Next CJI Appointed : सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश, जस्टिस सूर्यकांत, भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश (CJI) होंगे। केंद्र सरकार ने गुरुवार (30 अक्टूबर, 2025) को उनकी नियुक्ति को अधिसूचित कर दिया है। वह 24 नवंबर, 2025 को 53वें CJI के तौर पर पदभार ग्रहण करेंगे। जस्टिस सूर्यकांत इस सर्वोच्च न्यायिक पद पर पहुंचने वाले हरियाणा के पहले व्यक्ति होंगे।
कानून मंत्री ने की पुष्टि केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर इस नियुक्ति की पुष्टि की। उन्होंने लिखा, “भारत के संविधान से मिली शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए, राष्ट्रपति को सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस सूर्यकांत को 24 नवंबर से भारत का चीफ जस्टिस नियुक्त करते हुए खुशी हो रही है… मैं उन्हें दिल से बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।”
यह आधिकारिक अधिसूचना मौजूदा CJI भूषण आर. गवई द्वारा जस्टिस कांत के नाम की सिफारिश भेजे जाने के दो दिन बाद आई है। CJI गवई 23 नवंबर, 2025 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
14 महीने का होगा कार्यकाल सुप्रीम कोर्ट के जजों की सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष है। जस्टिस सूर्यकांत का कार्यकाल लगभग 14 महीने का होगा और वह 9 फरवरी, 2027 को रिटायर होंगे।
10 फरवरी 1962 को हरियाणा के हिसार जिले के एक मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मे जस्टिस सूर्यकांत 24 मई, 2019 को सुप्रीम कोर्ट के जज बने थे। उन्हें न्यायिक क्षेत्र का दो दशकों से अधिक का अनुभव है।
जस्टिस कांत सुप्रीम कोर्ट की उन कई ऐतिहासिक बेंचों का हिस्सा रहे हैं, जिन्होंने देश की दिशा तय करने वाले फैसले सुनाए। वह उस संविधान पीठ का हिस्सा थे जिसने आर्टिकल 370 को हटाने के केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा था। इसके अतिरिक्त, वह उस महत्वपूर्ण बेंच में भी शामिल थे, जिसने ऐतिहासिक राजद्रोह कानून (Sedition Law) के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी और निर्देश दिया था कि सरकार द्वारा इसकी समीक्षा पूरी होने तक इसके तहत कोई नई FIR दर्ज न की जाए।
खबर की मुख्य बातें (Key Points)
- नई नियुक्ति: जस्टिस सूर्यकांत 24 नवंबर 2025 को भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ लेंगे।
- मौजूदा CJI: वह मौजूदा CJI भूषण आर. गवई की जगह लेंगे, जो 23 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं।
- कार्यकाल: उनका कार्यकाल लगभग 14 महीने का होगा और वह 9 फरवरी 2027 को सेवानिवृत्त होंगे।
- अहमियत: जस्टिस सूर्यकांत इस सर्वोच्च पद पर पहुंचने वाले हरियाणा के पहले व्यक्ति हैं और आर्टिकल 370 व राजद्रोह कानून जैसे अहम फैसलों का हिस्सा रहे हैं।






