Nitish Cabinet Expansion के साथ बिहार में एक बार फिर से सियासी समीकरणों ने नया रूप ले लिया है। नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और उनके साथ 26 अन्य मंत्रियों ने भी पद और गोपनीयता की शपथ ग्रहण की। इस नए मंत्रिमंडल में जहां धन-बल का बोलबाला है, वहीं शैक्षणिक योग्यता और आपराधिक रिकॉर्ड के आंकड़े भी चौंकाने वाले हैं।
बिहार की राजनीति में एक नए अध्याय की शुरुआत हो चुकी है। नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनी नई सरकार में बीजेपी का पलड़ा भारी नजर आ रहा है। शपथ लेने वाले मंत्रियों में सबसे ज्यादा संख्या बीजेपी के नेताओं की है, और दिलचस्प बात यह है कि मंत्रिमंडल के सबसे अमीर और सबसे ज्यादा आपराधिक मामलों वाले मंत्री भी इसी दल से आते हैं।
किस पार्टी का कितना दबदबा?
शपथ ग्रहण समारोह में कुल 26 मंत्रियों ने शपथ ली। इनमें बीजेपी के कोटे से सबसे ज्यादा 14 मंत्री बनाए गए हैं। वहीं, नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू से 9 नेताओं को मंत्री पद मिला है। इनके अलावा, चिराग पासवान की पार्टी (एलजेपी) से दो, जीतन राम मांझी की ‘हम’ (HAM) से एक और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) से एक मंत्री को कैबिनेट में शामिल किया गया है। बीजेपी के सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा को उप-मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
संपत्ति का लेखा-जोखा: कौन है सबसे अमीर?
नए मंत्रिमंडल में शामिल मंत्रियों की संपत्ति के आंकड़े हैरान करने वाले हैं। नीतीश कैबिनेट की औसत संपत्ति करीब 5 करोड़ 70 लाख रुपये आंकी गई है। इस लिस्ट में सबसे ऊपर नाम एक महिला मंत्री का है। औरई सीट से बीजेपी विधायक रमा निषाद इस मंत्रिमंडल की सबसे अमीर मंत्री हैं, जिनकी कुल संपत्ति 31 करोड़ 46 लाख रुपये के आसपास है।
दूसरी तरफ, सबसे कम संपत्ति वाले मंत्री एलजेपी के संजय कुमार हैं। बाखरी सीट से विधायक संजय कुमार के पास मात्र 22 लाख 30 हजार रुपये की संपत्ति है। अमीरी के मामले में बीजेपी के मंत्रियों का बोलबाला है; टॉप 5 सबसे अमीर मंत्री बीजेपी से ही हैं और पार्टी के 14 में से 12 मंत्री करोड़पति हैं। वहीं, जेडीयू के 9 में से 8 मंत्री करोड़पति हैं।
शिक्षा: 10वीं पास से लेकर डॉक्टर तक
मंत्रियों की शैक्षणिक योग्यता भी चर्चा का विषय बनी हुई है। बिहार की इस नई कैबिनेट में सभी मंत्री पढ़े-लिखे हैं। सबसे कम पढ़े-लिखे मंत्री बीजेपी के नितिन नवीन हैं, जो 10वीं पास हैं। हालांकि, कैबिनेट में उच्च शिक्षित नेताओं की भी कमी नहीं है। 7 मंत्री 12वीं पास हैं, 6 ग्रेजुएट हैं, 5 पोस्ट ग्रेजुएट हैं और 4 मंत्रियों के पास डॉक्टरेट की डिग्री है। केवल आरएलएम के दीपक प्रकाश की शैक्षणिक जानकारी सार्वजनिक नहीं है क्योंकि वे अब तक किसी सदन के सदस्य नहीं रहे हैं।
आपराधिक रिकॉर्ड और ‘MY’ समीकरण
कानून-व्यवस्था की बात करें तो 26 में से 14 मंत्रियों पर कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है, जबकि 12 मंत्रियों ने अपने ऊपर दर्ज मामलों की जानकारी दी है। सबसे ज्यादा 5 आपराधिक मामले बांकीपुर से बीजेपी विधायक नितिन नवीन पर दर्ज हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनडीए की जीत के बाद कहा था कि अब ‘MY’ समीकरण का मतलब ‘महिला और युवा’ है। इस कैबिनेट में इस फॉर्मूले की झलक भी दिखती है। मौजूदा मंत्रिमंडल की औसत उम्र 57 साल है, जिसमें अनुभव और जोश का संतुलन बनाने की कोशिश की गई है।
जानें पूरा मामला
बिहार में सियासी हलचल के बाद एनडीए ने फिर से सरकार बनाई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पाला बदलते हुए बीजेपी के साथ मिलकर सरकार का गठन किया है। यह शपथ ग्रहण समारोह इसी नई सरकार के गठन की प्रक्रिया का हिस्सा था, जिसमें जातिगत समीकरणों और क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व को साधने की पूरी कोशिश की गई है। चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामों के आधार पर ही इन मंत्रियों की संपत्ति और शिक्षा का विवरण सामने आया है, जो अब जनता के बीच चर्चा का विषय है।
मुख्य बातें (Key Points)
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नीतीश कुमार के साथ 26 मंत्रियों ने शपथ ली, बीजेपी के सबसे ज्यादा 14 मंत्री।
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बीजेपी की रमा निषाद 31.46 करोड़ की संपत्ति के साथ सबसे अमीर मंत्री।
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एलजेपी के संजय कुमार सबसे कम संपत्ति (22.30 लाख) वाले मंत्री।
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कैबिनेट में 4 मंत्री डॉक्टरेट हैं, जबकि नितिन नवीन 10वीं पास हैं।






