला’ पूरा
2020 का चुनाव चिराग पासवान ने JDU के खिलाफ और नीतीश कुमार के विरोध में लड़ा था। उस चुनाव में LJP ने JDU के खिलाफ उम्मीदवार उतारकर नीतीश कुमार को 30 से ज्यादा सीटों पर नुकसान पहुंचाया था और 71 सीटों वाली JDU को 45 सीटों पर समेट दिया था।
लेकिन 2025 में पासा पलट गया। BJP के साथ गठबंधन में रहकर चिराग ने न केवल JDU के साथ मंच साझा किया, बल्कि 29 सीटें जीतकर वह JDU (80 सीट) और BJP (91 सीट) के बाद गठबंधन के तीसरे सबसे मजबूत स्तंभ बन गए हैं।
अब चिराग पासवान बिहार की नई ‘ट्रिपल इंजन’ सरकार में एक ‘किंग’ की भूमिका में हैं, जिन्हें नजरअंदाज करना किसी के लिए भी मुमकिन नहीं होगा।
बॉलीवुड से सियासत तक का सफर
31 अक्टूबर 1982 को जन्मे चिराग पासवान, दिवंगत नेता रामविलास पासवान के बेटे हैं। कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई तीसरे सेमेस्टर में छोड़कर वह बॉलीवुड चले गए थे।
2011 में उनकी फिल्म ‘मिले ना मिले हम’ आई, जो सफल नहीं रही। इसके बाद 2012 में उन्होंने राजनीति में कदम रखा। 2014 और 2019 में जमुई से सांसद बने। 2020 में पिता के निधन के बाद, चाचा पशुपति पारस से बगावत हुई और 2021 में उन्होंने ‘LJP रामविलास’ नाम से नई पार्टी बनाई।
2024 में वह हाजीपुर से जीते और केंद्र में मंत्री बने। ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ के नारे के साथ उन्होंने इस चुनाव में खुद को ‘वोट कटवा’ की छवि से निकालकर एक निर्णायक नेता के तौर पर स्थापित किया है।
मुख्य बातें (Key Points)
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बिहार चुनाव 2025 में चिराग पासवान की LJP ने 97% के स्ट्राइक रेट से 30 में से 29 सीटें जीतीं।
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खुद को “PM मोदी का हनुमान” बताने वाले चिराग NDA की 200+ सीटों की जीत में ‘गेम चेंजर’ बने।
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चिराग ने अपना 6-8% कोर वोट बैंक JDU और BJP को भी सफलतापूर्वक ट्रांसफर कराया।
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2020 में JDU को नुकसान पहुंचाने वाले चिराग, 2025 में 29 विधायकों के साथ ‘किंग’ बनकर उभरे हैं।






