भुवनेश्वर (The News Air): ओडिशा (Odisha) के बालासोर(Balasore) में दो जून को हुए रेल हादसे का सच सामने आ गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सीआरएस यानी रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने रेलवे बोर्ड को रिपोर्ट दी है उसमें यह दर्दनाक रेल हादसा सिग्नल एवं टेलीकाम डिपार्टमेंट की एक से अधिक गलतियों के कारण होने का उल्लेख है।
रिपोर्ट के मुताबिक इस हादसे के लिए बाहानगा बाजार स्टेशन मास्टर एसवी महान्ति की लापरवाही को भी जिम्मेदार ठहराया गया है। सीआरएस की जांच रिपार्ट में इलेक्ट्रॉनिक्स इंटरलाकिंग सिस्टम में गलती होने की बात भी दर्शाई गई है।
इलेक्ट्रॉनिक्स इंटरलाकिंग सिस्टम में क्या हुई गलती
इलेक्ट्रॉनिक्स इंटरलाकिंग सिस्टम चेंज करने पर 14 सेकेंड में सिग्नल बदल जाना चाहिए। लकिन, हादसे के दिन सिग्नल में अस्वभाविक बदलाव देखने को मिला था। उस दिन सिग्नल बदलने में 14 सेकेंड के बजाय 37 सेकेंड का समय लगा।
स्टेशन मास्टर ने नहीं किया रिपोर्ट
अस्वभाविक बदलाव को लेकर स्टेशन मास्टर को रिपोर्ट करना चाहिए था। रिपोर्ट करने के साथ ही कोरोमंडल एक्सप्रेस को रोक देना चाहिए था। हालांकि, स्टेशन मास्टर ने ऐसा नहीं किया, जिससे यह हादसा हुआ है।
आधुनिकीकरण पर ध्यान नहीं दिया गया: सीआरएस
इसके अलावा रेलव सुरक्षा आयुक्त ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बाहानगा बाजार स्टेशन के आधुनिकीकरण पर ध्यान नहीं दिया गया है। 2018 में बाहानगा बाजार स्टेशन का सिग्नल सर्किट प्वाइंट को बदला गया था। लेकिन इस चेंज को डॉक्येमेंट नहीं किया गया था। वेयरिंग डाइग्राम में यह चेंज दिखाई नहीं दे रहा था।
भयावह हादसे की शाम
बता दें, यह भयावह हादसा आज से तकरीबन एक महीने पहले यानी बीते 2 जून को ओडिशा के बालासोर के पास बहनगा रेलवे स्टेशन के पास हुआ। इस हादसे में तीन ट्रेन शामिल थे। दो सुपर फास्ट ट्रेनें जिनके 17 कुल डिब्बे पटरी से उतर गए। इस दौरान सबसे पहले कोरोमंडल मालगाड़ी से जा टकराई, जिससे ट्रेन के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए और कुछ बगल के ट्रैक पर चले गए, जिस पर बेंगलुरु से चली यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस गुजर रही थी।
इन डिब्बों से यह ट्रेन जा टकराई और भीषण हादसा हो गया। इस हादसे में कुल 293 लोगों की मौत हो गई और हजारों की संख्या में लोग घायल हुए हैं। अभी भी कई घायलों का मेडिकल में इलाज चल रहा है।






