जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir), 18 जनवरी (The News Air): Parents के लिए बड़ी खबर! जम्मू-कश्मीर सरकार ने प्राइवेट स्कूलों द्वारा मासिक और वार्षिक फीस में मनमानी बढ़ोतरी के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए फीस स्ट्रक्चर (Fee Structure) को नियंत्रित करने के लिए नया फैसला लिया है। इस फैसले के तहत, 2025-26 और 2026-27 के लिए स्कूल फीस और वार्षिक शुल्क को तय किया गया है।
अब नर्सरी से लेकर 12वीं कक्षा तक की फीस में क्रमशः 12% मासिक और 20% वार्षिक बढ़ोतरी की जाएगी। यह फैसला बच्चों की शिक्षा को बेहतर बनाने और Parents पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ कम करने के उद्देश्य से लिया गया है।
2025-26 और 2026-27 का नया फीस ढांचा : सरकार की ओर से गठित कमेटी ने स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर (Infrastructure) और खर्चों का अध्ययन करने के बाद नया फीस ढांचा पेश किया है।
2025-26 का फीस स्ट्रक्चर:
- Nursery से UKG (Upper Kindergarten):
- मासिक फीस: ₹1290
- वार्षिक फीस: ₹6625
- कक्षा 1 से 4 तक:
- मासिक फीस: ₹1100
- वार्षिक फीस: ₹8540
- कक्षा 5 से 10 तक:
- मासिक फीस: ₹1170
- वार्षिक फीस: ₹9565
- कक्षा 11:
- मासिक फीस: ₹1225
- वार्षिक फीस: ₹8100
- कक्षा 12:
- मासिक फीस: ₹1300
- वार्षिक फीस: ₹8395
2026-27 का फीस स्ट्रक्चर:
- Nursery से UKG:
- मासिक फीस: ₹1380
- वार्षिक फीस: ₹7090
- कक्षा 1 से 4 तक:
- मासिक फीस: ₹1177
- वार्षिक फीस: ₹9140
- कक्षा 5 से 10 तक:
- मासिक फीस: ₹1165
- वार्षिक फीस: ₹10235
- कक्षा 11:
- मासिक फीस: ₹1310
- वार्षिक फीस: ₹8670
- कक्षा 12:
- मासिक फीस: ₹1390
- वार्षिक फीस: ₹8980
Private Schools पर लगेगी पाबंदियां : सरकार ने फीस नियंत्रण के साथ-साथ स्कूलों पर कई पाबंदियां भी लागू की हैं:
- Uniform और Books की बिक्री पर रोक:
स्कूल कैंपस में यूनिफॉर्म और किताबें बेचने की अनुमति नहीं होगी। - School Fund की पारदर्शिता:
किसी भी अतिरिक्त फंड वसूली पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। - Notice Board और Website पर Fee Structure का प्रदर्शन:
सभी स्कूलों को नई फीस को अपने नोटिस बोर्ड, वेबसाइट और लोकल अखबारों में प्रकाशित करना होगा। - Fee Hike के लिए Approval जरूरी:
बिना सरकार की मंजूरी के किसी भी प्रकार की फीस बढ़ोतरी प्रतिबंधित रहेगी।
Parents की प्रतिक्रिया : फीस बढ़ोतरी को लेकर Parents में मिली-जुली प्रतिक्रिया है। कई Parents ने इसे शिक्षा का खर्च बढ़ाने वाला कदम बताया, जबकि कुछ ने इसे पारदर्शिता बढ़ाने के लिए सकारात्मक कदम माना।
एक Parent ने कहा, “फीस बढ़ गई है, लेकिन यूनिफॉर्म और किताबों की बिक्री पर रोक से राहत मिलेगी।”
सरकार का यह कदम शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता लाने और Parents पर आर्थिक बोझ कम करने के लिए है। हालांकि, फीस में बढ़ोतरी से कुछ Parents नाराज हैं, लेकिन Uniform और Books की बिक्री पर रोक जैसी पाबंदियों से राहत मिलने की उम्मीद है। देखना होगा कि यह फैसला जमीन पर कितनी सफलतापूर्वक लागू होता है।