हम जो भोजन खाते हैं, उसका पृथ्वी और वातावरण पर व्यापक प्रभाव पड़ता है। पृथ्वी और वातावरण को प्रभावित करने वाले खाद्य पदार्थ का प्रभाव सीधे हमारे जीवन पर पड़ता है। मांसाहार से कार्बन उत्सर्जन अधिक होता है। ये कई तरह के रोग का जोखिम बढ़ाकर हमारी आयु को भी घटा सकते हैं। वहीं प्लांट बेस्ड फ़ूड न सिर्फ कार्बन उत्सर्जन कम करते हैं, बल्कि आयु भी बढ़ाते हैं। आलिया भट्ट, करीना कपूर, दीपिका पादुकोण जैसी कई बॉलीवुड सेलेब्रिटीज (Bollywood Celebrities) प्लांट बेस्ड फ़ूड लेती हैं। कई शोध इस बात को प्रमाणित करते हैं कि जलवायु-अनुकूल प्लांट बेस्ड फ़ूड लोंगेविटी (plant based diet for longevity) के लिए जिम्मेदार होते हैं।
हेल्दी लाइफ की कुंजी है प्लांट बेस्ड फ़ूड (Plant based diet is key for longevity)
पौधे-आधारित आहार (Plant Based diet) बेहतर स्वास्थ्य और लंबे जीवन से जुड़े होते हैं। हाल के वर्षों में प्लांट बेस्ड फ़ूड और उन्हें खाने वाले लोगों में मृत्यु दर पर आधारित कई शोध और अध्ययन किये गये। अध्ययन के निष्कर्ष बताते हैं कि प्लांट बेस्ड फ़ूड खाने वाले लोगों में कैंसर और हृदय रोग की कम घटनाएं होती हैं।
अमीनो एसिड बढ़ाते हैं उम्र (plant based food for lifespan)
पबमेड सेंट्रल में शामिल क्लिनिकल न्यूट्रिशन एंड मेटाबोलिक केयर जर्नल में प्रकाशित शोध निष्कर्ष बताते हैं कि प्लांट बेस्ड फ़ूड में खासकर प्रोटीन सैंक्शन या कुछ अमीनो एसिड जैसे ल्यूसीन या मेथियोनीन होते हैं। इनमें संभावित रूप से जीवन-अवधि बढ़ाने की क्षमता होती है। प्लांट बेस्ड फ़ूड इंसुलिन रेसिस्टेंस, डिस्लिपिडेमिया और अन्य असामान्यताओं में सुधार करते हैं। चयापचय पर ये आहार प्रभाव डालते हैं और गुड गट माइक्रोबायोटा को बढ़ावा देते हैं। यहां ध्यान देने वाली बात है कि ये फ़ूड बच्चों, गर्भवती महिलाओं या वृद्ध व्यक्तियों की आवश्यकताओं को पूरा नहीं करता है, जिन्हें पर्याप्त खुराक मिलनी चाहिए।
10 साल तक बढ़ जाती है आपकी उम्र (Plant based diet for longevity)
संयुक्त राज्य अमेरिका के लोमा लिंडा विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के अध्ययन निष्कर्ष के अनुसार, प्लांट बेस्ड फ़ूड लेने वाले व्यक्ति मांसाहार लेने वाले लोगों की तुलना में औसतन 10 साल अधिक जीवित रह सकते हैं।
लोमा लिंडा के शोधकर्ताओं ने 14 वर्षों तक लगातार 34,000 लोगों के आहार, जीवनशैली और बीमारियों पर नज़र रखी। ये लोग शराब और धूम्रपान से दूर रहते थे और प्लांट बेस्ड फ़ूड लेते थे। इतनी बड़ी आबादी और बहुत लंबे समय तक अध्ययन होने के कारण इसके निष्कर्ष को मानक शोध माना जाता है।
एंटीऑक्सिडेंट और फाइटोकेमिकल्स (Antioxidant and phytochemicals of plant based diet)
हार्वर्ड पब्लिक हेल्थ भी इस बात पर जोर देता है कि पौधे-आधारित आहार को लिया जाए, तो लंबे समय तक जिया जा सकता है। ये आहार महत्वपूर्ण विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होते हैं। ये आहार फाइबर, प्रतिरोधी स्टार्च, एंटीऑक्सिडेंट और फाइटोकेमिकल्स सहित पावरफुल प्लांट कंपाउंड के भी प्रमुख स्रोत होते हैं। लो सैचुरेटेड फैट और लो कोलेस्ट्रॉल वाले प्लांट बेस्ड फ़ूड से भी लाभ मिलता है।शोध में पाया गया कि औसतन ये जीवन में 2-3 साल बढ़ा सकते हैं। यदि कोई भी व्यक्ति इस डाइट का पालन करता है, तो एक एक्स्ट्रा दशक जी सकता है।
स्वास्थ्य समस्याओं से बचाने वाले फ़ूड (plant based food to overcome health problems)
कई प्लांट बेस्ड फ़ूड (vegan diet for longevity) हैं, जिनके सेवन से स्वास्थ्य समस्याओं से बचा जा सकता है और लंबे समय तक जिया जा सकता है।
पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, केल- ये सब्जियां एंटी ओक्सिडेंट गुणों के कारण फ्री रेडिकल्स को खत्म कर सेल को री जुवेनेट करती हैं।
फाइबर युक्त सब्जियां -फाइबर पेट को साफ़ कर वेट कंट्रोल करते हैं।
सभी प्रकार के ताजे फल- फाइबर और जरूरी विटामिन से भरपूर फल शरीर से टोक्सिंस निकालकर स्किन एजिंग से दूर रखते हैं।
बीन्स और दालें-विटामिन बी 12 और जिंक, आयरन, कैल्शियम से भरपूर मिनरल्स बोन और हार्ट हेल्थ तंदुरुस्त रखते हैं।
ड्राई फ्रूट्स, नट्स एंड सीड्स- इसमें मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड ब्रेन एजिंग से बचाव करते हैं।
नारियल का दूध, अखरोट- बादाम दूध, टमाटर, ऑलिव आयल भी इसमें शामिल हैं। ये हार्ट हेल्थ, ब्रेन हेल्थ, सर्कुलेटरी सिस्टम के लिए जरूरी हैं।