अबोहर (The News Air) पंजाब के अबोहर में दि रेवेन्यू पटवार यूनियन ने एसडीएम आकाश बांसल के तबादले की मांग को लेकर शुरू किए किया गया संघर्ष बुधवार को भी जारी रहा। इस अवसर पर पटवारियों की ओर से पटवारखाने में धरना दिया गया। प्रधान मनप्रीत सिंह की अगुवाई में लगाए गए धरने के दौरान मौजूदा पटवारियों के अलावा रिटायर्ड पटवारियों ने भी शिरकत की।
यूनियन के जिला प्रधान कुलदीप सिंह विशेष तौर पर उपस्थित हुए। जिला फिरोजपुर के पूर्व जिला प्रधान नरिंदर शर्मा, जिला फाजिल्का के पूर्व जिला प्रधान प्यारा सिंह ने भी धरने को संबोधित किया। प्रधान मनप्रीत सिंह ने कहा कि संगठन की ओर से 3 जुलाई से तहसील अबोहर के अतिरिक्त पटवार सर्किलों का काम बंद किया हुआ है। जबकि 21 जुलाई से अबोहर तहसील का काम मुकम्मल तौर पर बंद है।
मामले के बारे में जानकारी देते एसडीएम आकाश बांसल।
एसडीएम के तबादला न होने तक जारी रहेगा संघर्ष
लेकिन, जिला प्रशासन पर जूं तक नहीं रेंग रही। जब तक एसडीएम का तबादला नहीं किया जाता, जब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। जिला प्रधान कुलदीप सिंह, तहसील अध्यक्ष मनप्रीत सिंह, पूर्व जिला अध्यक्ष प्यारा सिंह ने कहा कि यदि जिला प्रशासन की ओर से उक्त मसले का हल न निकाला गया, तो 28 जुलाई शुक्रवार को पूरा जिला फाजिल्का का कामकाज बंद रखा जाएगा।
इधर, एसडीएम आकाश बांसल से जब इस बारे में बातचीत की गई, तो उन्होंने बताया कि 2022 में सफेद मक्खी के कारण किसानों का जो नुकसान हुआ था, उस संबंधी रिपोर्ट बनाने के आदेश पटवारियों को दिए गए थे। ज्यादा पटवारियों की ओर से अपना काम कर दिया है, लेकिन जब तक रिपोर्ट नहीं बनेगी, तो सरकार को कैसे भेजी जा सकती है।
पटवारियों से किसानों के नुकसान की मांग थी रिपोर्ट
ऐसे में उनकी ओर से काम न करने वाले पटवारियों को शोकाज नोटिस जारी किया गया था और जवाब मांगा गया था। उन्होंने बताया कि तीन-चार पटवारी ऐसे हैं, जिन्होंने अपनी रिपोर्ट तैयार नहीं की। यही कारण है कि रिपोर्ट न जाने के कारण किसानों को अभी तक मुआवजा राशि नहीं मिल पाई है। यदि रिपोर्ट भेजी जाती है, तो मुआवजा किसानों के खाते में आएगा।
उन्होंने माना कि पटवारियों की कमी है और एक-एक पटवारी तीन सर्किलों का काम कर रहा है, लेकिन पिछले साल हुए खराबे में अब तक करीब एक साल बाद भी रिपोर्ट नहीं बन पाई। हालांकि उस समय डीसी हिमांशु अग्रवाल ने भी स्पेशल गिरदावरी करने के लिए कहा था, लेकिन कुछेक पटवारियों को छोड़कर बाकी सभी पटवारियों ने अपना काम कर दिया है।