नोएडा, 18 दिसंबर (The News Air) न्यू नोएडा को बसाने की तैयारी तेज कर दी गई है। मास्टर प्लान 2041 को लेकर आई सभी 19 आपत्तियों का निपटारा कर दिया गया है। अब तय किया जाएगा कि वहां जमीन का अधिग्रहण कैसे किया जाए। इसके लिए बॉयलाज में बदलाव किया जाएगा। क्योंकि वर्तमान में जहां न्यू नोएडा के लिए जमीन पर स्कूल या अस्पताल बने है] वहां औद्योगिक पास है। इसलिए भू प्रयोग में बदलाव के साथ ही अधिग्रहण भी किया जाएगा। इसलिए फाइल को दोबारा से बोर्ड में रखकर मास्टर प्लान-2041को पास किया जाएगा।
जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया क्या होगी इसके लिए शासन से मंजूरी ली जाएगी। नोएडा में पहले अर्जेंसी क्लाज के तहत यानी धारा-4 और धारा-6 के तहत जमीन अधिग्रहीत की जाती थी। अब आपसी सहमति के जरिए किसानों से जमीन खरीदी जाती है। इसमें उस गांव के 60 प्रतिशत किसानों की रजामंदी होनी चाहिए। तीसरा लैंड पूल नीति है।
हालांकि न्यू नोएडा के मास्टर प्लान बनाने और अप्रूव के दौरान अधिग्रहण के लिए इसी नीति पर विचार किया जा रहा है। डीएनजीआईआर (दादरी नोएडा गाजियाबाद इनवेस्टमेंट रीजन) गौतमबुद्धनगर के 80 गांवों की जमीन अधिग्रहीत कर बसाया जाना है। इसे नोएडा प्राधिकरण और एसपीए (स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्ट) ने बनाया है। डीएनजीआईआर करीब 21 हजार हेक्टेयर (203 वर्ग किमी) में बसाया जाएगा।
न्यू नोएडा में 21 हजार हेक्टेयर का ब्रेक अप किया गया है। मास्टर प्लान 2041 में 40 प्रतिशत भू उपयोग औद्योगिक , 13 प्रतिशत आवासीय और ग्रीन एरिया व रिक्रेशनल एक्टिविटी के लिए 18 प्रतिशत प्रावधान किया गया है। डीएनजीआईआर को गौतमबुद्ध नगर के 20 और बुलंदशहर के 60 गांवों को मिलाकर बनाया गया है।
इसके अलावा कॉमर्शियल, पीएसपी इंस्टीट्यूशनल, फैसिलिटी / यूटिलिटी, वाटर बॉडी, ट्रैफिक और ट्रांसर्पोटर्स भी यहां होगा। इसकी कुल आबादी 6 लाख मानी जा रही है। इसमें 3.5 लाख की आबादी माइग्रेट होगी। इनके लिए ईडब्ल्यूएस, एलआईजी , एमआईजी और एचआईजी प्रकार की यूनिट बनाई जाएंगी। इसके अलावा कुल रेजिडेंस एशल एरिया 2 हजार हेक्टेयर से ज्यादा होगा।