Owaisi Reaction on Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के पहलगाम (Pahalgam) में हुए आतंकी हमले पर एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने हमले को लेकर कड़ी सजा की मांग करते हुए कहा है कि अब वक्त है जड़ से सबक सिखाने का। ओवैसी का कहना है कि जो लोग भारत और पाकिस्तान (Pakistan) के बीच अमन नहीं चाहते, उनके खिलाफ ज़मीन पर एक्शन लिया जाना चाहिए।
ओवैसी ने कहा, “जो लोग इस हरकत के पीछे हैं, उन्हें सजा मिलनी चाहिए। जो इनके पीछे हैं, वे शांति नहीं चाहते। अगर पहलगाम जैसे पर्यटन क्षेत्र में हमला हो सकता है तो श्रीनगर (Srinagar) भी खतरे से बाहर नहीं है। वहां पुलिस या सीआरपीएफ (CRPF) की कोई तैनाती क्यों नहीं थी?” उन्होंने सवाल उठाया कि घटनास्थल पर त्वरित प्रतिक्रिया दल (Quick Reaction Team) को पहुंचने में एक घंटे से अधिक क्यों लग गया?
ओवैसी ने दावा किया कि आतंकी पाकिस्तान से आए थे और पाकिस्तान उनका समर्थन करता है। उन्होंने यह भी पूछा कि आखिर वे भारत की सीमा कैसे पार कर गए? और इसके लिए जिम्मेदार कौन है? ओवैसी ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि जब तक जिम्मेदारी तय नहीं होती, न्याय अधूरा रहेगा।
साथ ही ओवैसी ने यह भी जानकारी दी कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने उन्हें फोन कर सर्वदलीय बैठक में शामिल होने का निमंत्रण दिया है। ओवैसी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “अमित शाह ने मुझे फोन किया और कहा कि मैं कहां हूं। उन्होंने कहा कि मैं सर्वदलीय बैठक (All-Party Meeting) में भाग लूं। मैं जल्द से जल्द दिल्ली (Delhi) के लिए टिकट बुक करूंगा।”
ओवैसी ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने संसदीय मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) से इस बैठक में सभी राजनीतिक दलों को आमंत्रित किए जाने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि रिजिजू का कहना था कि अगर सभी दलों को बुलाया गया तो बैठक लंबी हो जाएगी। इस पर ओवैसी ने कहा, “हमारा उद्देश्य आतंकवाद के खिलाफ एकजुट और मजबूत संदेश देना है। अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) इस विषय पर एक अतिरिक्त घंटा नहीं निकाल सकते, तो यह चिंता का विषय है।”
‘एक्स’ (X, पूर्व में ट्विटर) पर ओवैसी ने कहा कि छोटी पार्टियों को भी बुलाना चाहिए क्योंकि उनकी भी आवाज़ है और वे देश की जनता का प्रतिनिधित्व करती हैं। उन्होंने यह भी तंज कसा कि रिजिजू ने मजाक में कहा कि ओवैसी की आवाज वैसे भी बहुत ऊंची है, इसलिए उन्हें बुलाने की जरूरत नहीं।
ओवैसी के इस बयान ने राजनीतिक और सुरक्षा गलियारों में नई बहस छेड़ दी है, जहां यह मुद्दा चर्चा में है कि आतंकवाद जैसे गंभीर मामलों में सर्वदलीय एकता और ज़मीन पर सख्त एक्शन कितना जरूरी है।