केंद्र सरकार और उपराज्यपाल महोदय के दबाव में रोकी जा रही वन टाइम सेटलमेंट स्कीम : सौरभ भारद्वाज

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केंद्र सरकार और उपराज्यपाल महोदय के दबाव में रोकी जा रही वन टाइम सेटलमेंट स्कीम : सौरभ भारद्वाज
केंद्र सरकार और उपराज्यपाल महोदय के दबाव में रोकी जा रही वन टाइम सेटलमेंट स्कीम : सौरभ भारद्वाज

कई बार लिखित निर्देश देने के बाद भी अधिकारी वन टाइम सैटलमेंट स्कीम कैबिनेट के समक्ष नहीं ला रहे : सौरभ भारद्वाज

भाजपा शासित केंद्र सरकार नहीं चाहती कि दिल्ली के लगभग 11 लाख उपभोक्ताओं की समस्या दूर हो : सौरभ भारद्वाज

वन टाईम सैटलमेंट स्कीम को रोकने के पीछे भाजपा शासित केंद्र सरकार और उपराज्यपाल की मिलीभगत : सौरभ भारद्वाज

हम केंद्र सरकार और उपराज्यपाल महोदय से मांग करते हैं कि जल्द से जल्द य़ह स्कीम कैबिनेट में लाई जाए : सौरभ भारद्वाज

नई दिल्ली, 27 फरवरी 2024

दिल्ली विधानसभा में हुई एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए दिल्ली के शहरी विकास मंत्री श्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, कि पिछले कुछ दिनों से पूरी दिल्ली में और दिल्ली सचिवालय में इस बात की चर्चा हो रही है, कि दिल्ली जल बोर्ड द्वारा जारी किए गए पानी के बिलों से लगभग 40% उपभोक्ता परेशान है I उन्होंने कहा कि दिल्ली में लगभग 27 लाख से अधिक जल बोर्ड के कनेक्शन लगे हुए हैं, जिसमें से लगभग 10.6 लाख उपभोक्ताओं का यह कहना है, कि जल बोर्ड के द्वारा उन्हें जो बिल जारी किया गया है, वह उनके द्वारा इस्तेमाल किए गए पानी की तुलना में बहुत अधिक है I उन्होंने कहा कि 27 लाख उपभोक्ताओं में से लगभग 11 लाख उपभोक्ताओं का यह प्रश्न उठाना अपने आप में एक बहुत बड़ी बात है I

इन लगभग 11 लाख उपभोक्ताओं की समस्या का समाधान करने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा एक वन टाइम सेटलमेंट स्कीम लाने की कोशिश की जा रही है, उसके संबंध में तिथि सहित विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, कि यह वन टाइम सेटलमेंट स्कीम आज से लगभग 1 साल पहले 23 जनवरी 2023 को दिल्ली जल बोर्ड की बोर्ड मीटिंग में पास हुई और अब से लगभग एक महीना पहले 25 जनवरी 2024 को यह प्रस्ताव फाइनेंस डिपार्टमेंट को यह कहकर भेजा गया, कि आप इस प्रस्ताव पर अपनी टिप्पणी दें I इस संबंध में एक महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया कि 5 फरवरी 2024 को फाइनेंस डिपार्टमेंट के एक अधिकारी की ओर से पत्र आया, कि हमें इस प्रस्ताव से संबंधित ओरिजिनल फाइल दी जाए I उन्होंने बताया हालांकि फाइनेंस डिपार्टमेंट का जल बोर्ड की ओरिजिनल फाइल से कोई लेना-देना नहीं होता, उन्हें तो केवल कैबिनेट के नोट पर अपनी टिप्पणी देनी होती हैं I परंतु फिर भी उनकी बात को मानते हुए जल बोर्ड की वह ओरिजिनल फाइल 9 फरवरी 2024 को फाइनेंस डिपार्टमेंट को दे दी गई I

उन्होंने बताया कि ओरिजिनल फाइल देने के पश्चात वित्त विभाग की ओर से उस पर कुछ प्रश्न ( Queries) लगा दी गई I तत्पश्चात वित्त मंत्री द्वारा उन सभी प्रश्नो का जवाब भी दे दिया गया साथ ही साथ इस पॉलिसी पर टिप्पणी भी दे दी गई I उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री द्वारा इस प्रस्ताव पर दी गई टिप्पणी को अस्वीकार करते हुए, शहरी विकास मंत्रालय के एसीएस सहाब ने यह कह दिया कि हम वित्त मंत्री की टिप्पणी को नहीं मानते, इस प्रस्ताव के लिए हमें वित्त मंत्रालय के प्रमुख सचिव द्वारा दी गई टिप्पणी ही मान्य होंगी I मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि 9 फरवरी को ओरिजिनल फाइल देते हुए यह निर्देश भी दिए गए की 12 फरवरी तक इस पर वित्त मंत्रालय द्वारा टिप्पणी दी जाएं और 14 फरवरी को इसे कैबिनेट में प्रस्तुत किया जाए, परंतु निर्देश देने के बावजूद भी विभाग के अधिकारियों द्वारा इस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई I

मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया कि जब मंत्रालय के अधिकारियों द्वारा मंत्री के निर्देशों पर भी कोई कार्यवाही जानबूझकर नहीं की गई, तो 15 फरवरी 2024 को दिल्ली विधानसभा में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी, जल बोर्ड अध्यक्षा आतिशी जी और मैं, हम तीनों ने दिल्ली के माननीय उप राज्यपाल महोदय से मुलाकात की और उनके समक्ष सारा मामला रखा I सारा मामला सुनने के बाद उपराज्यपाल महोदय ने हमसे कहा कि हम मुख्य सचिव को यह निर्देश जारी करें, कि वह अगले हफ़्ते इस प्रस्ताव को कैबिनेट की बैठक में लेकर आए I उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल महोदय के सुझाव के तुरंत बाद ही 15 फरवरी 2024 को ही मैंने मुख्य सचिव को उपराज्यपाल महोदय के साथ हुई बातचीत का हवाला देते हुए लिखित में इस संबंध में निर्देश जारी किए I परंतु इसके बावजूद भी मुख्य सचिव की ओर से इस संबंध में कोई कार्यवाही नहीं की गई I उन्होंने कहा इसके बाद 21 फरवरी 2024 को एक बार फिर से मैंने मुख्य सचिव को लिखित में निर्देश जारी किया, कि इस सप्ताह के अंत तक इस प्रस्ताव को कैबिनेट में लेकर आए, परंतु दोबारा लिखित आदेश जारी करने के बावजूद भी मुख्य सचिव द्वारा इस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई I

मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बार-बार लगातार वित्त विभाग को, मुख्य सचिव को, शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारियों को निर्देश देने के बावजूद भी जब कोई कार्यवाही होती नजर नहीं आई, तो कल बीते सोमवार 26 फरवरी 2024 को एक बार फिर मुख्य सचिव को लिखित में यह निर्देश जारी किया गया, कि हम लोग कैबिनेट की बैठक तय करने जा रहे हैं, या तो आप इस सप्ताह के अंत तक वित्त विभाग की टिप्पणी इस प्रस्ताव पर लेकर आए या वित्त विभाग डायरेक्टली कैबिनेट की बैठक में अपनी टिप्पणियां प्रस्तुत करे I उन्होंने कहा कि एक महीने से भी अधिक समय हो गया है, परंतु वित्त विभाग की ओर से कोई टिप्पणी प्राप्त नहीं हुई, जनता के द्वारा चुनी हुई सरकार एक अधिकारी की टिप्पणी के लिए कितना इंतजार करेगी I

मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि उपराज्यपाल महोदय से मुलाकात कर उनके द्वारा सुझाए गए रास्ते को अपनाते हुए मुख्य सचिव को निर्देश जारी करने के बावजूद भी यदि कोई कार्यवाही होती नजर नहीं आ रही है, तो मन में यह शक पैदा होता है, कि कहीं ना कहीं उपराज्यपाल महोदय के दबाव के कारण ही अधिकारी इस प्रस्ताव को रोक रहे हैं, इस पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है I उन्होंने कहा कि हम लगातार एक अधिकारी के संबंध में उपराज्यपाल महोदय को बार-बार शिकायत कर रहे हैं और उसके बावजूद उपराज्यपाल महोदय द्वारा उस अधिकारी पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है, यह इस बात को दर्शाता है कि कहीं ना कहीं उपराज्यपाल महोदय और अधिकारियों के बीच कोई मिली भगत है I भारतीय जनता पार्टी कि केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा कि उपराज्यपाल महोदय के ऊपर भी भाजपा की केंद्र सरकार है, जिसके निर्देशों पर उपराज्यपाल महोदय काम कर रहे हैं और भाजपा नहीं चाहती कि यह वन टाइम सेटलमेंट स्कीम लागू हो और दिल्ली के लगभग 11 लाख उपभोक्ता जो दिल्ली जल बोर्ड के गलत बिलों से परेशान हैं, उनकी समस्या का समाधान हो सके I

मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा केवल जल बोर्ड में ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य विभाग में भी जहां-जहां मुख्य सचिव द्वारा विभाग का पैसा रोका गया, हमने सबूत के साथ उपराज्यपाल महोदय को इस संबंध में कई बार शिकायत की परंतु उपराज्यपाल महोदय की ओर से दोषी अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई I उन्होंने कहा की मीडिया के माध्यम से हम उपराज्यपाल महोदय से और केंद्र सरकार से यह अपील करते हैं, कि जल्द से जल्द दिल्ली के लगभग 11 लाख उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाने वाली यह स्कीम को कैबिनेट के समक्ष लाया जाए I

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