चंडीगढ़, 13 दिसंबर (ऱाज) पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज पूर्व मुख्यमंत्री और लोक सभा सदस्य चरनजीत सिंह चन्नी द्वारा अपने गैर-जिम्मेदाराना और निराधार बयानों से लोगों को गुमराह करने के लिए उनकी कड़ी निंदा की।
मुख्यमंत्री ने आज सुबह अपनी निवास स्थान पर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, “111 दिनों के पूर्व मुख्यमंत्री ने लोकतंत्र की भावना के विरुद्ध ऐसे बयान देकर अपनी पार्टी की हार स्वीकार कर ली है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी जिला परिषद और ब्लॉक समिति चुनावों में अपनी हार देखते हुए कांग्रेस, अकाली दल और भाजपा लोगों को गुमराह करने वाली चालें चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोगों द्वारा कांग्रेस को बार-बार नकारा गया है और अकाली दल को ज्यादातर उप-चुनावों में हार का मुंह देखना पड़ा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि ये पार्टियां आगामी चुनावों में होने वाली अपनी हार से अच्छी तरह वाकिफ हैं, जिस कारण वे अपनी साख बचाने के लिए ऐसे निराधार बयान दे रही हैं।
मुख्यमंत्री ने चन्नी को उनके द्वारा लगाए जा रहे निराधार आरोपों को साबित करने और यह दिखाने की चुनौती दी कि अतिरिक्त बैलट पेपर कहां छापे गए हैं। उन्होंने कहा कि खुद को कमजोर वर्गों का मसीहा बताने वाला नेता सिर्फ लाइमलाइट में आने के लिए ऐसी चालें चल रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि रिकॉर्ड पर है कि न तो कभी चन्नी और न ही उनकी पार्टी का कोई नेता कभी लोगों के पास गया है, जिस कारण उन्हें लोगों ने बार-बार बाहर का रास्ता दिखाया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने लोगों की सेवा करने की बजाय हमेशा हर पांच साल बाद अपनी बारी का इंतजार किया है, लेकिन अब उनके सपने पूरे नहीं हो रहे, जिस कारण वे निराश हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चन्नी को ऐसे दिखावे में उलझने की बजाय विधान सभा चुनावों के लिए अगले चेहरे की घोषणा के लिए उनके मुख्य दफ्तर में हो रही नीलामी पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि चन्नी को इस ओर ध्यान देना चाहिए, वरना वे नेतृत्व की दौड़ में पीछे रह जाएंगे। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री की ऐसी चालों से उन्हें कोई लाभ नहीं होगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि लोगों ने पहले ही इन चुनावों में कांग्रेस को सबक सिखाने का मन बना लिया है, जिस कारण कांग्रेस नेतृत्व घबरा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वास्तव में कांग्रेस, अकाली दल और भाजपा इन चुनावों में मिलकर मैच खेल रहे हैं क्योंकि कई मामलों में इन पार्टियों के नेता ‘आप’ को हराने के लिए एक ही उम्मीदवार के लिए बारी-बारी प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दूसरी ओर ‘आप’ सिर्फ विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ रही है और ये पार्टियां सिर्फ नफरत और फूट डालने के अपने एजेंडे पर निर्भर कर रही हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि वे इन चुनावों में कभी भी चुनाव प्रचार के लिए नहीं गए, लेकिन एक बात पक्की है कि लोगों की ताकत ने पहले शक्तिशाली रहे नेताओं को जमीन पर लाकर खड़ा कर दिया है।
अकाली नेता सुखबीर सिंह बादल की उदाहरण देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अकाली नेता अपनी सत्ता के दौरान कभी लोगों के साथ नहीं घूले-मिले, लेकिन अब वे जिला परिषद चुनावों के लिए भी प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह आम आदमी की ताकत है कि उस समय के शक्तिशाली नेता अब अपने उम्मीदवारों के लिए वोट मांगने के लिए मोटरसाइकिलों पर सवार हो रहे हैं। भगवंत सिंह मान ने चुटकी लेते हुए कहा कि अकाली दल अब अकाली दल (बादल) नहीं रहा, बल्कि अकाली दल (बेअदबी) या अकाली दल (बदमाशी) बन गया है क्योंकि इस पार्टी ने गैंगस्टरों को चुनाव मैदान में उतारा है।
