Religious Identity Order in Uttarakhand : भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बीच उत्तराखंड (Uttarakhand) के रूद्रपुर (Rudrapur) से एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में नई बहस छेड़ दी है। यह वीडियो उधम सिंह नगर (Udham Singh Nagar) जिले का बताया जा रहा है, जहां बजरंग दल (Bajrang Dal) के कुछ सदस्य दुकानों पर पहुंचकर यह कह रहे हैं कि दुकानदारों को अपने व्यवसाय का नाम धार्मिक पहचान के आधार पर रखना चाहिए।
1 मिनट 29 सेकंड के इस वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि बजरंग दल के सदस्य एक दुकान के मालिक को यह निर्देश देते हुए नज़र आते हैं कि दुकान के नाम के साथ उसकी धार्मिक पहचान भी स्पष्ट होनी चाहिए। उन्होंने दुकानदार से कहा कि क्षेत्र के लोगों को यह पता होना चाहिए कि उनके पड़ोस में कौन व्यक्ति किस धर्म का व्यवसाय चला रहा है।
बजरंग दल के सदस्यों ने दुकानों पर जाकर कई व्यापारियों से यही बात दोहराई। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि “दुकानदार की असली पहचान साफ होनी चाहिए ताकि किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि को समय रहते रोका जा सके।” वीडियो के अनुसार यह घटना 4 मई की बताई जा रही है। इस दौरान बजरंग दल के सदस्यों ने “जय श्री राम” के नारे भी लगाए।
मीडिया से बात करते हुए एक बजरंग दल सदस्य ने कहा, “हम चाहते हैं कि पड़ोसियों को पता चले कि उनके बगल में कौन किस धर्म या जाति का है। यह कोई हिंदू-मुस्लिम मुद्दा नहीं है, बल्कि सुरक्षा और पारदर्शिता की बात है। कई बार जूस में पेशाब मिलाने, ब्रेड पर थूकने और अन्य आपत्तिजनक गतिविधियों की घटनाएं सामने आती हैं, इसलिए दुकान पर मालिक की धार्मिक पहचान ज़रूरी है।”
हालांकि, इस बयान और वीडियो को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों की तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कई यूज़र्स ने इसे धार्मिक भेदभाव और सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने वाला कदम बताया है, तो कुछ लोगों ने इसे समाज की सुरक्षा से जोड़ कर समर्थन भी जताया है। लेकिन इस घटनाक्रम ने एक बार फिर से धार्मिक पहचान और निजी स्वतंत्रता पर बहस को तेज कर दिया है।
यह मामला न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय बहस का विषय बन चुका है। धार्मिक पहचान के आधार पर दुकान के नाम रखने की यह मांग संविधानिक मूल्यों, समानता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से किस हद तक मेल खाती है, यह आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा।