Adani Group News: करीब एक दशक से भी लंबे समय से बार्कलेज (Barclays) ने अदाणी ग्रुप (Adani Group) को जरूरत पड़ने पर ऐसे समय में फंड मुहैया कराया, जब कुछ ही ग्लोबल फर्म इस ग्रुप के साथ थे। हालांकि इस साल जनवरी में अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) की रिपोर्ट ने सब कुछ बदल दिया और अब अदाणी ग्रुप को लेकर बार्कलेज का भी नजरिया बदल गया। न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग को सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि अब बार्कलेज ने अदाणी ग्रुप के लिए दरवाजे बंद तो नहीं किए हैं लेकिन अब यह कुछ लोन के रीपेमेंट को लेकर निगोशिएट कर रहा है। इ
समें से एक लोन तो वह भी है जो इसने होल्सिम एजी (Holcim AG) के भारतीय सीमेंट कारोबार यानी एसीसी और अंबुजा सीमेंट्स को खरीदने के लिए लिया था। होल्सिम के सीमेंट कारोबार को खरीदने के लिए 650 करोड़ डॉलर की डील में ड्यूश बंक और स्टैंडर्ड चार्टर्ड और बार्कलेज लीड बैंकर्स थे। इसी खरीदारी के चलते ही जेपीमॉर्गन चेज एंड कंपनी को पीछे छोड़ते हुए बार्कलेज देश में मर्जर्स एडवायरी की रैंकिंग में टॉप पर पहुंच गया।
Barclays का क्या रिस्पांस है
बार्कलेज में काम करने वाले जो बैंकर्स यहां के हैं, वे अदाणी ग्रुप के साथ संबंधों को पहले जैसा करना चाहते हैं जबकि लंदन में एग्जेक्यूटिव्स अपनी साख से जुड़े रिस्क का हवाला देते हुए सावधानी बरत रहे हैं। बार्कलेज के प्रवक्ता का इस मामले पर कहना है कि बैंक किसी अफवाह और अनुमान पर प्रतिक्रिया नहीं देता है लेकिन इतना है कि इसमें कुछ तथ्यात्मक गलतियां हैं। हालांकि बैंक ने यह स्पष्ट नहीं किया कि कौन से तथ्य सही नहीं हैं। अप्रैल में ब्लूमबर्ग टेलीविजन को दिए इंटरव्यू में बार्कलेज के सीईओ सीएस वेंकटकृष्णन ने कहा था अदाणी ग्रुप ने अपनी वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए कई कदम उठाए हैं जो अच्छा है।
बैंकों के साथ संबंध को लेकर Adani Group का क्या कहना है
अदाणी ग्रुप का कहना है कि 31 मार्च तक के आंकड़ों के हिसाब से इसकी कंपनियों में आठवां सबसे अधिक एक्सपोजर बार्कलेज का है। हालांकि ग्रुप ने यह खुलासा नहीं किया कि यह एक्सपोजर किस प्रकार का है। अदाणी ग्रुप ने हिंडनबर्ग के अकाउंटिंग फ्रॉड और स्टॉक मैनिपुलेशन के आरोपों से इनकार किया है। ग्रुप ने ब्लूमबर्ग न्यूज को दिए अपने बयान में कहा कि बार्कलेज उसके 12 प्रमुख रिलेशनशिप बैंकों में से एक है और इसकी सभी कंपनियों में निवेश और एक्सपोजर सुरक्षित है।
ग्रुप ने पिछले महीने डेटा सेंटर में निवेश का हवाला देते हुए कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद भी बैंकों के साथ इसके मजबूत संबंध हैं। हालांकि इस डेटा सेंटर के लिए बार्कलेज ने लोन नहीं दिया और इसकी फंडिंग राउंड में ING Bank NV, Mizuho Bank, MUFG Bank, Natixis SA, Standard Chartered Plc और Sumitomo Mitsui Banking Corp शामिल थे।
बैंकों के लिए अदाणी ग्रुप से बाहर निकलना क्यों मुश्किल
उभरते बाजारों में निवेश करने वाले मोबियस कैपिटल पार्टनर्स एलएलपी के मार्क मोबियस का कहना है कि अदाणी ग्रुप के साथ रहना या नहीं, बैंकों के लिए यह चयन करना बहुत कठिन है क्योंकि यह मौजूदा परिस्थितियों से बचकर निकल सकता है और बैंक जीतने वालों के साथ बना रहना चहता है। इसके अलावा अदाणी ग्रुप पर दांव इतना बड़ा है कि बैंकों के लिए संबंध तोड़ना भी बहुत मुश्किल है। पिछले छह साल में बार्कलेज का एशिया से रेवेन्यू दोगुने से अधिक बढ़ गया है।