मुख्यमंत्री ने विपक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों को जड़ से खारिज करते हुए कहा कि उनके उम्मीदवारों को परेशान किया गया है। उन्होंने कहा कि जिला परिषद की 347 जोनों के लिए कांग्रेस के 331, अकाली दल के 298 और भाजपा के 215 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, जबकि पंचायत समिति की 2833 जोनों के लिए कांग्रेस के 2433, अकाली दल के 1814 और भाजपा के 1127 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इससे साबित होता है कि हर पार्टी को इन खुली चुनावों में अपने उम्मीदवार उतारकर चुनाव लड़ने का उचित अवसर मिला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुरानी पार्टियां पंजाब को बिकाऊ प्रदेश समझती हैं, जिस कारण वे सत्ता प्राप्त करने की उम्मीद में चुनाव लड़ने के लिए आगे आ रही हैं। उन्होंने कहा कि एक नेता कह रहा है कि भाजपा अपने नेताओं का सम्मान नहीं करती। भगवंत सिंह मान ने कहा कि अगर इस नेता को भगवे रंग में विश्वास नहीं रहा तो उसे अपनी निराशा दिखाने के लिए मीडिया में लंबे इंटरव्यू देने की बजाय पार्टी छोड़ देनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग कांग्रेस से इतने तंग आ चुके हैं कि दिग्गज नेता भी अपने गृह मैदान में हार रहे हैं। उदाहरण के लिए, प्रदेश कांग्रेस प्रमुख की पत्नी गिद्दड़बाहा से हार गई थी, जबकि 1.75 किलोमीटर (कांग्रेसी नेता के घर से राज भवन तक की दूरी) दूर रहने वाले मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा की पत्नी भी डेरा बाबा नानक से हार गई थी। उन्होंने कहा कि सिद्धू जोड़ा भले ही जो मर्जी शेखी मारे, लेकिन हकीकत यह है कि पंजाब सरकार में मंत्री के रूप में नवजोत सिंह सिद्धू की कार्यक्षमता पूरी तरह शून्य थी।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन नेताओं को पंजाब और पंजाबियों की कोई चिंता नहीं है क्योंकि उनकी नीयत सिर्फ पंजाब को लूटने में है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अलावा पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार ने कई जनहितैषी फैसले लिए हैं। उन्होंने कहा कि पहली बार प्रदेश के दूर-दराज के गांवों तक नहरी पानी पहुंचाया गया है, जिससे सिंचाई के मुद्दे हल हुए हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि कई बंद पड़ी नहरें और राजबहाएं दोबारा खोली गई हैं, जिससे 37 साल बाद कई क्षेत्रों में पानी फिर बहने लगा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को दिन के समय बिजली मिल रही है और इसके साथ ही 90 प्रतिशत घरों को मुफ्त बिजली मिल रही है, जिससे प्रदेशवासियों पर वित्तीय दबाव कम हो रहा है। उन्होंने कहा कि 56,856 युवाओं को बिना किसी सिफारश या भ्रष्टाचार के पारदर्शी तरीके से सरकारी नौकरियां दी गई हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि 19 टोल प्लाजा बंद करने से पंजाबी टोल फीस न देकर रोजाना 64 लाख रुपए की बचत कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर नागरिक तक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए पूरे प्रदेश में 881 आम आदमी क्लीनिक खोले गए हैं जो मुफ्त इलाज और दवाइयां प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में अनेक नवीन कदम उठाए गए हैं, जिन्हें राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रशंसा मिली है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि कुल 118 स्कूल ऑफ एमिनेंस स्थापित किए जा रहे हैं, जो पिछड़े वर्ग के बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक मिसाली कदम है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों को मुफ्त वर्दियां मिल रही हैं और लड़कियों के लिए मुफ्त बस सेवा यह सुनिश्चित करती है कि कोई भी लड़की शिक्षा से वंचित न रहे। उन्होंने कहा कि इन विद्यार्थियों को सशस्त्र सेनाओं में प्रवेश और नीट, जेईई, क्लैट तथा निफ्ट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए विशेष कोचिंग भी दी जा रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह गर्व की बात है कि स्कूल ऑफ एमिनेंस और अन्य सरकारी स्कूलों के 265 विद्यार्थियों ने जेईई मेन्स के लिए, 44 विद्यार्थियों ने जेईई एडवांस्ड के लिए और 848 विद्यार्थियों ने नीट के लिए क्वालीफाई किया है।






