Pilibhit Lok Sabha election: क्या वरुण, मेनका की गैर-मौजूदगी में बीजेपी बचा पाएगी पीलीभीत सीट

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Pilibhit Lok Sabha election

नई दिल्ली,17 अप्रैल (The News Air) पीलीभीत लोकसभा क्षेत्र पिछले कुछ दशकों से एक और गांधी परिवार का गढ़ रहा है। इस सीट पर मेनका गांधी और उनके बेटे वरुण गांधी का कब्जा रहा है। पीलीभीत लोकसभा क्षेत्र में पांच विधानसभा सीटें हैं- बहेरी (समाजवादी पार्टी), पीलीभीत (बीजेपी), बरखेरा (बीजेपी), पुरानपुर (बीजेपी) और बिसालपुर (बीजेपी)। यहां लोकसभा के पहले चरण में यानी 19 अप्रैल को चुनाव होने हैं।

मेनका गांधी ने सबसे पहले 1989 में जनता दल के टिकट पर यहां से चुनाव जीता था। 1991 में चुनाव हारने के बाद 1996 में उन्होंने इस सीट पर वापसी की। बाद में उन्होंने 1998 और 1999 में इस सीट पर फिर से जीत हासिल की। बीजेपी ज्वाइन करने के बाद उन्होंने 2004 और 2014 में इस सीट का प्रतिनिधित्व किया। उनके बेटे वरुण गांधी पीलीभीत से निवर्तमान सांसद हैं। उन्होंने सबसे पहले 2009 में इस सीट पर जीत हासिल की थी। 2019 के चुनावों के दौरान वरुण गांधी ने समाजवादी पार्टी के हेमराज वर्मा को 2.5 लाख से भी ज्यादा वोटों से हराया था।

हालांकि, पिछले तीन दशक से ज्यादा के बाद पहली बार मां-बेटे में से कोई भी पीलीभीत सीट पर मौजूद नहीं है। बीजेपी ने इस बार यहां से जितिन प्रसाद को अपना उम्मीदवार बनाया है। प्रसाद ने 2004 और 2009 के चुनावों में शाहजहांपुर और धरौसा सीटों से जीत हासिल की थी। उन्होंने 2021 में बीजेपी का दामन थाम लिया था। उनके खिलाफ समाजवादी पार्टी के भगवत शरण गंगवार और बहुजन समाज पार्टी के अनीस अहमद खान मुकाबले में हैं।

वोटिंग की तारीख

उत्तर प्रदेश में इस बार के लोकसभा चुनाव सभी 7 चरणों में होंगे, जिनमें 19 अप्रैल, 26 अप्रैल, 7 मई, 13 मई, 25 मई और 1 जून शामिल हैं। वोटों की गिनती 4 जून को होगी। 2019 के लोकसभा चुनावो में 59.21% मतदान हुआ था। पीलीभीत में पहले चरण में वोटिंग है।

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