नई दिल्ली,13 नवंबर (The News Air): लगता है कि वायु प्रदूषण से जल्द छुटकारा नहीं मिलने वाला है. सरकार, प्रशासन और एजेसियों द्वारा इस पर लगाम कसने के प्रयासों के बावजूद प्रदूषण का स्तर कम होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है. देश की राजधानी दिल्ली और उससे सटे एनसीआर की बात करें तो यहां प्रदूषण का स्तर लगातार ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बना हुआ है. बुधवार सुबह जब लोगों ने आंखे खोली तो सामने धूंध की मोटी चादर बिछी हुई थी. आलम यह था कि विजिबिलिटी काफी कम हो गई थी और थोड़ी दूर देख पाना भी मुश्किल हो रहा था. हालांकि, लोग इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि दिल्ली-एनसीआर में ये धुंध कोहरा (Fog) है या फिर स्मॉग?
बुधवार की सुबह दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के अन्य हिस्सों में धुंध की घनी चादर छा गई, जिसकी वजह से विजिबिलिटी में काफी गिरावट देखी गई. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) “बहुत खराब” श्रेणी में बना हुआ है. सीपीसीबी के आंकड़ों से पता चला है कि बुधवार सुबह 5 बजे दिल्ली के आनंद विहार में औसत एक्यूआई 393 था. स्विस समूह IQAir की लाइव रेटिंग के अनुसार, दिल्ली में एक्यूआई 1133 (खतरनाक) था, जिसमें मुख्य प्रदूषक PM2.5 था.
धुंध के साथ-साथ हल्के से मध्यम कोहरे और धुंध के कारण सुबह के समय विजिबिलिटी कम हो गई. विशेषज्ञों को उम्मीद है कि शाम और रात में धुंध की स्थिति बनी रहेगी, जिससे विजिबिलिटी पर और अधिक असर पड़ेगा और खासकर सांस से संबंधित समस्याओं वाले लोगों के लिए स्वास्थ्य जोखिम बढ़ेगा. बता दें कि 30 अक्टूबर से AQI “बहुत खराब” श्रेणी में है. जब से इसे 307 दर्ज किया गया था.
कोहरे और स्मॉग में अंतर
आसमान में छाने वाले धुंध को ही कोहरा (Fog) और स्मॉग (Smog) कहा जाता है. हालांकि, धुंध तो देखने में एक हो सकती है. लेकिन कोहरे और स्मॉग में काफी अंतर है. हवा में तैरती पानी की महीन बूंदों से कोहरा बनता है. वहीं, स्मॉग धुएं और प्रदूषण का मिश्रण होता है. कोहरे का रंग सफेद होता है. जबकि स्मॉग हल्का ग्रे या भूरे रंग का हो सकता है. मौसम ठंडा होने और नमी बढ़ने से कोहरा लगता है. जबकि तापमान गिरने के बाद होने वाले प्रदूषण से स्मॉग होता है.
बता दें कि अक्टूबर और नवंबर में धान की फसल की कटाई के बाद पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने को अक्सर दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है. पंजाब और हरियाणा के कई हिस्सों में मंगलवार को वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई. जबकि, चंडीगढ़ में यह ‘बहुत खराब’ रही. आंकड़ों के अनुसार, पंजाब में 83 नए खेत में आग लगने की घटनाएं हुईं, जिससे कुल संख्या 7,112 हो गई.
सीपीसीबी के समीर ऐप के अनुसार, पंजाब और हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ में रात 9 बजे AQI 349 दर्ज किया गया. पंजाब में मंडी गोबिंदगढ़ में 269, पटियाला में 245, लुधियाना में 233, जालंधर में 212 और रूपनगर में 200 AQI दर्ज किया गया. हरियाणा में कैथल में AQI 291, जींद में 272, पंचकूला में 267, सोनीपत में 240, बहादुरगढ़ में 236, कुरुक्षेत्र में 217, गुरुग्राम में 205 और यमुनानगर में 202 रहा.
बता दें कि प्रदूषण को मापने का पैमाना तय किया गया है. जिसमें शून्य से 50 के बीच AQI को “अच्छा”, 51 से 100 को “संतोषजनक”, 101 से 200 को “मध्यम”, 201 से 300 को “खराब”, 301 से 400 को “बहुत खराब”, 401 से 450 को “गंभीर” और 450 से ऊपर को “गंभीर से अधिक” माना जाता है.